हृदय रोग और उपचार के तरीके

बदलती हुई जीवनशैली और ग़लत खानपान जिसके कारण आज हम लोग कई रोगों के शिकार होते जा रहे हैं। उन कई रोगों में हृदय रोग / Heart Disease भी है जिनसे आज लाखों लोग पीड़ित हैं। हार्ट डिसीज़ होने का प्रमुख कारण धूम्रपान, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, मधुमेह, शारीरिक व्यायाम का अभाव, अधिक वज़न होना, डिप्रेशन आदि हैं। स्वस्थ जीवन जीने व हृदय विकार से बचने के लिए दादी माँ के नुस्खे और योग को अपनाएं।

हृदय रोग

हृदय रोग के प्रकार

1. कडिर्योवास्कुलर रोग

मधुमेह और उच्च रक्तचाप के कारण जब शिराओं और धमनियों में विकार पैदा होने लगता है, जिससे दिल की बीमारी होता है।

2. कॉर्डियोमायोपैथी

किसी कारण वश जब हृदय की मांसपेशी मायोकार्डियम अपनी क्रियाशीलता खो देता है, तो यह विकार होता है। इसे हृदय पेशियों का रोग भी कहते हैं।

3. वाल्वुलर हृदय रोग

हृदय में चार वाल्व होते हैं और इन वाल्व में विकार उत्पन्न होने के कारण हार्ट डिसीज़ उत्पन्न होता है।

4. इंफ़्लेमेटरी हृदय विकार

हृदय की मांसपेशियों में सूजन होने से यह बीमारी होती है।

5. हाइपरटेंसिव हृदय विकार

हाईब्लड प्रेशर के कारण यह डिसीज हो जाती है।

6. हार्ट फ़ेल्योर

किसी संरचनात्मक कारणों से उत्पन्न विकार हृदय को शरीर में पर्याप्त मात्रा में रक्त प्रवाह नहीं करने देता जिससे यह विकार बन जाता है।

7. कोरोनरी हृदय रोग

यह रोग धमनियों की भित्तियों के बीच एथरोमेट्स नामक विजातीय तत्व के जम जाने से यह रोग हो सकता है।

हृदय रोग का उपचार करने के घरेलू उपाय

1. रोज़ाना 1 सेब के सेवन से आप स्वस्थ रहेंगे और हार्ट प्रॉब्लम से बचे रहेंगे।

2. रोज़ाना एक कच्चा लहसुन खाने से हार्ट डिसीज़ छू मन्तर हो जाता है।

3. रोज़ाना आंवला का सेवन करें या एक गिलास आंवला का जूस पिएं इससे ख़ून साफ़ रहेगा।

4. रोज़ाना 1 चम्मच शहद का सेवन हृदय को मज़बूत बनाता है और हार्ट डिसीज़ से बचाता है।

5. रोज़ घिया का जूस पीजिए यदि आप रोज़ाना घिया का जूस पीने से हृदय रोग कभी नहीं सताता है।

6. रोज़ अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से हार्ट डिसीज़ समाप्त होते हैं।

योग द्वारा हृदय रोग से बचाव

योग में हर रोग का उपचार सम्भव है। आज हम आपको कुछ ऐसे योग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे हार्ट डिसीज़ को दूर कर स्वस्थ और ख़ुशहाल जीवन जी जा सकता है।

1. हृदय विकार के लिए सबसे उत्तम प्राणायाम है।

2. हार्ट डिसीज़ से बचाव के लिए वज्रासन, गोमुखासन, सर्पासन और योगमुद्रा को नियमित करें।ताकि एक स्वस्थ और ख़ुशहाल जीवन की शुरुआत हो सकें।

रोग कोई भी हो इन हृदय रोगों से मुक्ति पाने का एक मात्र उपाय योग है। अगर आप सभी योग को नियमित करें तो न केवल आप रोग मुक्त रहेंगे बल्कि एक स्वस्थ जीवन जीयेंगे।

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