राजा और चित्रकार – एक प्रेरक कहानी

राजा और चित्रकार की कहानी: कभी कभी हमारी ज़िंदगी में ऐसे कई लोग आते हैं जिनकी कमियाँ तो आपको आसानी से दिख जाती हैं और लोगों का ध्यान भी सबसे पहले उन कमियों की तरफ़ ही जाता है परंतु उसमें छुपी अच्छाइयों की तरफ़ ध्यान नहीं जा पाता जबकि कमियाँ हर इंसानों में छुपी होती हैं आपके अंदर भी हो सकती हैं मेरे अंदर भी हो सकती हैं परंतु हमे उनके कमियों पर ध्यान देने के बजाय उनकी अच्छाइयों पर ध्यान देना चाहिए, ज़रूरत हैं बस एक सोच बदलने की क्योंकि जब सोच बदलेंगे तभी तो दुनिया बदलेगी।

अभी हम आपसे एक कहानी शेयर करने जा रहे हैं वो हमें व्हाट्सएप से मिली है। जिस तरह से इस कहानी से मैंने कुछ सीखा हैं उस तरह से आप भी इससे कुछ सीखें ताकि इस कहानी से आप भी प्रेरणा पाकर अपना नज़रिया बदल सकें और अपने जीवन में एक ऐसी सोच को अपनायें जो बदल दे आपकी दुनिया –

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राजा और चित्रकार – एक कहानी

एक राज्य में एक राजा राज करता था। राजा कि एक आँख और एक पैर नहीं था। इसके बावजूद वो अपनी प्रजा का अच्छे से ख़याल रखता था। उनकी ज़रूरतों का भी ध्यान रखता था। उसके राज्य में सारी प्रजा ख़ुश थी। वो बहुत बुद्धिमान और प्रतापी राजा था। एक दिन राजा के मन में ये ख़याल आया कि मैं अपनी सबसे सुंदर तस्वीर बनवाऊँ। तो फिर राजा ने इसके लिए राज्य में ये ऐलान करवाया कि राजा को अपनी तस्वीर बनानी है। इस ऐलान पर दूर दूर से सभी चित्रकार आये और महल में एकत्रित हुए। तभी राजा ने उनसे अपनी सबसे सुंदर तस्वीर बनाने के लिए कहा।

ये सुनकर सभी चित्रकार सोच में पड़ गये क्योंकि राजा के न तो एक पैर हैं और न आँख, तो सबसे सुंदर तस्वीर कैसे बनायें। सभी चित्रकारों ने सोचा की तस्वीर सुंदर न बनने पर राजा उन्हें दंड भी दे सकता है, अतः सभी चित्रकारों ने तस्वीर बनाने से हाथ पीछे कर लिया।

तभी एक चित्रकार ने हाथ उठाया और कहा मैं आपका चित्र बनाऊँगा। कुछ देर के बाद जब चित्रकार तस्वीर बनायी तो उसके द्वारा बनायी गयी तस्वीर को देखकर सभी स्तब्ध हो जाते हैं। उस चित्रकार ने अपनी सूझबूझ और समझ से राजा की एक ऐसी सुंदर तस्वीर बनायी जिसे राजा देखकर अति प्रसन्न हुआ। चित्रकार ने राजा की एक ऐसी तस्वीर बनायी जिसमें राजा एक पैर को ज़मीन में मोड़कर तथा एक आँख बंद करके शिकार कर रहा हैं इस तरह से उसने राजा की कमियों को छुपाकर एक सुंदर तस्वीर बनायी। जिसे देखकर राजा ने उस चित्रकार को बहुत सारा इनाम भी दिया और धन भी दिया।

राजा और चित्रकार की कहानी का अगला अंश…

तो देखा आपने चित्रकार ने राजा की कमियों को न देखकर उसकी अच्छाइयों पर ध्यान दिया जिससे उसने एक ख़ूबसूरत तस्वीर का निर्माण किया। उसने बस अपनी एक सोच बदली और नतीजा उसने एक ख़ूबसूरत तस्वीर का निर्माण कर दिया।

इसी तरह से अगर व्यक्ति चाहे तो अपनी सूझबूझ से कई परेशानियों से निकलने के लिए एक नया रास्ता खोज सकता है, ज़रूरत हैं बस एक सोच की मंज़िल ख़ुद-बख़ुद मिल जाती है।

आपके जीवन में भी अगर ऐसी कोई विपरीत परिस्थितियाँ आयें तो अपनी सूझबूझ और समझ से निकलने का प्रयास करें, क्योंकि कमियाँ हर इंसानो के अंदर होती हैं, किसी में ज्यादा तो किसी में कम, परंतु हमे उनकी कमियों को देखने के बजाय उनकी अच्छाईयों को देखने का प्रयास करना चाहिए। फिर देखिएगा की कैसे एक सोच आपकी पूरी दुनिया बदल सकती हैं।

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