कम उम्र में ही आँखों की रोशनी कम हो जाना आम समस्या बनती जा रही है। अनेक छोटे-छोटे बच्चे भी आजकल चश्मा पहनने को विवश हो रहे हैं। आँखों में यह दोष उत्पन्न हो गया तो बढ़ता ही चला जाता है, कुछ ही महीने बाद चश्मे के नंबर बढ़ जाते हैं। बिना चश्मा लगाए कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है। आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए बहुत से घरेलू उपाय हैं। इनसे आँखों की रोशनी बढ़ेगी और धीरे-धीरे चश्मे का नंबर कम होता हुआ अंतत: वह उतर जाएगा।
आँखों की रोशनी कम होने के कारण
– अनियमित, असंतुलित व संक्रमित भोजन के सेवन से आँखों की रोशनी कम हो सकती है।
– खट्टे व उत्तेजक खाद्य पदार्थों, मिर्च-मसाला व तली-भुनी चीज़ों के ज़्यादा सेवन से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
– अत्यधिक गर्म व ठंडी चीज़ों का सेवन तथा भोजन के तुरंत बाद सो जाना, रात को देर से सोना व सुबह देर से उठाना भी इसका एक कारण है।
– बिना छिलके की दाल व बिना चोकर के आटे का सेवन भी दृष्टिदोष का कारण बन सकता है।
– बेड टी लेने, अधिक समय तक टीवी देखने या कंप्यूटर पर काम करने से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
– ऊंची एड़ी के जूते या सैंडल पहनना भी इसका एक कारण है।
– दृष्टि दोष विटामिन ए की कमी से भी होता है।
– आँखों में किसी तरह की चोट, शुगर, ब्लडप्रेशर, कब्ज़ व तनाव भी इसका कारण बनता है।
– किसी चीज़ को देखने के लिए आँखों पर ज़्यादा जोर डालने से भी आँखों की रोशनी कम हो जाती है।
दृष्टि दोष के लक्षण
इस रोग से पीडि़त व्यक्ति को चीज़ें साफ़ दिखाई नहीं देतीं, धुंधला दिखाई पड़ने लगता है। बिना चश्मा लगाए किसी चीज़ को साफ़ देख पाना मुश्किल होता है।
घरेलू उपाय
विटामिन “ए”, “बी”, “सी” से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए जैसे अंकुरित गेहूं, मूंग, चना, हरी सब्जी, दूध, दही व फल आदि। संभव हो तो पका हुआ भोजन न करें।
– रात को सोते समय पानी में मुनक्का, किशमिश, अंजीर, छुहारा व खजूर भिगो दें। सुबह ब्रश करने के बाद इनका सेवन करें।
– गाजर व आंवले का रस पीने से शीघ्र ही इस समस्या से छुटकारा मिलता है।
– आँखों की रोशनी ज़्यादा कम हो गई है या रतौंधी हो गई है तो पालक व गाजर का जूस मिलाकर पियें।
– प्रात:काल संतरा, अंगूर, पत्तागोभी व हरी सब्जियों का जूस पीने से शीघ्र आराम मिलता है।
– सुबह के नाश्ते में कालीमिर्च व बादाम खाकर गाय का दूध या गाजर का जूस पीने से शीघ्र ही आँखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
– प्रतिदिन सुबह-शाम बादाम की चार गिरी दस मिनट तक चबाने से आराम मिलता है।
– रोगी को सुबह उठकर मुंह पर पानी का छींटा मारना चाहिए तथा कुछ दिनों पर एनिमा भी लेना चाहिए।
– सुबह टहलें और खुली हवा में गहरी सांस लें। नंगे पैर घास पर चलें।
– आँखों की रोशनी ठीक करने के लिए आँखों को बंद कर आँखों पर सूर्य का ताप लेने से भी आराम मिलता है।
– आँखों की रोशनी कम हो गई है तो सुबह पैरों में तथा पैर के अंगूठों में तेल से मालिस करनी चाहिए।
– ब्रश करने के बाद जीभ छीलने के साथ ही पैर के तलवों की भी सफाई करनी चाहिए, इससे बहुत लाभ होता है।
– आँखों में प्रतिदिन नेत्र ज्योति जल डालना चाहिए।
कैसे बनाएं नेत्र ज्योति जल
नींबू, प्याज, अदरक का 5-5 ग्राम रस लें और इसमें 50 ग्राम शहद मिलाकर कांच की शीशी में भर लें। एक बार बनाया हुआ नेत्र ज्योति जल अधिकतम बीस दिन तक ही उपयोग में लाएं, इसके बाद उसे फेंक दें और दूसरा बना लें।
योग व व्यायाम
– योग की क्रिया जलनेति, सूत्रनेति, कुंजर, कटिस्नान, मेहनस्नान, रीढ़स्नान, भस्त्रिका प्राणायाम व प्राणमुद्रा से अधिक लाभ मिलता है। पेट पर मिट्टी की पट्टी बांधने से भी आराम होता है।
– आँखों को कसकर बंद कर लें, थोड़ी देर के बाद धीरे-धीरे खोलें। इस क्रिया को कम से कम पांच बार करें। इस व्यायाम से आँखों को ज़्यादा फायदा होता है।
– अपने सिर व गर्दन को सीधा रखकर बिल्कुल सामने देखें, फिर क्रमश: दाएं और बाएं देखें। इसके बाद आसमान की तरफ और फिर जमीन की तरफ देखें।
परहेज़
– अधिक देर तक टीवी न देखें।
– अधिक देर तक कंप्यूटर पर काम न करें।
– बारीक चीज़ों को देखने के लिए आँखों पर ज़्यादा जोर न डालें।
– गर्म चीज़ों से परहेज़ करें, मिर्च-मसाला आदि का सेवन कम करें या न करें।
– यदि संभव हो तो ऊपर दिए हुए सभी कारणों से दूर रहने की कोशिश करें।
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