धूप से झुलसी त्वचा को ठीक करने के उपाय

तेज़ धूप में सूर्य की किरणों से शरीर की कोमल त्‍वचा का रंग बदल जाता है। ख़ासतौर से खुले अंगों पर सांवलापन या कालापन आ जाता है। इसे सनबर्न भी कहते हैं। चूंकि दोपहर के बाद सूर्य जब दक्षिणायन होते हैं तो सूर्य से अल्ट्रा वॉयलेट किरणें निकलती हैं जो त्वचा के मेलानिन तत्व को नष्ट कर देती हैं। इसी वजह से त्‍वचा का रंग बदल जाता है और उसमें कालापन या सांवलापन दिखने लगता है। कुछ बातों का यदि ध्‍यान रखा जाए तो हम न सिर्फ़ अपनी त्‍वचा को सनबर्न से बचा सकते हैं बल्कि धूप से झुलसी त्वचा को भी पुन: पहले जैसी स्थिति में ला सकते हैं।

धूप से झुलसी त्वचा
Sun burn – dhoop se jhulsi tvacha

धूप से झुलसी त्वचा के लिए क्‍या करें

– ऐलोवेरा अनेक प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर है। इसका गाढ़ा जेल त्‍वचा पर लगाने से त्‍वचा की लाली व जलन दूर हो जाती है, साथ ही नमी बनी रहती है। एलोवेरा मृत त्‍वचा को हटाने में भी मदद करता है। इसका जेल बाज़ार में मिलता है, यदि घर पर एलोवेरा है तो उसकी पत्तियों को बीच से काटकर उसका जेल निकाल सकते हैं।

– चंदन का बूरा, बेसन व गुलाब जल एक-एक चम्‍मच तथा नींबू का रस आधा चम्‍मच लेकर सबको मिला लें और धूप से झुलसी त्वचा पर लगाकर दस मिनट के लिए छोड़ दें, इसके बाद साफ पानी से धो लें।

– नियमित रूप से पुदीना का रस लगाने से धूप से झुलसी त्वचा पुन: पहले जैसी हो जाती है, यदि पुदीना की ताज़ी पत्तियों से रस निकालें तो शीघ्र लाभ मिलता है।

– दही के साथ एक चम्मच उड़द की दाल पीसकर त्‍वचा पर लगाकर पंद्रह मिनट छोड़ दें, उसके बाद ठंडे साफ़ पानी से उसे धो लें।

– चेहरे की त्‍वचा का धूप से यदि रंग बदल गया है तो मुल्‍तानी मिट्टी को मिनरल वॉटर या साफ़ पानी में घोलकर लस्‍सी की तरह बना लें और उसे चेहरे पर लगाकर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद साफ़ पानी से धो लें।

– त्‍वचा पर ठंडा दूध लगाने का काफी लाभ मिलता है। दूध में मौजूद लैक्टो-पैलियो धूप से त्‍वचा को बचाता है, मृत त्वचा को हटाकर नई त्वचा को पोषण प्रदान करता है। ठंडे दूध को त्‍वचा पर रूई की सहायता से लगाएं और सूख जाने पर उसे ठंडे पानी से धो दें।

अन्य घरेलू उपचार

– आलू त्‍वचा की जलन को दूर कर देता है। दो आलू लें और उसे धुलकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके इसे पीस लें। त्‍वचा पर इसे चार-पांच बार लगाने से जलन दूर हो जाती है।

– त्‍वचा में जलन के लिए ठंडे पानी में थोड़ा बेकिंग सोडा डाल दें। उस पानी में त्‍वचा को 10-15 मिनट तक डुबाए रखें।

त्‍वचा का कालापन व जलन दूर करने के लिए पानी में ओटमील मिलाकर भी लगाया जाता है।

– ठंडे पानी में बेकिंग सोडा व फिटकरी मिला लें और उसमें गर्म तौलिया भिगोकर त्‍वचा पर रखने से जलन में आराम मिलता है।

– विटानिम ई त्‍वचा के लिए काफ़ी लाभकारी है। इसके कैप्‍सूल को तोड़कर उसके अंदर की औषधि को लगाने पर काफ़ी आराम मिलता है।

सन बर्न का आयुर्वेदिक उपचार
Sun burn ka ayurvedic upchar

– नारियल के तेल में थोड़ा कपूर मिलाकर लगाने से त्‍वचा की जलन कम होती है तथा त्‍वचा का कालापन मिट जाता है।

– एवोकैडो में एंटी इंफ़्लैमेटरी तत्व, विटामिंस व पोषक तत्‍व होते हैं, जो त्‍वचा की जलन कम करते हुए उसे पोषण भी देते हैं। एवोकैडो का गूदा लें और उसे मसल कर उसमें थोड़ा ऑलिव ऑयल और ऐलोवेरा जेल अच्‍छी तरह से मिला लें। इसे त्‍वचा पर लगाकर तब तक छोड़ दें जब तक त्‍वचा का रंग बदल न जाए। फिर त्‍वचा को पानी में भीगी हुई रूई से हल्‍के हाथ साफ करें और पानी से धो लें।

अन्य उपाय

– दो कप पानी गर्म करें और उसमें दो-तीन टी बैग डाल दें। ठंडा होने पर इसे रूई की सहायता से झुलसी त्‍वचा पर लगाएं। नहाने के पानी में भी तीन-चार टी बैग डालकर नहाने से आराम मिलता है।

– नींबू पानी या ठंडा पानी पीकर घर से निकलें, इससे शरीर की नमी बनी रहती है।

– घर बाहर निकलते समय चेहरा, गाल, पीठ, गर्दन, हाथ, पैर आदि पर सनस्क्रीन लोशन लगाकर निकलें।

– धूप से शरीर पर हुए काले चकत्‍ते पर बर्फ रगड़ने से निशान काफी कम हो जाते हैं।

– रूई से गुलाब जल लगाने पर भी लाभ होता है।

– आटा या बेसन का प्रयोग भी त्वचा को साफ करने के लिए किया जाता है।

– नहाने के बाद जैतून का तेल लगाने से भी आराम मिलता है।

सावधानी

– पेट्रोलियम जैली का प्रयोग झुलसी त्‍वचा पर कतई न करें, इससे त्‍वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं। साथ ही बाथ सॉल्ट, ऑयल या बबल बाथ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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