भूख न लगने की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार

बदलते खान पान और जीवनशैली के कारण लोग अक्सर भूख न लगने की समस्या से ग्रसित रहते हैं। लम्बे समय तक समस्या बनी रहे तो गम्भीर परिणाम दिखने लगते हैं। जिससे फ़ूड सप्लीमेंट खाने तक की नौबत आ जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो फ़ूड सप्लीमेंट का बहुत दिन तक आहार के रूप में सेवन नहीं किया जा सकता है।

आयुर्वेद में भूख न लगने का कारण शरीर की अग्नि का मंद हो जाना माना गया है और इस समस्या को मंदाग्नि रोग कहा गया है। अनियमित खान पान वायु पित्त और कफ़ को दूषित कर देता है और भूख लगना कम हो जाती है। जिस कारण से एसीडिटी हो जाती है, शरीर में दर्द रहता है, मुँह का स्वाद बिगड़ जाता है, पेट में भारीपन लगता है और स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। अगर संक्षेप में कहें तो शरीर की कार्य प्रणाली बिगड़ने लगती है।

भूख न लगने की समस्या का उपचारभूख न लगने की समस्या का निवारण

आज हम भूख बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं –

1. सोंठ, अजवाइन, छोटी पीपल, काली मिर्च और जीरे को बराबर मात्रा में लें और उसमें थोड़ी हींग मिलाकर महीन चूर्ण बना लें। दो सप्ताह तक प्रतिदिन एक गिलास छाछ के साथ एक चम्मच चूर्ण का सेवन करने से कब्ज़ और पेट की अनेक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

2. सेंधा नमक, त्रिफला, अजवाइन और हींग को बराबर मात्रा में मिलाकर महीन चूर्ण बना लें; फिर समान मात्रा में पुराना गुड़ मिलाकर छोटी-छोटी गोलियाँ बनाकर रख लें। हर दिन खाना खाने के बाद एक-दो गोलियों को पानी के साथ लेने से खाया हुआ भोजन पचता है और भूख भी बढ़ती है।

3. 50 ग्राम अजवाइन में 12 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें। प्रतिदिन सुबह उठकर दो ग्राम चूर्ण पानी के साथ खाने से भूख बढ़ती है और वात सम्बंधित समस्याओं का नाश होता है।

4. सोंठ, बड़ी इलायची, सूखा पुदीना, गुलाब की पंखुड़ियाँ, सफ़ेद जीरा, अनारदाना, आलू बुखारा और हरड को बराबर मात्रा में मिलाकर चूण बना लें और प्रतिदिन थोड़ा थोड़ा खाने से भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती है।

5. सोंठ, भुना सुहागा, हींग, काला नमक और सिरका समान मात्रा में मिलाकर खाने के बाद प्रतिदिन सेवन करने से भूख बढ़ती है।

6. नीम की निम्बौरियों के साथ हरड का सेवन करने से भूख लगती है और अनेक त्वचा सम्बंधित परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।

7. प्रतिदिन भोजन करने से पहले अदरक पर सेंधा नमक लगाकर खाने से फिर से भूख लगना शुरु हो जाती है।

8. सोंठ और गुड़ के साथ हरड चूर्ण का सेवन करने से भूख बढ़ जाती है।

9. सोंठ, गुड़ और हरड का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन मट्ठे के साथ खाने से भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती है।

10. सोंठ, सौंफ और मिसरी को समान मात्रा में प्रतिदिन खाकर पानी पिएँ, इससे मंदाग्नि रोग समाप्त हो जाएगा।

11. सोंठ का चूर्ण देसी घी में मिलाकर चटाने और गुनगुने जल का सेवन करने से भूख बढ़ जाती है।

12. गाजर, चुकंदर, टमाटर, पालक, पत्ता गोभी जैसी कई हरी सब्ज़ियों का रस निकालकर प्रतिदिन खाना खाने के आधे घंटे पहले पीने से भूख खुल जाती है।

13. 1 ग्राम शहद को जायफल के साथ चाटने से जठराग्नि तीव्र होती है और मंदाग्नि का शांत होती है।

14. अनार और सेब का फल भी क्षुधा बढ़ाते हैं, इसलिए प्रतिदिन इनका सेवन करना चाहिए।

15. बेल का फल और जूस बनाकर पीने से भूख बढ़ती है और पेट की अनेक समस्याओं में लाभ मिलता है।

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