आज का नवयुवा फिट और बलवान दिखना चाहता है, जिसके लिए वह बॉडीबिल्डिंग की ओर आकर्षित रहते हैं। वह हमेशा अपने चहेते स्पोर्टस पर्सन या एक्टर की तरह दिखना चाहते हैं। हर शहर में ऐसे कई अच्छे जिम हैं जो कुछ महीनों की ट्रेनिंग में ही आपको अच्छी बॉडी की सौगात दे सकते हैं। बॉडी बिल्डिंग के लिए वर्कआउट के साथ-साथ अपनी खाने पीने का भी ध्यान देना ज़रूरी है। यह आलेख जिम में वर्कआउट करने वाले युवाओं के लिए डायट चार्ट और समुचित जानकारी उपलब्ध कराएगा।
मांसपेशियों का आकार बढ़ाने के लिए कुछ युवा फ़ूड सप्लिमेंट, प्रोटीन और क्रेटीन जैसी चीज़ें इस्तेमाल करते हैं। ये सब शरीर में ज़बरदस्ती न्यूट्रिशन बढ़ाती हैं, जिसके गलत इस्तेमाल से किडनी और पाचन तंत्र खराब हो सकता है। अगर यह प्रोटीन शरीर में पूरी तरह से अवशोषित न हो तो यह जोड़ों में जमा हो जाता है, जिससे गठिया और दर्द की शिकायत होती है। प्राकृतिक प्रोटीन के स्रोतों जैसे अंकुरित अनाज, सोयाबीन, दूध, अंडा, मछली और चिकेन आदि का सेवन पर्याप्त होता है।
बॉडीबिल्डिंग डायट प्लान
– बॉडी बनाने के लिए आवश्यकता अनुरूप वर्कआउट करना पड़ता है और उसी अनुपात में खाना पीना भी होता है। जिम में मोटापा कम करने वाले लोग अक्सर ज़्यादा फैट वाली चीज़ें खाना कम कर देते हैं, जिससे दिल की बीमारी हो सकती है। इसके लिए आप जैतून के तेल और मछली जैसी चीज़ों को खाना चाहिए।
– सुबह सुबह आपको नाश्ते में भरपूर भोजन करना चाहिए। दिन का खाना उससे कम और रात का खाना उससे हल्का खाना चाहिए।
– एक बार में ठूंस ठूंसकर खाने की बजाय थोड़ा करके दिन में 4-5 खाना चाहिए। ऐसा करने से खून में शुगर नहीं बढ़ती है और वर्कआउट करने का स्टेमिना बढ़ता है।
– जिम करते हैं तो आपको फ़ाइबर आहार जैसे हरी सब्ज़ियां और फल अधिक खाने चाहिए ताकि पाचन तन्त्र अच्छे काम करता रहे।
– उबली हुई सब्ज़ियां खाने के लिए उन्हें काटकर गरम पानी में रख दें, इससे उनमें स्टार्च की मात्रा कम हो जाएगी।
– मांसपेशियों का साइज़ बढ़ाने के लिए पनीर, दूध, दही, अंडा, मछली, चिकेन और मटन जैसी चीज़ें खाएं।
– मेटाबलिज़्म बढ़ाने के लिए आहार में सूप और ग्रीन टी का सेवन कीजिए।
– एक्सरसाइज़ करने से शरीर में मौजूद पानी पसीने के रूप में बह जाता है। इसलिए शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए 3-4 लीटर पानी पीना चाहिए।
– बॉडी बिल्डर बनने के लिए आपको नशीली चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए। सिगरेट, शराब और अन्य नशीली वस्तुओं से परहेज़ करें।
बॉडीबिल्डिंग सप्लिमेंट
वर्कआउट करने के बाद मसल ब्रेक होती हैं और नई मसल बनती हैं। मसल्स को मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है, जिसके लिए प्रोटीन सप्लिमेंट का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन डिब्बाबंद प्रोटीन की जगह आपको प्राकृतिक प्रोटीन पर अधिक भरोसा करना चाहिए। डॉक्टरी सलाह के बिना फ़ूड सप्लिमेंट, ताकत बढ़ाने की दवाएं और स्टेरायड प्रयोग नहीं करनी चाहिए।