दाद, खाज, खुजली एक गंभीर चर्म रोग है। यदि समय से इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह त्वचा पर अपनी जड़ें जमा लेता है और कितना भी एंटी फ़ंगल क्रीम लगाएं, ठीक होने के कुछ दिन के...
अश्वगंधा शक्ति बढ़ाने वाली औषधि है। औषधियों में अश्वगंधा का पौधा नहीं बल्कि इसकी जड़ का प्रयोग किया जाता है। इसका स्वाद तीखा होता। सस्ती होने के नाते यह सभी के लिए सहज ही उपलब्ध है। इसकी जड़ कूटने...
लीवर का ख़राब होना हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। एक तो खाना नहीं पचेगा, इससे भोजन के तत्व रस, रक्त में परिवर्तित नहीं हो पाएंगे, स्वास्थ्य लगातार गिरता जाएगा, अनमनापन बना रहेगा, किसी काम में...
किसी का नाभि खिसक सकती है। हमारे नाभि में समान वायु स्थित होती है, उसके अपने स्थान से इधर-उधर हो जाने को नाभि खिसकना या नाड़ा उखड़ना कहते हैं। भारी सामान उठाने, गिरन-पड़ने या हाथ-पांव में तेज़ झटका लग...
नवजात के लिए माता का दूध अमृत समान है। इसीलिए इसे पीयूष कहा जाता है। बच्चे का पहला आहार वही है, उसी से बच्चे का जीवन आगे बढ़ता है और पुष्ट होता है। बच्चे को यदि माँ का दूध...
भगंदर जिसे Fistula के नाम से भी जाना जाता है। यह एक गंभीर रोग है। जल्दी ठीक होने का नाम नहीं लेता है, जिसे होता है वह लंबे समय तक परेशान रहता है। इसमें गुदा मार्ग के बाहर एक...
उड़द की दाल प्रोटीन समेत अनेक पौष्टिक तत्वों का पिटारा है। इसमें विटामिन, खनिज लवण, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नेशियम, मैंगनीज आदि तत्व पाए जाते हैं। छिलकों वाली दाल में विटामिन व खनिज लवण की प्रचुरता होती है। कोलेस्ट्राल नाममात्र...
सदाबहार पारिजात गठिया की उत्तम दवा है। इसे संस्कृत में शेफालिका, हिंदी में हरसिंगार, बंगला में शिउली और अंग्रेजी में नाइट जेस्मिन कहते हैं। इसके वृक्ष पर छोटे-छोटे सफेद फूल खिलते हैं और उसकी डंडी नारंगी होती है। यह...
आयुर्वेद भारतीय जीवनचर्या का एक हिस्सा है। गंभीर से गंभीर बीमारियों में जब अन्य पैथियां थक जाती हैं तो आयुर्वेद सहारा देता है। प्राचीन काल में इसने गंभीर बीमारियों का सफल इलाज किया है। इसमें परहेज़ व अनुपान का...
भूमि आंवला को भुई आंवला या भू-धात्री भी कहा जाता है। यह स्वत: उगता है और जगह-जगह मिल जाता है। अक्सर घर के गमले में भी उसकी उत्पत्ति हो जाती है और लोग उखाड़कर फेंक देते हैं। यह बहुत...