अस्थमा रोग का आयुर्वेदिक उपचार

दमा एक श्वास की बीमारी है जिसे अस्थमा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें रोगी को साँस लेने निकालने में कठिनाई होती है। इस रोग में कफ और खाँसी रोगी का स्वास्थ्य बिगाड़ देते हैं। इस रोग के कारण रोगी थोड़ा चलने या दौड़ने भागने पर बुरी तरह हांफने लगता है। इसलिए आज हम आपको दमा रोग के घरेलू उपचार बताने जा रहे है ताकि दादी माँ के इन नुस्खों को अपनाएं और दमा रोग से छुटकारा पाएं। इसके अलावा अस्थमा रोग के लिए योग भी बताएंगे ताकि जीवन में अच्छे स्वास्थ्य का साथ हमेशा बने रहें।

अस्थमा रोग के कारण

अस्थमा रोग होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे घर में धूल भरे वातावरण रहना, बाहर के वायु प्रदूषण आना-जाना, सर्दी, फ़्लू और ब्रोंकाइटिस का संक्रमण, ध्रूमपान, अधिक मात्रा में शराब पीना, महिलाओं में होने वाले हार्मोनल में बदलाव, सुगंधित पदार्थ, तनाव या भय और आनुवांशिकता आदि के कारण भी दमा रोग हो जाता है।

अस्थमा आयुर्वेदिक उपचार

अस्थमा के लक्षण

अस्थमा रोग में रोगी साँस लेने में कठिनाई और सीने में जकड़न महसूस करता है। ज़ोर-ज़ोर से साँस लेने के कारण थकावट महसूस करता है। जल्दी हाँफने लगता है। स्थिति बिगड़ जाने पर उल्टी भी हो सकती है। सिर दर्द और चक्कर आने की समस्या आदि ये सब अस्थमा होने के लक्षण है।

दमा का घरेलू इलाज

1. तुलसी के 20 पत्तों को पानी से धो कर फिर उन पर कालीमिर्च पाउडर छिड़क कर खाने से श्वास रोग से आराम मिलता है।

2. छिलके सहित एक केले को हल्की आंच पर भुन लें। फिर इस केले का छिलका उतारकर इस पर काली मिर्च का पाउडर बुरक कर खाने से दमा रोग में लाभ प्राप्त होता है।

3. दमा रोग होने पर एक चम्मच हल्दी और दो चम्मच शहद को मिलाकर चाट लेने से असरदार फ़ायदा नज़र आता है।

4. तुलसी के पत्तों का पेस्ट दो चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से अस्थमा रोग चला जाता है।

5. दमा रोग की अचूक दवा है 10 ग्राम मेथी के बीज को एक गिलास पानी मे उबाल लें और जब यह पककर तीसरा हिस्सा रह जाएं तो ठंडा करके इसे पी लें। यह दमा रोग का सरल उपाय अनेकों रोगों में फ़यदेमंद है।

6. चार सूखे अंजीर को रात में पानी मे भिगों कर सुबह खाली पेट सेवन करने से श्वास नली में जमा बलगम धीरे धीरे बाहर निकलने लगता है। जिससे दमा रोगी को राहत मिलती है।

अस्थमा रोग के अन्य उपचार

7. अस्थमा रोग की रामबाण औषधि सहजन की पत्तियों को उबालकर छान लें और उसमें चुटकी भर नमक, एक चौथाई नींबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिलाकर पी लें। कुछ ही दिनों में लाभ दिखने लगेगा।

8. शहद एक ऐसी औषधि है जिसकी सुगंध ही दमा रोगी को फ़ायदा पहुँचाती है। इसके लिए एक शहद भरे बर्तन को रोगी के नाक के नीचे रखें और शहद की गंध श्वास के साथ लें, इससे दमा में राहत मिलती है।

9. दमा उपचार लहसुन की 10 कली को 100 मिली दूध में उबाल लें और इस मिश्रण को सुबह-शाम लेने से दमा रोगी के स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

10. एक चम्मच आंवला रस मे दो चम्मच शहद मिलाकर लेने से फेफड़े ताकत वर बनते हैं और धीरे धीरे यह रोग गायब हो जाता है। इसलिए आंवला को उपयोगी जड़ी बूटी माना गया है।

11. अगर दमा रोगी रोज़ सुबह के समय 6 छुहारा बारीक़ पीस कर खा लें तो इससे सर्दी जुकाम का प्रकोप कम हो जाता है और दमा रोगी के स्वास्थ में बेहतर परिणाम नज़र आता है।

अस्थमा रोग के लिए योगासन

सूर्य भेदी प्राणायाम विधि

सुखासन या पद्मासन की स्थिति में बैठ कर बाएं हाथ को बाएं घुटने पर में रखें और दाएं हाथ की अनामिका से बाएं नासिका के छिद्र को दबाकर बंद करें। फिर दाईं नासिका से तेज़ी से श्वास अन्दर लें। फिर दाएं नासिका के छिद्र को बन्द कर बाएं नासिका के छिद्र से श्वास बाहर निकालें। प्रारम्भ में इसके कम से कम 10 बार करें। इस प्राणायाम के अभ्यास से दमा, वात, कफ रोगों का नाश होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।

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