ऑफ़िस में रोमांस के बिंदास टिप्स

कॉलेज लाइफ़ में दोस्ती करना, टिफ़िन शेयर करना, नोट्स शेयर करना, बातें शेयर करना और ये सब करते करते कब कोई दिल में बस जाता हैं, पता भी नहीं चलता। फिर धीरे धीरे एक दूसरे के साथ समय बिताना, घूमना फिरना, बातें करना और मैसेज करना अच्छा लगने लगता हैं। कॉलेज की यह दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल जाती है और धीरे धीरे रोमांस शुरू हो जाता है। ये तो आपका कॉलेज का प्यार और रोमांस है। पर ऑफ़िस में रोमांस का क्या?

बदलता समय और ख़ुद की ज़रूरतों ने मानव को व्यस्त बना दिया है। जिस कारण सबसे ज़्यादा समय ऑफ़िस में लगभग 9 से 10 घंटे अपना समय देता हैं। ऐसे में अगर ऑफ़िस में किसी का साथ आपको अच्छा लगने लगे या किसी को देखते ही दिल की घण्टी बजे या फिर किसी का साथ दिल का सुकून और चैन छीन लें या कहें कि आपको उससे प्यार हो जाए और उसके समय बिताना अच्छा लगने लगें तो ऑफ़िस के कार्य और उसके दायित्वों को भली भाँति निभा पाना मुश्किल होने लगता है। तब ऐसा क्या किया जाए कि काम भी होते रहें और ऑफ़िस में रोमांस का मज़ा भी मार लें। इसलिए आज हम आपके लिए लाएँ हैं –

ऑफ़िस में रोमांस

ऑफ़िस में रोमांस के कुछ बिंदास टिप्स

1. जब ऑफ़िस में काम करते करते वहाँ किसी का साथ और अपनापन आपको अच्छा लगने लगे तो उसके साथ समय बिताने, घूमने फिरने और बातें करने रास्ता निकालें। प्यार के रिश्ते की शुरुआत में यह महत्वपूर्ण है कि सामने वाला भी आप में उतनी ही दिलचस्पी ले, जितना आप उसमें ले रहे हैं। इसके लिए उसको अपनी ओर आकर्षित करना बहुत ज़रूरी होता है। जो कि सामने वाले व्यक्तित्व और पसंद पर निर्भर करता है।

2. जिसे पसंद करते हैं, उसका ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए फ़्रेश लुक और ड्रेसिंग सेंस बहुत मायने रखता है। इसलिए किसी त्यौहार या ख़ास फंक्शन बजाय रोज़ ही नए-नए कपड़े पहनकर दफ़्तर जाएँ। आख़िर ऑफ़िस में रोमांस को रूप तभी मिलेगा जब आपका का जादू उसके सर चढ़के बोलेगा और वो आपसे नज़दीकियाँ बढ़ाएगा। आप उसके हर स्टेप को नोट करें और उसके टेस्ट के हिसाब से अगला क़दम उठायें।

3. रेसेस के समय साथ में टिफ़िन शेअर करना या कैंटीन में टी-कॉफ़ी लेना ही काफ़ी नहीं है। आप जिसे पसंद करते हैं उसे कॉफ़ी के लिए बाहर बुलाएँ और अकेले में समय व्यतीत करने का मौक़ा निकालें। ध्यान रहे कि इंवाइट बनावटी नहीं लगना चाहिए। अगर वो आपसे मिलने बार-बार आ रहा है और आपके साथ ख़ुश रहता है तो इसका मतलब है कि सामने वाले के दिल में भी आपके लिए चाहत है। उसको अपने दिल की फ़ीलिंग बताने की जगह पहले उसके दिल की फ़ीलिंग जानने की कोशिश करें। अगर सब पॉज़ीटिव लगे तो देर न लगाएं, दोस्ती को प्यार तक ले जाएँ और ऑफ़िस में रोमांस की शुरुआत करें।

4. जब दो लोग साथ-साथ समय व्यतीत करते हैं तो वो चुप नहीं रहते! कुछ अपनी बात कहते हैं और कुछ सामने वाले की बात सुनते हैं। जब सामने वाला आपकी बातों में रुचि ले और आपके बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानने की कोशिश करे तो समझ लेना चाहिए कि उसके दिल में प्यार की भावनाएं अंगड़ाइयाँ ले रही हैं। आपको उसके साथ अपनी दिल बात भी इशारों में कह देनी चाहिए। हो सकता है कि प्यार की राहें रोमांस के रूम में रुकें।

5. ऑफ़िस में रोमांस की नाव न डूब जाए इसलिए ऑफ़िस ऑवर ख़त्म होने बाद कनेक्शन टूटने न दें। आपको किसी न किसी बहाने से उसे मैसेज या कॉल करें। अगर उसकी तरफ़ से फ़ौरन जवाब मिलने लगे तो समझ जाएँ कि वो आपको अटेंशन देता है। अगर सिलसिला दोनों तरफ़ से बदस्तूर जारी रहे और बात गुडनाइट, स्वीटड्रीम्स और टेक केयर तक जाने लगे तो समझ लें लो दोनों तरफ़ आग बराबर लगी है। बीच बीच में कुछ मज़ेदार चुटकुले, कुछ अच्छे विचार और रोमांटिक शायरी भेजें। इससे प्यार की बगिया में रोमांस को गुलाब ज़रूर खिलेंगे और आपके जीवन का अधूरापन ख़त्म हो जाएगा।

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