कमल हमारी सांस्कृतिक परंपरा का पौधा है। इसका फूल लक्ष्मीजी को अतिप्रिय है। इसे राष्ट्रीय फूल होने का भी गौरव प्राप्त है। इसके साथ ही कमल का फूल अनेक औषधीय गुण वाला है जो आपको को अनेक प्रकार की बीमारियों में मदद करते हैं। इसके बीज, तना, फूल व जड़ सभी औषधियों के काम आते हैं। ये आयुर्वेद का हिस्सा हैं और आप जानते हैं कि आयुर्वेद की सबसे बड़ी बात यह है कि इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है। आज हम कमल के औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे।

कमल के औषधीय गुण
1. बालों को काला करना
यदि बाल सफेद हो रहे हैं या हो गए हैं तो आधा किलो कमल के फूल ले आएं। इसको गाय के दूध में मिलाकर एक हांडी में रख दें और उसे बंद कर जमीन में गाड़ दें। एक माह बाद इसे निकालें और तेल की तरह सिर पर लगाएं। लगाने के दो घंटे बाद पानी से धो लें। नियमित कुछ दिन यह प्रयोग करने से आपके बाल काले होने शुरू हो जाएंगे और इनमें स्थायित्व रहेगा।
2. अनचाहा वीर्यपात
न चाहते हुए भी वीर्यपात होता हो तो कमल की जड़ का चूर्ण आपके काम आ सकता है। चार ग्राम चूर्ण पानी के साथ एक माह तक नियमित लें। इससे अनचाहे वीर्यपात से तो निजात मिलेगी ही, यह प्रयोग आपके वीर्य को पुष्ट भी करेगा।
3. उल्टी
उल्टी की समस्या में कमल के बीज आपकी मदद करते हैं। बीजों को भूनकर छील लें और उनके अंदर के सफेद भाग को पीसकर मधु के साथ खिलाने से उल्टी बंद हो जाएगी।
4. ढीले स्तन
पुष्ट स्तन महिलाओं के सौंदर्य में वृद्धि करते हैं। यदि स्तन ढीले हो गए हैं तो सौंदर्य थोड़ा प्रभावित होता है। स्तनों का ढीलापन दूर कर उसे पुष्ट व टाइट करने के लिए कमल के चार-पांच बीज पीस लें और उसे गाय के दूध के साथ नियमित दो माह तक सेवन करें।
5. गर्भस्राव
यदि शुरुआत के महीनो में गर्भस्राव की समस्या है तो कमल की नाल व नागकेशर मिलाकर पीस लें और उसमें से एक ग्राम गाय के दूध के साथ लें। गर्भस्राव से छुटकारा मिल जाएगा।

6. खूनी बवासीर
खूनी बवासीर से परेशान हैं तो कमल केशर आपके काम आ सकता है। कमल की केशर को आधा ग्राम मक्खन व चीनी के साथ नियमित लें। हफ्ते भर में लाभ नज़र आने लगेगा। लेकिन जब तक खूनी बवासीर बंद न हो जाए तक लेते रहें।
7. हार्ट अटैक
जिन्हें बार-बार हार्ट अटैक की पीड़ा से गुज़रना पड़ता है वे कमल के फूल की शरण में चले जाएं। उनके लिए कमल का फूल अमृत तुल्य है। दवा बनाने के लिए कमल के फूल के साथ मुलेठी, नागरमोथा, सफेद चंदन मिलाया जाता है। यह दवा संपूर्ण हृदय रोग का इलाज है। लेकिन इसे किसी योग्य वैद्य से ही बनवाना चाहिए।
8. चर्म रोग
किसी भी प्रकार के त्वचा रोग में कमल की जड़ आपको लाभ पहुंचाएगी। बहुत ही आसान तरीके से चर्म रोग विदा हो जाएंगे। केवल कमल की जड़ को पानी में घिसकर लेप बना लें, इस लेप को प्रभावित त्वचा पर लगाएं। कुछ ही दिन में रोग चला जाएगा।