टीकाकरण क्या है और उसके प्रकार

आज हम आपको टीका और टीकाकरण की सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य सभी लोग वैक्सीनेशन की सम्पूर्ण जानकारी से परिचित हो क्योंकि आज भी कुछ गाँवों में लोगों के मन में टीके लगवाने को लेकर कई भ्रम बने हैं। जिस कारण से वे लोग अपने नवजात शिशु को टीकाकरण करवाने से हिचकते हैं और टीके की अधूरी जानकारी के कारण अपने बच्चे को टीका नहीं लगवाते और उन्हें मौत के मुंह में ढकेल देते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि वैक्सीनेशन से सम्बंधित संपूर्ण जानकारी से आप परिचित हो ताकि आपका नवजात शिशु हमेशा स्वस्थ जीवनयापन करें।

टीकाकरण
Girl vaccination

टीका क्या है

आप लोग अक्सर यह सोचते होंगें कि टीका क्या है और क्यों हमारे शिशु को दिया जाता है। आखिर नवजात शिशु के जन्म के बाद टीके लगवाना क्यों आवश्यक होते है। तो हम आपको बता दें कि टीका एक जीवन रक्षक औषधि की तरह है जो आपके बच्चे का रक्षा कवच बनकर उसके जीवन की सुरक्षा करता है।

टीका बच्चे के शरीर को संक्रामक रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है ताकि नवजात शिशु को कोई भी संक्रामक रोग छू भी न सकें। बच्चों को टीका लगवाने की यह क्रिया वैक्सीनेशन कहलाती है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये यह प्रक्रिया सबसे सस्ती और सबसे प्रभावी है।

टीकाकरण के प्रकार

वैक्सीनेशन के निम्न तीन प्रकार होते हैं

1. प्राथमिक टीकाकरण

नवजात शिशु संक्रामक रोगों से बचा रहें और उसके शरीर में रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो इसके लिए नवजात शिशु के जन्म के समय से ही प्राथमिक टीकाकरण किया जाता है। समय समय पर दिए जाने वाले टीके बच्चे को कई जान लेवा बीमारियों से बचाते है इसलिए समय पर बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं।

2. बूस्टर टीकाकरण

बूस्टर खुराकें प्राथमिक टीकाकरण के प्रभाव को बढ़ाने के लिए दी जाती हैं। ताकि जिन शिशुओं में पहले टीके के बाद प्रतिरक्षण क्षमता विकसित नही हुई हो, उन्हें बूस्टर ख़ुराक़ देकर रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित की जाए ताकि शिशु हमेशा रोगों से बचा रहें।

3. सार्वजनिक टीकाकरण

जब किसी जगह किसी विशेष बीमारी का भयावह रूप बच्चों पर दिखने लगता है तो उस बीमारी से सभी बच्चों की रक्षा के लिए और उस बीमारी को जड़ से ख़तम करने के लिए सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाता है। जैसे प्लस पोलियों अभियान सरकार के द्वारा पोलियो को जड़ से ख़तम करने के लिए चलाया गया और जनता के सहयोग से यह अभियान सफल रहा जिससे आज भारत पोलियो मुक्त बन चुका है।

टीके देने का तरीक़ा

पोलियो के अतिरिक्‍त बाकि सभी टीके इंजेक्‍शन द्वारा दिये जाते हैं। सिर्फ़ पोलियो के टीके की दो बूंद बच्‍चे के मुंह में डालकर पिलाई जाती है।

किस रोग में कौन सा टीका लगवाना चाहिए इसकी सम्पूर्ण जानकारी के लिए हमारी अगली पोस्ट वैक्सीनेशन चार्ट को अवश्य पढ़ें ।

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