बच्चे में चिड़चिड़ेपन का कारण समझने के तरीक़े

बच्चा इतना अपनी माँ से अटैच होता है, शायद ही किसी और से होता है। इसलिए बच्चे का पहला स्कूल उसकी माँ को माना गया है। हर माँ को अपने बच्चे को समझना चाहिए तभी उसका लालन पालन ठीक से कर पाएगी। लेकिन कभी कभी बच्चे के स्वभाव और उसके मन को समझना मुश्किल हो जाता है। जिस वजह से बच्चे में अधिक ग़ुस्सा, मानमानी करना और चिड़चिड़ापन दिखने लगता है। कुछ बच्चे गुमसुम और चुपचाप रहने लगते हैं। इनमें से कोई भी परिस्थिति गम्भीर रूप ले सकती है। इसलिए बच्चे में चिड़चिड़ेपन को समझने का हर प्रयास करना चाहिए जिससे उसके स्वभाव में हो रहे एबनॉर्मल बदलावों को रोका जा सकें।

बच्चे में चिड़चिड़ेपन के कारण

बच्चे में चिड़चिड़ेपन के कारण

1. नए बदलाव

सभी बच्चे नए बदलावों के लिए तैयार नहीं होते हैं, जिस वजह से उन्हें परेशानी हो लगती है। वह अपनी परेशानी को कहना नहीं जानते हैं इसलिए उन्हें जैसा समझ आता है वो वैसा बर्ताव करने लगते हैं। नए बदलाव होने कारण बच्चा चिड़चिड़ेपन का शिकार हो जाता है। कुछ बदलाव हैं जैसे – घर में नए बच्चे का जन्म, नया घर, बच्चे के सोने के लिए नया कमरा, बच्चे के सोने का साइड बदलना, प्लेग्रुप में एडमीशन और ऐसे ही कई बदलाव जिनका कारण बच्चा समझ नहीं पाता।

2. प्रॉब्लम इग्नोर करना

जाने अंजाने बच्चे को हो रही परेशानी को जानने के बाद भी उसके प्रति कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न देने के कारण बच्चे को खीझ होने लगती है। हो सकता है कि आप उस प्रॉब्लम को छोटा मानकर उसे इग्नोर कर रही हों लेकिन बच्चे की प्रॉब्लम प्रॉब्लम होती है वो छोटी या बड़ी नहीं होती। हो सकता है कि आप बच्चे को पूरा समय न देती हों या दूसरों का ग़ुस्सा बच्चे पर निकाल देती हों, जिस वजह से बच्चे में ग़ुस्सा भर जाए। बच्चे के प्रति ऐसी लापरवाही से बचना ज़रूरी है।

3. फ़ेवरिट चीज़ का लालच

सभी बच्चे कुछ विशेष चीज़ों को हद से ज़्यादा पसंद करते हैं। अगर आपने बात बात पर उन्हें मानने के लिए चॉकलेट या खिलौने का लालच दिया तो उन्हें उसकी आदत पड़ जाती है। रह रहकर वे आपसे वही चीज़ बार बार माँगते रहते हैं, अगर वह चीज़ न मिले तो वे बिगड़ जाते हैं। कई बार तो उनकी ज़िद सिर का दर्द बन जाती है।

4. सुकून की नींद

बच्चों को किसी न किसी के साथ सोने की आदत होती है। उन्हें अकेला सोना बिल्कुल पसंद नहीं होता है। जब बच्चे छोटे होते हैं तो वे माँ के पास ही सोना पसंद करते हैं। अगर आप अपने बच्चे को अपने से अलग सुलाने की कोशिश करते हैं तो वह बार बार आपके पास आकर सोने के लिए रोने चिल्लाने लगते हैं। ऐसी स्थिति में आपको बच्चों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपने साथ सुला लेना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें सुकून की नींद मिलेगी।

5. शारीरिक थकावट और भूख

दिन भर बच्चा क्या करता है, इस पर नज़र रखना ज़रूरी है। अगर बच्चा थका हुआ और भूखा होगा तो स्वभाविक रूप से आपकी कई बातों से चिढ़ सकता है। दिन की कोई घटना उसे प्रभावित कर सकती है जिससे वह अति उत्साहित या फिर बेसब्र हो सकता है। बच्चा जिसे पसंद न करता हो अगर उसके पास ज़्यादा समय बिताना पड़े तो उसके मन में ग़ुस्सा भर जाता है। इसलिए उसके दिन भर की एक्टिविटी का पूरा ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है।

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उपरोक्त कारणों का जानकर आप ज़रूर अपने बच्चे में चिड़चिड़ेपन को नहीं आने देंगी। जिससे आपका हर पल ख़ुश और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेगा।

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