एरोमाथेरेपी में सुगंध के गुण

सुगंध को इंग्लिश में एरोमा कहा जाता है। एरोमाथेरेपी का अर्थ होता है सुगंध की मदद से चिकित्सा करना। हम लोग अपने घरों या मंदिरों में देवताओं को ख़ुश करने के लिए सुगंधित वस्तुएँ जैसे धूपबत्ती, अगरबत्ती और फूल आदि का उपयोग करते हैं क्योंकि ये सुगंधित वस्तुएँ वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करती हैं, मानसिक तनाव को दूर करके चित्त को शांत करती हैं। प्रत्येक सुगंध का असर दिमाग़, भावनाओं और व्यवहार पर सीधा पड़ता है। अच्छी ख़ुशबू से हमारे आसपास का माहौल भी सुखद हो जाता है और हम रिलैक्स महसूस करने लगते है। तनाव अनिद्रा में तो यह विशेष कारगर है।

स्पा और एरोमाथेरेपी

ओस पड़ने के बाद सुबह के समय खेतों से उठने वाली भीनी भीनी ख़ुशबू आँखों की रोशनी बढ़ाने में सक्षम है। विभिन्न वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार ख़ुशबू में वह गुण है जो हर प्रकार के रोगों को ठीक करने में सक्षम है। तो आज हम लोग एरोमाथेरेपी के बारे में जानेंगें…

एरोमाथेरेपी में ख़ुशबू का प्रयोग

1. दालचीनी की सुगंध

दालचीनी का प्रयोग खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए आप सबने अवश्य किया होगा। लेकिन क्या आप लोगों ने इसकी मनमोहक सुगंन्ध का आनंद लिया, शायद नहीं लिया है। मनमोहक और मीठी सुगंध वाली दालचीनी से की जाने वाली एरोमाथेरेपी मानसिक दृढ़ता को मज़बूत करने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने भी मानना है कि इसकी हल्की हल्की ख़ुशबू आपकी ज्ञानात्मक, विज़ुअल मोटर एबिलिटीज़ मेमोरी और एकाग्रता को बढ़ाती है।

2. खट्टे फलों के सुगंध

नींबू या इस जैसे खट्टे फल को सूंघने से आपका मूड अच्छा हो सकता है। विटामिन सी से भरपूर ये फल शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के साथ साथ तनाव को भी कम करते हैं। लेमन ऑयल से उदासी और निराशा दूर होती है और मूड तरोताज़ा हो जाता है। इसी तरह रोज़मेरी भी संतुष्टि प्रदान करता है। इसकी एरोमाथेरेपी से कार्यकुशलता और मूड दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और मांसपेशियों का तनाव भी कम होता है।

3. सेब की सुगंध

हर दिन एक सेब का सेवन स्वास्थ्य और सेहत के लिहाज़ से बेहद फ़ायदेमंद हैं, परन्तु इसकी ख़ुशबू भी अपने आप में एक रामबाण दवा है। कुछ वैज्ञानिकों द्वारा एक शोध किया गया जिसमें माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति के पास सेब की ख़ुशबू रखी गयी। इसके बाद ये पाया गया कि रोगी का दर्द कम हुआ है। इसके अलावा हरे सेब की सुगंध से की जाने वाली एरोमाथेरेपी नेगटिव सोच और फ़ीलिंग को भी कंट्रोल करती है।

Chandan Milk Bath

3. चंदन की सुगंध

चंदन की ख़ुशबू मानसिक व्याकुलता व घबराहट को दूर कर आपके मन और दिमाग़ को बेहद रिलैक्स महसूस कराती हैं। एरोमाथेरेपी में इन्हें मसाज और स्नान के समय पानी में डालकर इस्तेमाल किया जाता है।

आप दिमाग़ी थकान व तनाव मुक्त रहने के लिए एरोमाथेरेपी ज़रूर अपनाएं और सुगंध से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ पाएं।

प्रकृति में छिपे इन भीनी भीनी ख़ुशबू से अपने वातावरण को तनाव मुक्त बनाएं और उसमें सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न कर तन और मन को तरोताज़ा बनाएं।

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