कोलेस्ट्रोल, बीपी यानी उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक आदि बीमारियां बहुत गंभीर होती हैं। कोलेस्ट्रोल बढ़ने के साथ बीपी बढ़ सकता है और बीपी बढ़ने से हार्ट अटैक या पैरालाइसिस आदि हो सकता है। ईश्वर न करे कि किसी को यह बीमारी कभी हो। लेकिन यदि हो गई तो चिकित्सक एंजियोप्लास्टी करवाने की सलाह देते हैं। यह एक तरह का ऑपरेशन है जिसमें चिकित्सक दिल की नली में एक स्प्रिंग डालते हैं। जिसे स्टेंट कहते हैं। अमेरिका की कई बड़ी कंपनियां भारत मैं दिल के रोगियों को अरबों की दवाई बेंच रही हैं। जबकि आयुर्वेद में कोलेस्ट्रोल और बीपी जैसी बीमारियों का सबसे सस्ता व स्थायी इलाज मौजूद है।
कोलेस्ट्रोल और बीपी पर कंट्रोल
डेढ़ सौ रुपये का स्टेंट तीन लाख में
दिल की नली में जो स्टेंट पड़ता है वह अमेरिका में बनता है और बनने के समय उसकी कीमत मात्र 3 डॉलर (Rs150-180) होती है। जब यह भारत में आ जाता है तो इसकी कीमत तीन से पांच लाख रुपये तक हो जाती है। चिकित्सक को लाखों रुपये कमीशन मिलता है इसलिए वह एंजियोप्लास्टी करवाने की सलाह देता है।
सफल नहीं होता एंजियोप्लास्टी
आमतौर पर एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन किसी का सफल नहीं होता क्योंकि चिकित्सक जो स्प्रिंग दिल की नली में डालता है वह पेन की स्प्रिंग की तरह होता है। कुछ ही माह बाद उस स्प्रिंग के आगे-पीछे कोलेस्ट्रोल व फैट जमना शुरू हो जाते हैं और वह ब्लाक कर जाता है। इसके बाद होता है दूसरा हार्ट अटैक। फिर चिकित्सक एंजियोप्लास्टी की सलाह देगा और लाखों रुपये का चूना लगा देगा। पूरी जिंदगी इसी दुष्चक्र में आदमी फंस जाता है।
35 की उम्र के बाद हो जाएं सावधान
भागदौड़ व तनाव भरी इस जिंदगी में उम्र 35 वर्ष की हुई तो कोलेस्ट्रोल और बीपी को लेकर सावधान हो जाना चाहिए। इस उम्र के बाद सभी को ब्लाकेज होना शुरू हो जाता है लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती और हार्ट अटैक के शिकार होते हैं।
क्या करें
आयुर्वेद भारत की थाती है। इस चिकित्सा पद्धति में अनेक गंभीर व लाइलाज रोगों का स्थायी इलाज व रोकथाम मौजूद है। लेकिन रंग-बिरंगी व पैसों की दुनिया की चकाचौंध ने हमें अंधा कर दिया है। हम अपने घर में पड़ी मूल्यवान चीजों को व्यर्थ मानने लगे हैं और हमारे लिए दूर की ढोल सुहावनी हो गई है। कोलेस्ट्रोल, बीपी, हार्ट अटैक आदि की दवाएं हमारे घर में मौजूद हैं लेकिन हमें इस खजाने का पता ही नहीं। इन बीमारियों में अदरक, नींबू, लहसुन, एप्पल साइडर सिरका व मधु रामबाण है। आइए जाने इनका उपयोग।
1. अदरक
अदरक में खून को पतला करने की क्षमता है। यह प्राकृतिक तरीके से दर्द को 90 प्रतिशत तक कम कर देता है।
2. लहसुन
लहसुन में एलीसिन तत्व पाया जाता है जो कोलेस्ट्रोल व उच्च रक्तचाप को कम करता है तथा हार्ट के ब्लाकेज को खोलता है।
3. नींबू
नींबू में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी, पोटैशियम व एंटी आक्सीडेंट पाया जाता है। यह खून को साफ करता है व रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है।
4. सेब का सिरका
सेब का सिरका में मिलने वाले 90 प्रकार के तत्व शरीर की सभी नसों को खोल देते हैं, पेट साफ करते हैं और थकान को दूर करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस मिश्रण को तब तक उबालें जब यह एक तिहाई बचे। इसमें शहद मिलाकर सेवन करें। इस दवाई को घर पर बनाना थोड़ा मुश्किल है। राजस्थान के उदयपुर जिले के एक व्यक्ति कई वर्षों से इस दवा के माध्यम से लोगों का इलाज कर रहे हैं। इससे अस्थमा, एलर्जी, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल, हार्ट ब्लाकेज, जोड़ों के दर्द, सर्दी-खांसी, गैस का इलाज किया जाता है। इस दवा से कुछ ही माह में शरीर की सारी नसें खुल जाती हैं। इस दवा ने दो माह में लोगों का चार से पांच किलो वजन कम किया है।
5. मधु / शहद
मधु में पांच हजार एंजाइम्स व 23 प्रकार के मिनरल्स होते हैं। इसके सेवन से शरीर लचीला होता है।