हिम्मत और सहयोग – प्रेरक कहानी

दोस्तों, ज़िंदगी में कब कौन सी परिस्थितियों से गुज़रना पड़े ये कोई भी नहीं जानता है। हो सकता है आज हमारा अच्छा वक़्त चल रहा हो, पर यदि अचानक परिस्थितियाँ विपरीत हो जाएँ, तो आप कैसे सम्भलेंगे। कुछ लोग तो इसे भाग्य का लेखा मानकर हाथ पर हाथ धर कर बैठे रहते हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो कुछ समय तक तो प्रयास करते हैं लेकिन सफलता न मिलने पर बीच रस्ते में अपनी हिम्मत हार जाते हैं और दुबारा प्रयास करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते। परंतु इनमें से कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपनी हिम्मत और सहयोग की भावना के कारन हर विपरीत परिस्थितियों का सामना कर पाते हैं और अंत में सफलता प्राप्त करते हैं।

तो आज हम आप लोगों से ऐसे ही एक कहानी हिम्मत और सहयोग को साझा करने जा रहे हैं जिसमें एक व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों से पूरी हिम्मत से लड़ता है और लोगों के सहयोग से सफलता प्राप्त करता है।

कहानी – हिम्मत और सहयोग

हिम्मत और सहयोग का महत्व
सन् 1930 में इंग्लैंड में मंदी का दौर था वहाँ कपड़े की एक पुरानी मिल घाटे में चल रही थीं। एक दिन मिल मालिक ने मज़दूरों को बुलाकर कहा कि – “घाटा इतना अधिक बढ़ गया है कि मिल अब दिवालिया घोषित होने जा रही है। हमारी आपकी लम्बी मित्रता का अंत होने वाला है।”

मालिक को लगा की वो अगर वो इस मंदी से निकलने का प्रयास करे तो कैसे करे, जब मालिक को कुछ भी नहीं सूझ रहा था तो मालिक ने यह बात मज़दूरों से कह देना ज़्यादा उचित समझा कि वे अब काम पर उन मज़दूरों को नहीं रख सकते।

अगले दिन सारे मज़दूर मिलकर एक साथ मालिक के केबिन में घुसे। उनमें से प्रत्येक ने बारी-बारी से अपनी बैंक पास बुक मालिक कि मेज़ पर रख दी और कहा कि मालिक हम सब आपके साथ हैं हमारी जितनी भी जमा पूँजी है उसे आप ले लीजिए और घाटा पूरा करके मिल चालू रखिए, आप हिम्मत मत हारिए, बल्कि प्रयासरत रहिए, सफलता हमें अवश्य मिलेगी। मालिक के साथ मज़दूरों की हिम्मत और सहयोग ने उसे दुबारा प्रयास करने के लिए प्रेरणा दी।

उन हज़ारों पास बुकों को लेकर मालिक बैंक पहुचा। बैंक अधिकारी भी इतनी पास बुक देखकर हैरान हो गए। कुछ देर सोचने के बाद वे इस नतीजे पर पहुँचे कि जिस मिल के मालिक और मज़दूरों में इतना सहयोग हो उनके भविष्य में कभी अंधेरा नहीं हो सकता। लिहाज़ा बैंक अधिकारियों ने मिल को उधार देने का फैसला किया। मिल फिर से चालू हुई और संकट के बादल भी धीरे धीरे छँटने लगे।

आख़िर में मज़दूरों के सहयोग और मालिक की हिम्मत ने उसे इस संकट (मंदी) से उभरने की हिम्मत दी और जीत हिम्मत और सहयोग की हुई।

आशा है कि इस प्रेरणा प्रद कहानी से आप ज़रूर कुछ सीखेंगे और कभी विपरीत परिस्थितियाँ आईं तो कभी हिम्मत नहीं हारेंगे बल्कि कोशिश करेंगे कि समस्या से बाहर निकलने की रास्ता आपको स्वयं निकाल लें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *