यदि पुरुष वीर्य में स्वस्थ शुक्राणु पर्याप्त संख्या में हैं तो स्त्री को गर्भधारण आसानी से हो जाता है। यदि स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या कम है तो ऐसे पुरुष पिता बनने में अक्षम हो जाते हैं। इस स्थिति को एज़ूस्पर्मिया कहा जाता है। सुबह 4 बजे व अपराह्न में शुक्राणु अपने उच्चतम स्तर पर रहते हैं। गर्भधारण के लिए यह समय ज़्यादा उपयुक्त है।
वीर्य में स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या कम होने के कारण
- वीर्य यदि दूषित हो गया हो
- गरम पानी से स्नान, गरम पानी के टब में ज़्यादा देर बैठने, कसी हुई कच्छी पहनने से अंडकोष का क्षेत्र गरम हो जाता है। यह भी एक कारण है
- ज़्यादा हस्तमैथुन करना
- एक दिन में अधिक बार संभोग करना
- ज़रूरत से ज़्यादा काम, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक
- नशे का सेवन खासकर शराब, सिगरेट, बीड़ी आदि का
- शरीर में जिंक की कमी
- प्रोस्टेट ग्रंथि का दूषित होना
वीर्य में स्वस्थ शुक्राणु कैसे बढ़ें
- कम से कम चार दिन बाद संभोग करें
- नियमित योगासन व व्यायाम
- नशे से परहेज़ करें खासकर शराब, सिगरेट व बीड़ी आदि
- अधिक तीखा, अधिक मसाला, अधिक खट्टा व कड़वा भोजन से बचें
- भोजन में मछली, मशरूम, लहसुन व प्याज का उपयोग करें
- अखरोट का सेवन करें
वीर्य में स्वस्थ शुक्राणु बढ़ाने के औषधीय उपाय
- रात का भिगोया हुआ 11 अदद बादाम सुबह छीलकर पीस लें। इसे आधा गिलास गाय के दूध में मिलाएं। थोड़ी सी इलायची, केसर व अदरक का रस मिला लें। इसे रोज़ सुबह लें।
- सफेद प्याज का रस दो किलो व एक किलो शुद्ध शहद मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब सिर्फ शहद शेष रह जाए तो आग से उतार लें। इसमें आधा किलो सफेद मूसली का चूर्ण मिलाकर शीशे या मिट्टी के बर्तन में रख लें। रोज़ सुबह-शाम एक चम्मच लेने से वीर्य में स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है और नपुंसकता से छुटकारा मिलता है।
- प्रतिदिन एक पाव गाजर के रस का सेवन करें।
- एक गिलास दूध में शतावर और अश्वगंधा के 5 ग्राम चूर्ण मिलाकर पियें।
- बराबर मात्रा में कौंच का बीज, मिश्री व तलमखाना मिलाकर बारीक पीस लें। रोज सुबह-शाम दूध के साथ 3-3 ग्राम लें।
- गोखरू को दूध में उबालें और सुखाएं। ऐसा तीन बार करें। इसके बाद उसका चूर्ण बना लें और 5 ग्राम का उपयोग करें।