खांसी, सर्दी व जुकाम तीनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए इनकी दवा भी बहुत अलग-अलग नहीं होती। एक ही दवा से ये तीनों ठीक हो जाते हैं। हालांकि एलोपैथ में इनकी दवाओं में थोड़ी भिन्नता होती है लेकिन आयुर्वेद की एक ही दवा इनके लिए काफ़ी है। वही दवा एलर्जी को भी ठीक कर देती है। यदि खांसी आ रही है तो दही न खाएं और रात को सोते समय दूध पीने से परहेज़ करें।
कैसे बनाएं खांसी, सर्दी व जुकाम की औषधि
– पचास ग्राम तुलसी के बीज, तना व पत्ते लें। सौ ग्राम अदरक व बीस ग्राम काली मिर्च को पीस लें। इन सबको आधा लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। जब पानी 100 ग्राम शेष बचे तो आग से उतारकर ठंडा कर लें और शीशे के बर्तन या शीशी में रख लें। इसमें थोड़ा शहद मिलाकर दो तीन समय दो-दो चम्म्च लें।
– यदि जुकाम हुआ है तो 2 चम्मच अजवायन लें और उसे तवे पर हल्का भून लें। उसे एक सूती कपड़े में बांधकर पोटली बना लें और कुछ देर उसे सूंघकर सो जाएं।
– खांसी आ रही है तो दो ग्राम काली मिर्च व मिश्री मुंह में डाल ले और चूसें। खांसी यदि हल्की है तो सुबह ब्रश करने के बाद तथा दोपहर व रात को भोजन करने से पहले मधु में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटें। साथ ही गुनगुना पानी में सेंधा नमक या सादा नमक डालकर गरारा करें तो खांसी में जल्दी आराम मिलता है।
– गला बैठ गया हो, बोलने या कुछ निगलने में तकलीफ़ हो रही हो तो एक गिलास देशी गाय के दूध में एक चम्मच देशी गाय का घी मिलाएं और उसमें एक चौथाई चम्म्च हल्दी डालकर उबालें। उसके बाद उसे चाय की तरह पी जाएं। यह प्रयोग शाम को एक बार करें।
– खांसी यदि बहुत ज़्यादा आ रही है तो एक ग्राम दालचीनी लेकर पीस लें और उसे आधा चम्म्च मधु में मिलाकर चाट जाएं। दो-तीन मिनट में आराम मिल जाएगा।
– तुलसी, काली मिर्च और अदरक की चाय पियें।
– नींबू के रस में हींग, त्रिफला, मुलहठी व मिश्री मिलाकर पियें।
– शहद के साथ पीपली, काली मिर्च, सोंठ व मुलहठी का चौथाई चम्म्च चूर्ण सेवन करने से लाभ मिलता है।