गर्भावस्था में व्यायाम करने के लाभ

यूँ तो सामान्य परिस्थितियों में व्यायाम करना शरीर के लिए बेहद लाभदायक है। इसे करने से शरीर चुस्त और तंदुरुस्त रहता है। मन शांत रहने के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है और हम कई रोगों से बचे रहते हैं। जब कोई महिला गर्भधारण करे तो व्यायाम करने से बेहद लाभ मिलता है। गर्भावस्था में व्यायाम करने से प्रसव के समय अधिक वेदना का सामना नहीं करना पड़ता है।

गर्भावस्था में व्यायाम

गर्भावस्था में व्यायाम करने के फ़ायदे

गर्भावस्था में व्यायाम करना गर्भस्थ बच्चे के शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। आइए आज गर्भावस्था में व्यायाम करने के लाभ जानते हैं।

  1. शरीर में उत्साह, जोश व स्फूर्ति बनाएं रखने के लिए गर्भावस्था में व्यायाम करना बेहद ज़रूरी है।
  2. माँसपेशियों व जोड़ों का कसाव बनाएं रखने के लिए इसके साथ साथ लचीलापन व ताक़त बढ़ाने के लिए भी व्यायाम करना चाहिए।
  3. ऐठन, कमरदर्द व अन्य शारीरिक व्याधियों से बचने के लिए क़सरत करें तो अच्छा है।
  4. अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए गर्भावस्था में व्यायाम को अधिक महत्व दीजिए।
  5. प्रसव अवस्था के बाद होने वाली परेशानियों से बचने के लिए भी गर्भावस्था में व्यायाम को अपनाएँ।
  6. मानसिक तनाव व परेशानियों से दूर रखने और मन को शांति देने के लिए भी व्यायाम आवश्यक है।
  7. गर्भधारण के बाद नियमित व्यायाम करने से थकान व अनियमित अनिद्रा भी दूर रहती है।
  8. जैसा कि सभी महिलाएँ गर्भावस्था के दौरान भोजन अधिक करती हैं तो उनका वज़न भी बढ़ता है और ही हाथों, कमर और जांघों पर अतिरिक्त चर्बी भी जमने लगती है। यदि गर्भावस्था में व्यायाम किया जाए तो शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी भी दूर हो जाती है।

गर्भावस्था में व्यायाम करें, मगर ध्यान से

गर्भावस्था में व्यायाम करते समय कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। थोड़ी सी लापरवाही भी एक घातक परिणाम दे सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि गर्भावस्था में डॉक्टर की सलाह के अनुसार व्यायाम को करें। फ़िट व स्वस्थ रहने के लिए गर्भावस्था के शुरुआत में टहलना लाभदायक होता है। इससे बच्चा व जच्चा चुस्त व तंदुरुस्त रहते हैं।

गर्भावस्था में व्यायाम करते समय सावधानियाँ

गर्भावस्था में व्यायाम करते समय आपको कुछ परेशानियां जैसे चक्कर आना, रक्तस्राव, उच्च रक्तचाप, ऐंठन, कमज़ोरी, जोड़ो में दर्द आदि महसूस हो तो तुरंत व्यायाम रोकर फ़िजिशयन को दिखाएं। फिर अगर यदि डॉक्टर बोलें कि आप व्यायाम कर सकती हैं। गर्भवती स्त्री को अत्यधिक थकान हो जाए ऐसे व्यायाम नहीं करने चाहिए।

नौ महीनों का फ़िटनेस चार्ट

  1. प्रथम तीन महीनों में व्यायाम आपके व शिशु के शरीर में खून व ऑक्सीजन का संचार बढ़ाता है। साथ ही साथ माँसपेशियों में कसाव व शक्ति को बढ़ाता है। इससे आप कमर दर्द की तक़लीफ़ से भी बच सकती हैं और इससे आपका प्रसव भी आसान बनता है।
  2. मध्य तीन महीनों व्यायाम करने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। नींद अच्छी आती है। अतिरिक्त चर्बी बढ़ने से रोकता है और प्रसव के बाद वज़न घटाने में भी मदद करता है।
  3. अंतिम तीन महीनों में किये गए व्यायाम शारीरिक रूप से आपको मज़बूत बनाता है तथा प्रसव बाद की वेदना से उबरने की आपको ताक़त देता है।

अत: गर्भावस्था में डॉक्टर की सलाह से व्यायाम करें और सेहतमंद रहे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *