14-15 वर्ष की उम्र में हर लड़की के अंडाशय में हर माह एक अंडा या अंडाणु उत्पन्न होना शुरू हो जाता है। जो अंडाशय को गर्भाशय से जोड़ने वाली फेलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube) के ज़रिये गर्भाशय में पहुंचता है और वहां रक्त व तरल पदार्थ से मिलकर वह गाढ़ा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि यदि अंडा उर्वरित हो जाए तो वह बढ़ सके और शिशु के जन्म के लिए उसके स्तर में विकसित हो सके। यदि उस अंडे का पुरुष के शुक्राणु से सम्मिलन न हो तो वह स्राव बनकर योनि से बाहर आ जाता है। ऐसा माह में एक बार होता है, इसे ही माहवारी, रजोनिवृत्ति, मासिक धर्म या Menstural Cycle कहते हैं। यह प्रजनन अंगों में होने वाले बदलावाओं का आवर्तन चक्र है जो हारमोन के नियंत्रण में रहता है और प्रजनन के लिए आवश्यक है।
माहवारी की गिनती रक्तस्राव के प्रथम दिन से की जाती है। माहवारी का रक्तस्राव 28 से 32 दिनों के अन्तराल पर होता है। माहवारी स्त्री शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, यदि यह नियमित है तो इससे कोई हानि नहीं है। लेकिन महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या के चलते माहवारी भी असंतुलित हो जाती है। कभी-कभी अधिक रक्तस्राव हो सकता है या बिल्कुल ही कम या बंद हो सकता है। इसे ही पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसीज PolyCystic Ovarian Disease (PCOD) हो जाती है। ऐसा FSH और LH में अंसतुलन के कारण होता है। वर्तमान में इनफर्टिलिटी की समस्या ज़्यादा बढ़ी है। इसका मुख्य कारण शारीरिक श्रम का अभाव, तनाव, फलों व सब्जियों में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग व फ़ास्टफूड आदि का सेवन है। कपालभाति प्राणायाम के नियमित प्रयोग से इन कारणों का प्रभाव न्यून हो जाता है और इनफर्टिलिटी की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
अंडाणु बढ़ाने के प्रयोग
– एक गिलास पानी में एक चम्मच दशमूल क्वाथ मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए तो इसे पी लें। यह काढ़ा नियिमित कुछ दिन सुबह-शाम पीने से अनियमित माहवारी ठीक हो जाती है। साथ में कपालभाति प्राणायाम करते रहने से अंडाणु बढ़ते हैं और गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
– अंडाणु कम बनने की समस्या में शिवलिंगी व पुत्रजीवक के बीजों के पाउडर का सेवन करें। शिवलिंगी व पुत्रजीवक के बीजों का पाउडर समान मात्रा में लेकर मिलाकर रख लें। इसमें से रोज़ सुबह-शाम एक-एक ग्राम लेने से गर्भधारण की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
स्पर्म काउंट बढ़ाने के उपाय
– पुरुषों में स्पर्म काउंट की समस्या होने से भी स्त्री को गर्भधारण करने में समस्या आती है। शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए यौवनामृत वटी, चंद्रप्रभावटी व शिलाजीत रसायन की एक-एक गोली लें और साथ में प्राणायाम करें।
– स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए अश्वगंधा, शतावर, सफ़ेद मूसली व कौंच के बीज मिलाकर सेवन किया जाता है। इससे लाभ होता है।