इमली के औषधीय गुण

स्वाद में इमली खट्टी है, पर सेहत के लिए अच्छी है| गोल गप्पे का इमली वाला पानी हो या दही बड़े की खट्टी मीठी चटनी, इमली का नाम लिया नहीं की मुँह में पानी आ गया। सच! इमली का स्वाद बहुत लाजवाब होता है। स्वाद ही इमली के औषधीय गुण भी बड़े कमाल के होते हैं।

दक्षिण भारतीय रसोई में तो इमली के बिना स्वाद की बात ही नहीं होती। दक्षिण भारतीय खाने में खट्टेपन के लिए इमली का इस्तेमाल किया जाता है। वही थाई खाने में मीठे के विकल्प के रूप में मीठी इमली का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद में भी इमली का ख़ास महत्त्व है। खट्टी इमली सेहत के लिए भी अच्छी होती है तो आइए इमली के औषधीय गुण के बारे चर्चा की जाए –

इमली के औषधीय गुण

 

इमली के औषधीय गुण

विटामिन बी, विटामिन सी, फ़ाइबर, जिंक, पोटैशियम, मैग्निशियम युक्त इमली के औषधीय गुण असंख्य हैं। इसके बीज, पत्ती, पुष्प और क्षार सब कुछ चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है।

भोजन में इमली

  • इमली का मूल स्वाद खट्टा और एसिड जैसा होता है। खाने में खट्टापन लाने के साथ साथ इमली का प्रयोग खट्टी चटनी और भूख बढ़ाने वाले पेय पदार्थ बनाने के लिए भी किया जाता है।
  • नयी इमली खाने को ज़्यादा अच्छा रंग प्रदान करती है। वही पुरानी इमली के प्रयोग से खाने का रंग और भी गहरा हो जाता है। फिर भी, जिन्हें अम्लता हो, उन्हें पुरानी इमली का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि यह पेट के लिए कम हानिकारक होती है।
  • दक्षिण भारत में दालों में रोज़ाना कुछ खट्टा डाला जाता है, ताकि वह सुपाच्य हो जाये।

इमली में स्वाद भी और सेहत भी

  • गले में ख़राश है, तो इमली की पत्तियों का काढ़ा बनाकर या इमली के फलों के रस से भी कुल्ला कर सकती है।
  • इमली को कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मददगार माना गया है।
  • इमली के पत्ते सूजन दूर करने वाले गुणों से भरपूर होते है।
  • इसका शरबत रात में पीने से कब्ज़ और पित्त में राहत मिलती है।
  • इसका पल्प उल्टी, गैस, कब्ज़ और अपच में राहत देता है।
  • इमली का पानी भूख बढ़ाने में मदद करता है।
  • ऐसा माना जाता है कि 20 वर्ष पुरानी इमली का शरबत पीने से पेट के रोग ख़त्म हो जाते हैं।
  • हड्डी में मोच आ गई हो तो पकी इमली का गूदा सूजन और मोच वाली जगह पर 4-4 घंटे के अन्तर पर लगाने से मोच में राहत मिलती है।

गर्मियों में इमली का प्रयोग

  • गर्मी में इमली का पना सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद है। पकी इमली के पल्प को हाथ पैर के तलवों पर मसलने से लू लगने का असर कम हो जाता है। साथ यह धूप में रहने से पैदा हुए सिरदर्द को भी दूर करता है।
  • इमली का पना तैयार करने के लिए चार बड़े चम्मच इमली का गूदा लें। इसमें 1 छोटा चम्मच नमक मिलायें। आधा छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर और भुना हुआ जीरा मिलायें। अब आधा चम्मच सौफ पाउडर और आवश्यकतानुसार चीनी और पुदीने की 8-10 पत्तियों को लेकर एक साथ सब मिला लें। अब आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर शरबत तैयार करें। ये पेय पदार्थ गर्मी में सेहत के लिए फ़ायदेमंद है।

आशा है आप इमली के औषधीय गुण जानकर और उन्हें अपने जीवन में अपनाकर सेहतमंद रहेंगे।

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