खानपान से जुड़ी ग़लत धारणाएँ

हमारे समाज में सदियों से खानपान से जुड़ी ग़लत धारणाएं चलन में बनी हुई हैं और यह धारणाएं पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रहती हैं। लेकिन इन धारणाओं की तह में जाएं तो यह पता चलता है कि इनमें से तो कुछ सच और कुछ झूठ हैं। चूँकि कुछ बातें हमारे आहार और सेहत से जुड़ी हैं तो इनके पीछे का सच भी जानना ज़रूरी है ताकि हम सब स्वस्थ और हेल्दी बने रहें।

खानपान से जुड़ी धारणाएँ

खानपान से जुड़ी धारणाएँ

चावल से माड़ निकालना

चावल बनाने से पहले उन्हें अधिक पानी से धोने से उनकी थायमिन और निकोटिनिक एसिड की मात्रा घट जाती है। ये दोनों तत्व विटामिन बी समूह से सम्बंधित हैं। जिनकी पूर्ति के लिए आप लोग कई महंगे कैप्सूल का उपयोग करते हैं। अगर चावल बनाते समय इनका माड़ न निकाला जाएं तो आपको इनके लिए महंगे कैप्सूल की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। अधिकांश महिलाएं चावल पकाने पर माड़ निकाल कर फेंक देती हैं। ताकि चवाल साफ़ और खिले हुए दिखें। ऐसा करने से चावल में पाएं जाने वाले विटामिन और खनिज तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसलिए चावल धोते समय कम से कम पानी का इस्तेमाल करें।

अत: चावल पकाते समय ये सावधानियाँ बरतें –

  1. चावल धोते समय कम से कम पानी का प्रयोग करें।
  2. चावल उबालते समय बरतन में उतना ही पानी डालें जितने पानी में चावल पककर समा जाए।
  3. चावल के पौष्टिक गुण कम न हो इसके लिए माड़ निकालने की आदत छोड़ दें।

सब्ज़ियां काटना और धोना

बहुत सी महिलाएं समय और सुविधा के कारण सब्ज़ियां पहले से काटकर रख लेती हैं। इससे सब्ज़ी में उपस्थित विटामिन सी का ऑक्सीकरण हो जाता है और यह नष्ट हो जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए पहले तो सब्ज़ी के छोटे छोटे टुकड़े करने के बजाय बड़े बड़े टुकड़े काट लें। दूसरा उसे तब काटें जब उसे पकाना हो। तीसरा उसे पकाने के लिए उसमें कम से कम पानी डालें। चौथा उसे बहुत देर तक न पकाएं और पकाते ही आंच से उतार लें।

मीठा सोडा और गुड़

अक्सर दाल को जल्दी पकाने के लिए महिलाएं मीठे सोडे का इस्तेमाल करती हैं लेकिन इसका प्रयोग करना उचित नहीं क्योंकि इससे दाल की पौष्टिकता घट जाती है। मीठा सोडा दाल में उपस्थित विटामिनों से रासनायिक प्रतिक्रिया करके उन्हें नष्ट कर देता है। इसी तरह दूध में गुड़ डालकर देर तक उबालने से दूध के पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं और दूध में उपस्थित प्रोटीन की उपयोगी मात्रा घट जाती है। अत: खानपान से जुड़ी इस आदत को बदल डालिए।

फलों के छिलके

सेब, अमरुद और नाशपाती जैसे फलों के छिलके में पौष्टिक तत्वों का राज छिपा है, इसलिए इन फलों को बिना छीले अर्थात्‌ छिलके के साथ सेवन करना चाहिए। कुछ फलों के छिलकों में विटामिन और खनिज होता है तथा इसके साथ साथ इसमें सेलूलोज़ भी उपस्थित होता है। सेलूलोज़ हमारी पाचन प्रणाली और शारीरिक स्वास्थ पर अनुकूल प्रभाव डालता है। इससे कब्ज़ की शिक़ायत भी दूर रहती है। यह एक प्राकृतिक रेशा ब्लड कोलेस्ट्रॉल और ब्लड ग्लूकोज़ को नियंत्रित करने में सहायक है। इसलिए जब भी फलों का सेवन करे छिलके के साथ करें।

आज से और अभी से खानपान से जुड़ी इन महत्वपूर्ण बातों का विशेष ध्यान रखें ताकि भोजन बनाते समय आपको सभी पौष्टिक तत्व प्राप्त हों। ताकि आप और आपका परिवार हेल्दी रहे।

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