माता पिता कभी न करें ये ग़लतियाँ

माता पिता बनने की ज़िम्मेदारी एक बहुत बड़ी होती है जिसे अच्छी तरह से निभा पाना इस दुनिया का सबसे कठिन काम है। बच्चों को अच्छी परवरिश के साथ साथ अच्छी तालीम और एक अच्छा इंसान बनाना भी अभिभावक की ही ज़िम्मेदारी होती है। इनको निभाते निभाते जब माता पिता बच्चोंं के साथ थोड़ी सख़्ती रखने लगते हैं, तब बच्चे ये एहसास करने लगते हैं कि उनके पैरेंट्स ही उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं और वे उनकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करते। माता पिता तो सिर्फ़ अपने बच्चों की भलाई चाहते हैं। लेकिन बच्चे उनके सख़्ती को देखकर उन्हें अपना सबसे बड़ा शत्रु समझ लेते हैं।

माता पिता की ग़लतियाँ
Parenting tips in Hindi

बच्चों को जितना प्यार करना ज़रूरी है उतना ही उनके साथ सख़्त होना भी ज़रूरी है लेकिन हद से ज़्यादा रोक टोक या सख़्ती उन्हें ग़लत राह पर चलने के लिए मज़बूर कर देती है।

माता पिता ये ग़लतियाँ न दोहराएं

1. मैं तुम्हारी उम्र में तुमसे अधिक ज़िम्मेदार था

छोटी छोटी बातों पर आप अपने बच्चों से तुलना कभी न करें क्योंकि बात-बात पर अपने बच्चे की तुलना करना सही नहीं है। इससे उसका आत्म विश्वास कमज़ोर पड़ सकता है और वो क़ामयाबी के बजाय पतन की ओर जा सकते हैं। यहाँ तक कि आप उसे उसके सबसे बड़े दुश्मन नज़र आने लगेंगे इसलिए ऐसी ग़लती कभी न करें।

2. अपने भाई-बहन जैसे गुणवान बनो

अक्सर पैरेंट्स बच्चोंं में छोटी सी कमियों को पाते ही ये ज़रूर कहने लगते हैं कि तुम अपने भाई-बहन या अन्य लड़कोंं की तरह गुणवान क्यों नहीं हो? बार बार बच्चे की तुलना किसी के साथ करना सही नहीं है। ऐसा करने से बच्चा अपने ही भाई-बहन या अन्य लोगो को अपना दुश्मन समझना शुरू कर देगा।

3. मुझे अकेला छोड़ दो

अक्सर बच्चे जब अपने माता पिता के साथ समय व्यतीत करना चाहते हैं तो माता पिता बच्चों को ग़लती से भी ये न कहें कि वे उन्हें अकेला छोड़ दें। क्योंकि ऐसा कहने पर बच्चे ख़ुद को उपेक्षित महसूस कर सकते है या ये भी हो सकता है कि वो डिप्रेशन में चले जाएं।

4. तुम्हारी वजह से शर्मिंदा होना पड़ा

बच्चोंं के छोटे छोटे कार्य में या पढ़ाई या प्रतियोगिता में जब हार मिलती है तो अक्सर माता पिता को समाज में इन बातों को लेकर शर्मिंदा होना पड़ता है और जब माता पिता अपना सारा ग़ुस्सा बच्चे पर ये कहकर निकालते है कि हमें बार बार सिर्फ़ तुम्हारी वजह से शर्मिंदा होना पड़ता है। तो पैरेंट्स के द्वारा बार बार कहा गया ये वाक्य बच्चे के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचा सकता है और वो डिप्रेशन में भी आ सकता है।

5. अपने दोस्तों का साथ छोड़ दो

अक्सर माता पिता यह सोचते हैं कि उनके बच्चे जिन दोस्तों के साथ रहते है जो उनके लिए बहुत ख़ास हैं। उनका साथ बहुत ख़राब हैं। इसलिए बच्चों को उनका साथ छोड़ देना चाहिए। लेकिन बिना सच जाने कि बच्चों के दोस्त अच्छे है या नहीं ये बात कह देना बच्चे को दुखी कर सकता है।

साथियों मेरा अपनी पूरी टीम की तरफ़ से विनम्र अनुरोध है कि अभिभावक इन ग़लतियों को कभी न दोहराएं बल्कि अपने बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त बनें ताकि हर बच्चे को अपने ही घर में सच्चे और सही दोस्त मिल सकें और सभी बच्चे सफलता के क़दम चूम सकें।

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