सेम का रस और उसके गुण: चेहरा हमारे व्यक्तित्व का आईना होता है। हमारा पूरा व्यक्तित्व चेहरे से झलकता है। चेहरा जितना सुंदर, सुडौल और आकर्षक होगा, व्यक्तित्व उनता ही विशाल नज़र आता है। हमारी पूरी भौतिक, बौद्धिक और आत्मिक संपदा व दिव्यता हमारे चेहरे पर परिलक्षित होती है। यदि चेहरा कुरूप हो जाए या उसपर काले धब्बे पड़ जाएं तो न सिर्फ़ हमारा सौंदर्य प्रभावित होता है बल्कि लोगों के बीच बैठने में झिझक होती है और धीरे-धीरे हीन भावना घर कर लेती है।
चेहरे पर काले धब्बों की संख्या यदि बढ़ जाए तो धीरे-धीरे हम लोगों से मिलने से भी परहेज़ करने लगते हैं। इससे हमारा व्यक्तित्व सिकुड़ता चला जाता है। लेकिन चेहरे के काले धब्बों से निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आपके घर के बाहर एक लता है उसकी पत्तियों का रस लगाने मात्र से आपके चेहरे के काले धब्बे विदा हो जाएंगे। उस लता का नाम है सेम। इसके और भी अनेक औषधीय गुण हैं। आइए आज सेम, सेम का रस और उसके गुणों की चर्चा करने जा रहे हैं।
सेम के पौष्टिक तत्व
सेम में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, मैग्नेशियम, विटामिन ए, फासफोरस व लौह तत्व पाए जाते हैं। इसके बीज शाक या दाल के रूप में खाए जाते हैं। बीजों में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है। यह हमारे शरीर के लिए पौष्टिक होता है।
औषधीय गुणों से युक्त सेम का रस
1. सेम के पत्तियों का रस
सेम की लता हर गली-मुहल्ले में घर की छत पर चढ़ी हुई मिल जाएगी। ख़ासकर गांवों में तो घर-घर में बोई जाती है। इसकी फलियों की सब्ज़ी बनती है। इसकी पत्तियां पशुओं को खिलाई जाती हैं। इसकी पत्तियों को पीसकर चेहरे के काले धब्बों पर लगाने से धब्बे कुछ ही दिन में मिट जाते हैं। धब्बों पर इसकी पत्तियों का रस भी लगाया जा सकता है।
2. ललौसी रोग का उपचार
ललौसी एक त्वचा रोग है। आमतौर पर यह ठीक होने के कुछ दिन बाद पुन: हो सकता है। लेकिन इसे जड़ से ख़त्म करने की सामर्थ्य सेम की पत्तियों में है। संक्रमित स्थान पर सेम की पत्तियों को रगड़ने मात्र से ललौसी रोग ठीक हो जाता है।
3. पित्त व कफ नाशक
आयुर्वेद के अनुसार सेम मधुर, शीतल, भारी, वातकारक, बलकारी, दीपन, पित्त व कफ नाशक है। वातकारक होने से हींग, अजवाइन, मेथी चूर्ण, अदरक व गर्म मसाले के साथ फ़िल्टर्ड या कच्ची घानी के तेल में इसकी सब्ज़ी बनाकर उसमें गाजर मिलाकर सेवन करने से वात नहीं बनता है। साथ ही यह पित्त व कफ का नाश कर अनेक प्रकार के रोगों से मुक्त करती है।
4. रक्तशोधक व कब्ज़नाशक
सेम में रक्तशोधन व कब्ज़ नाश करने की अद्भुत क्षमता है। इसकी फलियों की सब्ज़ी खाएं या इसकी पत्तियों का शाक। दोनों स्थितियों में यह रक्त का शोधन करती है और कब्ज़ का नाश कर अनेक त्वचा व अन्य बीमारियों की रोकथाम करती है।
5. नाक के मस्सों का दुश्मन
सेम की फली नाक के मस्सों का दुश्मन है। यदि नाक पर मस्से निकल आए हैं तो सेम की एक फली लें और उसे मस्से पर रगड़ें, फिर उस फली को पानी में डाल दें। कहा जाता है कि जैसे-जैसे फली पानी में गलेगी, वैसे-वैसे मस्सा मिटता जाएगा।
6. सेम के कुछ अन्य गुण
– बिच्छू ने यदि काट लिया हो तो काटे हुए स्थान पर सेम की पत्ती का रस लगाने ज़हर नहीं फैलेगा।
– बच्चों को बुखार हो गया हो तो सेम की पत्तियों का रस तलवों पर लगा देने से बुखार उतर जाता है।