हिस्टीरिया (Hysteria) मन का रोग है और मन में होने वाली हलचल का सही तरीक़े से समाधान न होने पाने की दशा में यह रोग होता है। हिस्टीरिया रोग के लक्षण स्त्री और पुरुष दोनों में हो सकते हैं। लेकिन महिलाएं इस रोग से सबसे ज़्यादा प्रभावित होती है।
व्यक्तिगत, पारिवारिक, दाम्पत्य जीवन संबंधित अनेक उलझनों के साथ साथ आर्थिक, व्यावसायिक कठिनाइयां, सेक्स जीवन की समस्याओ से जुड़े ऐसे कई कारण होते हैं। जो हिस्टीरिया रोग के लक्षणों को जन्म देते हैं…
लक्षण
सांस फूलना, पति का निष्ठुर व्यवहार, अवैध आचरण, भय व शोक का आधिक्य, अतृप्त कामवासना, चक्कर आना, सिर दर्द, बेचैनी, बड़बड़ाना, रोना, हंसना, गाना, उल्टी करना, अपच, कब्ज़, गैस, अफारा, डकारें, थकान, जोड़ों में दर्द, शरीर के कई अंगों में दर्द, मासिक धर्म में गड़बड़ी, गर्भपात हो जाना, सेक्स व्यवहार में विषमताएं होना आदि लक्षण हिस्टीरिया के रोगी में नज़र आते हैं।
उपाय
इस रोग का शमन करने के लिए आप निम्न उपायों को अपना सकते हैं
– पति पत्नी में सुलह करवाएं।
– रोगिणी अविवाहित हो तो विवाह करवा दें।
– मानसिक तनाव से बचने के लिए नियमित हल्का फुल्का व्यायाम करें।
– गर्भाशय विकार की जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ से करवाए।
– अगर हिस्टीरिया रोगी बेहोश हो जाए। तो अमृतधारा की एक एक बूंद नाक में डालने से बेहोशी दूर हो जाती है, इसके अलावा पोटेशियम परमैंगनेट को सुंघाने से भी छींकें आकर मूर्च्छा दूर हो जाती है।
हिस्टीरिया रोग का घरेलू उपचार
1. केला
केले के तने का ताज़ा रस हिस्टीरिया के रोगी को ठीक करने का अचूक नुस्ख़ा है। रोज़ाना दिन में तीन बार एक गिलास केले के तने के ताज़े रस का सेवन करें। ऐसा लगभग 4 महीने तक सेवन करने से लाभ होता है।
2. चुकन्दर का जूस
एक कप ताज़े चुकन्दर के जूस में एक चम्मच आंवले का रस मिलाकर रोज़ाना सुबह पीने से हिस्टीरिया रोग का शमन होता है।
3. सेब
नियमित सेब के रस का सुबह-शाम सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
4. नींबू
गर्म पानी में नीबू, नमक, जीरा, भुनी हुई हींग व पुदीना मिलाकर पीएं। लगभग एक माह तक इसका सेवन करने से बेहतर लाभ प्राप्त होगा।
5. हींग
हिस्टीरिया का दौरा पड़ने पर हींग सुंघाने से राहत मिलती है। साथ ही आधा ग्राम हींग के सेवन से भी लाभ मिलता है।
6. बादाम
रात्रि को 8-10 बादाम पानी में भिगोकर रख दें। सुबह शौच आदि से निवृत्त होकर चबा-चबाकर बादाम खाने से भी हिस्टीरिया रोगी को राहत मिलता है।
7. अनार
इस रोग में नियमित अनार खाने से या अनार का रस पीने से भी लाभ प्राप्त होता है।
8. धनिया का चूर्ण
12 ग्राम हींग में 4 ग्राम सर्पगंधा मिलाकर बारीक़ चूर्ण बना लें। रात में सोते समय 2 ग्राम चूर्ण का जल के साथ सेवन करने से हिस्टीरिया रोग का शमन होता है।
9. दूध
दूध में एक चम्मच शहद और 12 किशमिश डालकर सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। केवल दूध और भात का सेवन पुराने से पुराने हिस्टीरिया रोग का शमन करने में सक्षम है।
10. बालवच का चूर्ण
थोड़े से शहद में बालवच के चूर्ण को मिलाकर रोज़ाना 40 दिन तक सेवन करने से हिस्टीरिया रोग शांत होता है।
हिस्टीरिया रोगी इन आहार का सेवन करें
गाय का दूध, नारियल का पानी, छांछ, आंवले का मुरब्बा, पपीता, अंजीर, खीरा, संतरा, मौसमी, अनार, बेल, गेहूं की रोटी, पुराना चावल, दलिया, मूंग मसूर की दाल, दूध आदि को अपने भोजन में शामिल करके अवश्य खाएं। इन आहार के सेवन से रक्त की वृद्धि होती है और स्नायु तंत्रों की दुर्बलता दूर होती है।
हिस्टीरिया रोगी इन आहार का सेवन न करें
– भारी, गरिष्ठ, बासी, तामसी भोजन व तली भुनी मिर्च मसालेदार चटपटी चीज़ों का सेवन न करें।
– चाय, कॉफ़ी, कोको, सफेद शक्कर, शराब, तंबाकू, गुटखा का सेवन न करें।
– मांस, मछली, अंडा का सेवन पूरी तरह त्याग दें।
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