खाना पकाने वाले बर्तन के गुण व दोष

डॉक्टर हो या बड़े बुजुर्ग सभी यहीं कहते हैं कि अच्छी सेहत के लिए अच्छा खाइए, पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें, भोजन में सभी तरह के पोषक तत्व पाने के लिए अलग अलग तरफ़ की सब्ज़ियों और फलों का उपयोग करें। लेकिन केवल अलग अलग तरफ़ की सब्ज़ियों के सेवन से ही आपको सभी पोषक तत्व प्राप्त नहीं हो सकते हैं। आप जिस बर्तन में भोजन पकाते हैं सब्ज़ियों को पकाते समय उनके भी गुण व दोष भोजन में शामिल हो जाते हैं। जैसे पुराने समय में मिट्टी के बर्तन खाना पकाने वाले बर्तन हुआ करते थे। धीरे-धीरे बदलाव आया और लोग मिट्टी के बर्तनों की जगह पर पीतल, काँसा, चाँदी, लोहा, एलुमीनियम और बाद में स्टील और नॉन-स्टिक से बने बर्तनों का उपयोग करने लगें। जबकि इनमें से केवल मिट्टी के बर्तन में खाना पकाना हमारी सेहत के लिए सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद है।

खाना पकाने वाले बर्तन

आज लोग मिट्टी के बर्तनों के बजाय अलग अलग तरह के धातुओं से बने बर्तनों में खाना पकाने लगे हैं। जो हमारी सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से खाना पकाने के बर्तन हमारी सेहत को लाभ पहुँचते हैं और किस बर्तन में खाना पकाने पर हानि होती है…

खाना पकाने वाले बर्तन लाभ और हानि

1. मिट्टी के बर्तन

प्राचीन समय में केवल मिट्टी के ही बर्तनों में खाना बनाया जाता था। इन बर्तनों में खाना बहुत देर से पकता था। जिससे समय अधिक लगता था। इसलिए मिट्टी के बर्तनों का उपयोग कम होता चला गया। इसके अलावा ये बर्तन बहुत नाज़ुक होते हैं जिससे इनके टूटने का डर बना रहता है। साथ ही इनकी साफ़ सफ़ाई भी अच्‍छी तरह से नहीं हो पाती है। लेकिन मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे 100 प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे मिट्टी के बर्तनों में पका हुआ भोजन का सेवन करने से आपकी सेहत को लाभ मिलता है।

2. स्टेनलेस स्टील के बर्तन

स्टेनलेस स्टील एक मिश्रित धातु है, जो लोहे में कार्बन, क्रोमियम और निकल मिलाकर बनाई जाती है। ये बहुत अधिक महंगे भी नहीं होते हैं। इनमें खाना पकाना सेहत के लिए अच्छा होता है और इन बर्तनों की साफ सफ़ाई करने में भी आसानी होती है।

3. एलुमीनियम धातु

आज सबसे ज़्यादा लोग एलुमीनियम के प्रेसर कूकर में खाना बनाते हैं। एलुमीनियम के प्रेसर कूकर में खाना बनाते समय 87% पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं और सिर्फ़ 13% ही बचते हैं। जबकि खाना पकाने वाले बर्तन के रूप में एलुमीनियम का प्रयोग स्वास्थ्य के दृष्टि से सबसे ज़्यादा हानिकारक है। क्योंकि एलुमीनियम एक ऐसी भारी धातु है जो बाक्साइट धातु से बनी है। जिससे खाना बनाते समय इसके कुछ कण खाने में मिल जाते हैं जो धीरे-धीरे पेट में एकत्रित होने लगते हैं और ये एलुमीनियम के कण मल-मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। जिससे एलुमीनियम के यह विषाक्त कण लीवर, तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुँचाते हैं, साथ ही आप अस्थमा, तपेदिक व मानसिक रोग का भी शिकार हो सकते हैं। इसीलिए एलुमीनियम के धातु से बने बर्तनों का उपयोग न करें।

4. लोहा / आयरन

लोहा या आयरन के बर्तनों का वज़न ज़्यादा होता है लेकिन कीमत कम होती है। इन बर्तनों में खाना बना कर सेवन करने से आयरन प्राप्त होता है। इसीलिए एनिमिया के पीड़‍ित रोगी को खाना बनाने के लिए इन बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे उनके स्वास्थ्य को लाभ मिलेगा और वे लोग एनीमिया मुक्त हो सकेंगे।

5. टेफ़्लॉन के बर्तन

टेफ़्लॉन के बर्तन आज महिलाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है। वे अपने किचन को टेफ़्लॉन के बर्तनों से सजाना चाहती है क्योंकि इनमें खाना बनाना बहुत आसान है और साफ सफ़ाई में भी ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। ये दिखने में काले होते हैं लेकिन स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुँचाते हैं। नॉनस्टिक बर्तनों में खाना बनाकर सेवन करने से श्वास की बीमारी, कैंसर, हृदय रोग जैसी कई गंभीर बिमारियां हो सकती है इसीलिए इनका इस्तेमाल करने से बचें।

आपके देखा कि कौन से खाना पकाने वाले बर्तन आपके स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक हैं। इसलिए इन्हीं का प्रयोग करके जीवन को सुंदर बनाएं।

Keywords – Cookware merits demerits, Cooking Utensils, Khana pakane ke bartan

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *