सगाई की अंगूठी को अनामिका उंगली में पहनने का कारण

जीवन में शादी और सगाई की रस्म बहुत रोमांचक होती है। कुछ लोगों के लिए ये एक ख़ूबसूरत सपना होता है जिसके सपने वो बचपन से संजोते हैं और इन रस्मों का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं कि कब उनकी शादी होगी, कब उनकी सगाई होगी, कब वो भी इन सारी रस्मों को निभाएंगी। शादी और सगाई की रस्में ऐसी हैं बचपन से हर कोई देखता है और उनके प्रति आकर्षित रहता है। आज मैं आपको बताने रही हूँ कि सगाई की अंगूठी को अनामिका उंगली में क्यों पहनते हैं?

सगाई की अंगूठी

सगाई की अंगूठी और अनामिका

शादी के लिए जब लड़का लड़की एक दूसरे से मिलते हैं और शादी की बात को आगे बढ़ाते हैं, तो पहले उनकी सगाई की जाती है। सगाई के समय वो एक दूसरे को अंगूठियाँ पहनाते हैं। ऐसा नहीं है कि आप सगाई की अंगूठी को हाथ की किसी भी उंगली में पहना सकते हैं, इसे हमेशा बाएं हाथ की अनामिका में ही पहनाया जाता है। अलग अलग देशों में सगाई की अंगूठी को अनामिका में पहनाने से जुड़ी मान्यताएँ हैं।

चीनी मान्यता

चाइनीज़ मान्यता के अनुसार हमारे हाथ की हर उंगली एक संबंध को दर्शाती है। हाथ की तीसरी उंगली का सम्बंध जीवनसाथी से होता है। इसलिए इंगेजमेंट रिंग इसी उंगली में पहनते हैं।

रोमन मान्यता

पश्चिमी देशों में भी इंगेजमेंट रिंग अनामिका में पहनी जाती है। इस उंगली में वेना अमोरिस नाम की नस होती है जो सीधे दिल से जुड़ी होती है। सगाई की अंगूठी को अनामिका उंगली में पहनाने से दोनों पार्टटनर्स के दिल की बात इस उंगली के नस से होते हुए सीधे दिल तक दस्तक दे जाती है। जिससे उन दोनों के बीच प्यार का रिश्ता और भी गहरा हो जाता है।

बात चाहें अनामिका उंगली की हो या दिल की। सबका मक़सद एक ही होता है। दो दिलों के बीच प्यार जगाना और प्यार के एहसास को और भी गहरा बनाना ताकि उनका रिश्ता दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता बने।

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