सेक्स संबंध में अति करने के नुकसान

कहा गया है कि अति से हमेशा बचना चाहिए। वह जीवन का कोई भी आयाम हो। आमतौर पर हम एक अति से दूसरी अति पर चले जाते हैं पेंडुलम की भांति। इसका परिणाम जीवन में घातक होता है। यदि इस अति में हमारा जीवन साथी शामिल है तो जीवन बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। ख़ासकर सेक्स संबंध में अति से हमारी स्‍त्री या पुरुष साथी को तक़लीफ़ हो सकती है, उसका मन टूट सकता है, वह अपने को उत्‍पीड़ित समझ सकता है और यह सारे भाव उसे एक निराशाजनक स्थिति में पहुंचा सकते हैं, इससे दांपत्‍य जीवन आनंदपूर्ण होने की जगह कलह में तब्‍दील हो सकता है। इसलिए सेक्‍स के संबंध में अति से हमेशा बचना चाहिए। स्‍त्री हो या पुरुष दोनों को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्‍मान व आदर करना चाहिए।

वैवाहिक जीवन में सेक्स संबंध

सेक्स संबंध में अति

संभव है कि पुरुष साथी की सेक्‍स करने की तीव्र इच्‍छा हो और स्‍त्री साथी का मूड बिल्‍कुल न हो, यही स्थिति पुरुष साथी के साथ हो सकती हैं, संभव है कि पुरुष सेक्‍स करने के लिए तैयार न हो और स्‍त्री साथी उसे सेक्‍स के लिए मज़बूर कर रही हो। ये दोनों स्थितियाँ दोनों के लिए दुष्‍परिणाम लाने वाली हैं। वैसे भी सेक्‍स में जब तक दोनों तैयार न हो तो सेक्‍स का भरपूर आनंद नहीं मिल सकता।

ऐसी स्थिति में सेक्‍स एक छिछोरापन ही होगा जो दूसरे साथी को कष्‍ट दे सकता है। इसमें ख़ासकर स्‍त्री साथी को दर्द तो होगा ही, यह स्थिति हमेशा आती रही तो धीरे-धीरे उसके मन में यह बात घर कर जाएगी कि उसका पुरुष साथी उसे समझ नहीं पाता है और दोनों के बीच मनभेद पैदा होने शुरू हो जाएंगे जो आगे चलकर जीवन को तबाह कर सकते हैं। कम से कम दोनों के बीच प्‍यार तो नहीं ही रह जाएगा। जीवन एक शुष्‍क मरुस्‍थल बन जाएगा। इसलिए सेक्स संबंध में सावधानी बरतने की ज़रूरत है और एक-दूसरे भावनाओं का ख़याल करने की आवश्‍यकता है।

उपभोग की वस्तु

आमतौर पर पुरुषों में यह धारणा बन जाती है कि स्‍त्री साथी सेक्‍स के लिए तैयार न हो रही हो तो वे मान लेते हैं कि ऐसे समय में उसे तैयार करना या उसे सेक्‍स के लिए मज़बूर करना सेक्‍स के आनंद को बढ़ा सकता है, ख़ासकर जब उसे दर्द होता है तो पुरुष साथी को सेक्‍स में आनंद का आभास होता है। स्त्रियाँ वैसे भी संकोची होती हैं और उन्‍हें हमेशा सेक्स संबंध में एक भय बना रहता है। यदि लगातार तीन दिन तक सेक्‍स किया गया तो स्‍त्री की योनि में घर्षण के कारण दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में वह कुछ दिन तक सेक्‍स से दूर रहना चाहती है। उसकी इस भावना को पुरुष साथी को समझने की ज़रूरत होती है।

ऐसी स्थिति में सेक्‍स आनंद का ज़रिया न होकर एक दु:ख का ज़रिया बन जाता है। पुरुष साथी को भले ही तृप्ति मिल जाए लेकिन उसकी जीवन संगिनी को भयंकर दर्द से गुज़रना होता है। ऐसी स्थिति में स्‍त्री अपने को मज़बूर और उत्‍पीड़ित मान सकती है, उसे लग सकता है कि पुरुष साथी उसके दर्द व भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं कर रहा है। इसके परिणाम घातक होते हैं।

व्यस्क फ़िल्में

दांपत्‍य जीवन को सुखमय बनाने और उसे सुखमय स्थिति में स्थिर रखने के लिए ज़रूरी है कि पुरुष साथी स्‍त्री साथी की भावनाओं का आदर करे। हो सकता है कि पुरुष साथी को सेक्‍स के किसी प्रकार में मजा आता हो, यह धारणा ख़ासकर पोर्न फ़िल्‍में देखने से बन सकती हैं, लेकिन स्‍त्री साथी उसके लिए तैयार न हो। क्‍योंकि पोर्न फ़िल्‍मों में काम करने वाले लोग शुद्ध रूप से व्‍यावसायिक होते हैं, उन्‍हें अपने उत्‍पाद बेचने होते हैं, इसलिए उपभोक्‍ता को आकर्षित करने के लिए वह तरह-तरह के आसनों व सेक्‍स उपायों को इस्‍तेमाल करते हैं। कोई ज़रूरी नहीं की स्‍त्री साथी इसके लिए तैयार हो।

married life

आपसी कलह

इसलिए पुरुष साथी को स्‍त्री साथी की भावनाओं के विरुद्ध कोई अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। यह भी जान लेना ज़रूरी है कि पोर्न फ़िल्‍में देखने के दुष्‍परिणाम भी जीवन में घटित होते हैं। शुरू-शुरू में पोर्न फ़िल्‍में तो आनंदित करती हैं, पुरुष व स्‍त्री साथी साथ मिलकर देखते हैं, इसे देखने से वे उत्‍तेजित होते हैं और सेक्स संबंध के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसकी आदत बन जाती है और बिना पोर्न फ़िल्‍म देखे उत्‍तेजना उनका साथ नहीं देती। यानी जब भी सेक्‍स करना होगा तो उन्‍हें पोर्न फ़िल्‍मों का सहारा लेना पड़ेगा। इसलिए पोर्न फ़िल्‍में दो तरह से नुक़सान करती हैं।

एक तो एनर्जी लेवल पोर्न फ़िल्‍मों पर निर्भर हो जाता है और दूसरे स्‍त्री या पुरुष साथी उन फ़िल्‍मों में फ़िल्‍माए गए दृश्‍यों, सेक्‍स समय व क्षमता के मुताबिक एक-दूसरे से अपेक्षा करने लगते हैं, जिसपर ख़रा उतरना किसी साथी के लिए मुश्किल हो सकता है। यदि स्‍त्री साथी पोर्न फ़िल्‍मों को देखने से उत्‍पन्‍न हुई अपेक्षा पर ख़रा नहीं उतरती तो कतई उससे विरोध न लें, उसकी भावनाओं का सम्‍मान करें और वह जैसा चाहती है उसी प्रकार उसके साथ सेक्स संबंध में उतरें। इससे दोनों के बीच प्रेम बना रहेगा और स्‍त्री को लगेगा कि उसका पुरुष साथी उसकी भावनाओं का सम्‍मान कर रहा है। दांपत्‍य जीवन कभी कलहपूर्ण नहीं होगा।