चिकनगुनिया के लक्षण, इलाज और बचाव

आज डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल बुखार का प्रकोप हर जगह फैला हुअ। अगर किसी को सामान्य बुखार भी जाए तो लोग ख़बरा जाते हैं, और महंगे महंगे टेस्ट करवाने को तैयार हो जाते हैं। भई, जान है तो जहान है। चिकगुनिया ‌_ Chikungunya मच्छरों से ही फैलता है, पर यह डेंगू जैसी ख़तरनाक नहीं होती है। अन्य बीमारियों की तरह विषाणुजनित रोग चिकनगुनिया का इलाज भी समय से हो जाना चाहिए। नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हम पिछले आलेख डेंगू के लक्षण और उपचार पर चर्चा कर चुके हैं। यह आलेख खास चिकनगुनिया के उपचार के लिए प्रकाशित किया जा रहा है।

चिकनगुनिया के कारण

किसी भी रोग के सही इलाज के लिए उसके कारण और लक्षणों की जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। चिकनगुनिया बुखार डेंगू फैलाने वाले मादा टाइगर मच्छर के काटने के कारण होता है। यह मच्छर सुबह और शाम को काटता है। यह मच्छर ठहरे हुए पानी में अंडे देता है और पनपता है।

Chikungunya Fever
Chikungunya Fever

चिकगुनिया के लक्षण

इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण है कि तेज़ बुखार आने के साथ-साथ जोड़ों में दर्द होता है। मच्छर काटने के दो हफ़्ते में इसके लक्षण दिखने शुरु हो जाते हैं। बच्चों में लक्षण 5 दिन के भीतर ही दिख जाते हैं।
– सिर दर्द और उल्टी होना
– हाथों, चेहरे और तलवों पर दाने निकलना
– बुखार के साथ जोड़ों में सूजन और दर्द रहना
– ठंड लगना और कंपकपी छूटना
– दस्त आना; डायरिया
– स्थिति गंभीर होने पर मसूढ़ों और नाक से खून भी आ सकता है
बीमारियों के प्रकोप के समय अफ़वाहें फैल जाती हैं। जिस कारण लोग चिकनगुनिया की जांच के लिए महंगे टेस्ट करवाने लगते हैं। उपरोक्त लक्षण दिखें तो टेस्ट अवश्य करा लें।

[button color=”black” size=”large” type=”outlined” target=”_blank” link=”http://lifestyletips.in/dengue-lakshan-bachav-ke-upay/”]ये भी पढ़ें: डेंगू का घरेलू इलाज कैसे करें[/button]

चिकनगुनिया का इलाज और घरेलू उपाय

पपीते के पत्ते का रस

चिकनगुनिया बुखार आने पर शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। पपीते के पत्ते 4 घंटे में खून में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ा देते हैं।
पपीते के पत्ते की डंठल हटाकर और पत्ते पीसकर उनका जूस निकाल लें। पपीते के पत्ते का रस 2 से 3 चम्मच दिन में 3 बार पीने से बहुत जल्द आराम मिल सकता है।
पपीते के पत्ते का जूस डेंगी के इलाज में भी कारगर होता है।

गाजर और अंगूर

चिकनगुनिया का इलाज करने में कच्ची गाजर खाने से फायदा मिलता है। इससे रोगी की रोगों के लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
गाय के दूध को हल्का गुनगुना करके पिएं और साथ में बिना बीज वाले अंगूर खाएं, इससे चिकनगुनिया का वायरस खत्म हो सकता है।

लहसुन और अजवाइन

चिकनगुनिया में जोड़ों में बहुत दर्द उठता है। ऐसे में आराम पाने के लिए अजवाइन की फली और लहसुन को खाने के तेल में गरम कर लें। इस तेल से हाथ पैरों की मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है।

लौंग का तेल

लहसुन पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाएं और फिर किसी कपड़े में लपेटकर जोड़ों पर बांध दें। इस उपाय को करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। बुखार भी कम हो जाता है।

अजवाइन और नीम की पत्तियां

अजवाइन, नीम की पत्तियां, तुलसी और किशमिश को एक गिलास पानी में उबालकर दिन में 3 बार पीना चाहिए।

Chikungunya Mosquito
Chikungunya Mosquito

चिकुनगुनिया के उपचार में ज़रूरी बातें

अगर चिकनगुनिया की जांच में बीमारी पकड़ी जाए तो डॉक्टर सलाह से काम लें।
– अधिक से अधिक पानी पिएं। गुनगुना पानी प्रयोग करें। नारियल पानी भी पी सकते हैं।
– ऐसा कोई काम न करें, जिससे आपको थकान हो। इस बीमारी में आराम करना अच्छा रहता है।
– मरीज़ के कमरे, बिस्तर और कपड़ों को साफ़ रखें।
– घर के सभी लोग मच्छरदानी का प्रयोग करें।
– करेला, पपीता, दूध और दही का सेवन ज़रूर करें।
– ठंडे कमरों में रहें, यह मच्छर ठंडे कमरे में नहीं पनपता है।
– डॉक्टरी सलाह से जोड़ों के दर्द की दवा ली जा सकती है।

आयुर्वेद में चिकुनगुनिया का इलाज

चिकनगुनिया के उपचार में विल्वादि गुलिका, अमृत सत्व और सुदर्शनम गुलिका जैसी आयुर्वेदिक दवाई दी जाती है। आपको यह दवाई बाबा रामदेव की पतांजलि दुकान पर मिल जाएगी। पर दवाइयों का प्रयोग चिकित्सक के परामर्श से करने पर जल्दी फायदा होता है। वो आपके लक्षणों और स्थिति के अनुसार दवा का डोज़ देगा।
इसके अलावा आप दूसरा उपाय भी कर सकते हैं। नीम की गिलोय, तुलसी, थोड़ी सी सौंठ और पिपर मिलाकर काढ़ा बना लें। इसका दिन में 3 बार सेवन करें। काढ़ा कड़वा लगे तो आप इसे गुड़ मिलाकर मीठा कर लें।

छोटे बच्चों को चिकनगुनिया से बचाना

बड़ों की तुलना में चिकनगुनिया का बच्चों पर असर जल्दी होता है। कमज़ोर इम्यून सिस्टम इसकी बड़ी वजह है। इस बीमारी में उन्हें ख़तरा भी अधिक होता है।
– बच्चे खुले मैदान में खेलने जाते हैं। इसलिए उन्हें मच्छर काटने की संभावना बहुत अधिक होती है। बच्चे को पूरी बाँह की कमीज और पैंट पहनानी चाहिए।
– कपड़ों का रंग हल्का होना चाहिए क्योंकि मादा टाइगर गहरे रंग की ओर ज़्यादा आकर्षित होती है।
– दिन के समय उसे मच्छरदानी में सुलाना चाहिए।
मच्छर भगाने के प्राकृतिक उपाय करें और गंजनी के तेल से बनी क्रीम और स्प्रे का प्रयोग भी कर सकते हैं।
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