बेटियों को साहसी, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनायें

बेटियों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है कि उन्हें आत्मनिर्भर बनायें और आत्मरक्षा का गुण सिखायें। क्या आपने अपनी बेटी को इतना एक्टिव बनाया है कि वो अपनी रक्षा ख़ुद कर सके? क्या उनमेंं इतना साहस और उत्साह है कि वे किसी भी मनचले का सामना डटकर कर सकती है? ज़रूरी है कि माता पिता सजग रहें और अपनी बेटियों को एक्टिव बनायें। उनमेंं अदम्य साहस और उत्साह भरें ताकि अपनी वे सुरक्षा स्वयं कर सकें।
बेटियों को साहसी, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनायें

बचपन से बेटियों को साहसी, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनायें

अक्सर आपने देखा होगा कि परिवार में लड़कियों के लिए बार-बार ये कहा जाता है कि जहाँ भी जाएँ घर में बताकर जाएँ या फिर घर के किसी सदस्य के साथ जाएँ। उन्हें कोई सामान लेना हो तो वे बाजार घर से अकेले ना जाएँ। यहाँ तक कि अगर स्कूल या कॉलेज जाना है तो वहाँ भी आपको घर का कोई सदस्य छोड़ देगा, अकेले जाने की ज़रूरत नहीं है।

क्या कभी परिवार ने ये सोचा है कि कब तक वो लड़कियों के पीछे पीछे रहेंगे। उनके पीछे पीछे रहने के बजाय उन्हें आत्मनिर्भर बनाइए, ताकि वे ख़ुद इतनी सक्षम बनें कि अपनी ज़िंदगी का हर क़दम वो ख़ुद चल सकें, उन्हें आपके सहारे की ज़रूरत न पड़े।

आज राह चलते कई मनचले लड़के लड़कियों को छेड़ते है और लड़कियाँ उनका सामना नहीं कर पाती, इसका सबसे बड़ा कारण है उनमें साहस और हिम्मत की कमी का होना, उनका दूसरों पर निर्भर रहना। इस कमी की सबसे बड़ी वजह उनका परिवार है, जिसने कभी अपनी लड़की को आत्मनिर्भर बनने नहीं दिया। उसमें साहस और हिम्मत को कभी पनपने नहीं दिया।

ज़रूरी है कि वर्तमान समय में परिवार जागरूक बने और अपनी बेटियों को इतना साहसी और हिम्मती बनाये कि किसी भी मनचले का वो डटकर सामना कर सके। ताकि दोबारा कोई मनचला राह चलते किसी भी लड़की को छेड़ने की हिम्मत भी न जुटा पाये।

बस ज़रूरी है एक कदम बढ़ाने की।बेटियों को साहसी, हिम्मती और आत्मनिर्भर बनाएं।

बेटियों को आत्मरक्षा का गुण सिखायें

बेटियों की सुरक्षा के लिए ये बेहद ज़रूरी है कि उन्हें बचपन से आत्मरक्षा का गुण सिखाया जाये। ताकि बेटियाँ सुरक्षा को लेकर सजग रहें। अगर उन्हें आत्मरक्षा का गुण सिखाया जाएगा तो ज़रूरत के समय उन तरीक़ों का इस्तेमाल कर अपनी आत्मरक्षा कर पायेंगी।

आज अगर परिवार बेटियों को जूडो कराटे सीखने के लिए ट्रेनिग सेंटर भेजें तो वहाँ बेटियों को ऐसे गुण सिखाये जाते हैं जिससे बेटियाँ शारीरिक रूप से मजबूत बने और उनका आत्मविश्वास बढ़े। इन ट्रेनिग सेंटर के द्वारा उन्हें आत्मरक्षा का गुण सिखाया जाता है और यह भी सिखाया जाता है कि बेटियाँ अपने आप में एक ख़ुद बहुत बड़ी शक्ति है बस ज़रूरत है अपनी शक्ति को पहचानें। जिससे प्रत्येक स्थिति का वो डटकर सामना कर सकें।

एक्टिव और सजग रहें

  • बेटियाँ या महिलाएँ जब भी घर से बाहर निकलें तो कुछ चीजों को हमेशा अपने साथ रखे जैसे- तेज़ धारदार चाकू, मिर्ची पाउडर, मिर्ची स्प्रे आदि।
  • अगर कोई मनचला आपको छेड़ने की कोशिश करे, तो आप डरे नहीं क्योंकि डर के आगे जीत है, बल्कि शोर मचाकर अपने आसपास लोगो की भीड़ को इकट्ठा कर अपनी सुरक्षा कर सकती हैं।
  • आत्मरक्षा में एक गुण यह सिखाया जाता है कि किस तरह से हमारे पास जो सामान होता है जैसे पर्स, सैंडल आदि सामान का समय पड़ने पर उपयोग कर अपनी आत्मरक्षा कर सकती है।

आपको हमारा यह लेख पढ़कर कैसा लगा अपने विचार और सुझाव देना हमे न भूलें।

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