उम्र बढ़ने के साथ ही दर्द हमारे दरवाज़े पर दस्तक देने लगता है। विशेषकर बुज़ुर्गों के हाथ, पैर, घुटने, कमर, पीठ आदि में दर्द शुरू हो जाता है। स्थिति तब विकट हो जाती है जब वृद्धों की कोई सेवा करने वाला साथ में नहीं रहता है। ऐसे में दवा ही साथी होती है। दर्द निवारक दवाएं तो बहुत नुक़सान पहुंचाती हैं। ऐसे में हम एक बहुत ही आसान उपाय बता रहे जो धीरे-धीरे दर्द से मुक्ति दिला देगा और किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होगा।
दर्द से मुक्ति पाने के उपाय
1. दर्द नाशक अजवाइन
जोड़ों व पसलियों के दर्द या ठंड अथवा किसी कारण से होने वाले दर्द के लिए अजवाइन बहुत कारगर औषधि है। आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन स्वयं में एक दवा है जो कई बीमारियों को दूर करने में समर्थ है। यह गैस व कफ के रोगों को भी दूर करती है, साथ ही दर्द, वायुगोला आदि रोगों को समाप्त कर देती है। आचार्य चरक इसे दर्द मिटाने वाली व भूख बढ़ाने वाली दवा मानते हैं। आचार्य सुश्रुत के अनुसार यह दर्द निवारक होने के साथ ही पाचक भी है। इसमें दर्द निवारण गुण इतना अधिक है कि प्रसूता स्त्री के शरीर पर अजवाइन का चूर्ण मल देने से प्रसव के कारण हुई शारीरिक पीड़ा समाप्त हो जाती है।
अजवाइन का तेल किसी भी प्रकार के दर्द से मुक्ति दिला सकता है। कैसा भी जोड़ों का दर्द हो, अजवाइन वाला दर्द नाशक तेल लगाने पर जल्दी ही दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
दर्दनाशक तेल बनाने की विधि
अजवाइन वाला दर्दनाशक तेल बनाना बहुत ही आसान और सस्ता है। इसमें बहुत अधिक सामग्री व समय भी समय भी नहीं लगता है। दस-दस ग्राम अजवाइन व पिपरामेंट ले लें तथा बीस ग्राम कपूर। ये सभी वस्तुएं पंसारी या जड़ी-बूटी वाली दुकान पर मिल जाएंगी। इससे दर्दनाशक तेल बनाना बहुत ही आसान है। कुछ नहीं करना है, बस तीनों वस्तुओं को मिलाकर किसी बोतल में रख देना है, कुछ ही देर में सब आपस में घुल-मिल जाएंगे। छह घंटे के बाद इनका उपयोग किया जा सकता है। इन छह घंटों में बीच-बीच में बोतल को थोड़ा हिला दें।
किस-किस दर्द में काम आएगा तेल
किसी भी प्रकार का दर्द, कमर दर्द, पसली का दर्द, सिर का दर्द आदि में तत्काल लाभ मिलता है। इस तेल की कुछ ही बूंद मलने से तुरंत दर्द ग़ायब हो जाता है। इस तेल की मालिश करने से जोड़ों का दर्द, जकड़न तथा शरीर के अन्य भाग में होने वाले दर्द में तत्काल आराम पहुंचता है।
2. कमर दर्द व पीठ दर्द के लिए
एक मिट्टी का बर्तन ले आएं। रात को सोते समय उसमें पचास ग्राम गेहूं का दाना पानी में भिगो दें। सुबह इस भीगे हुए गेहूं के साथ 30 ग्राम खसखस के बीज तथा 30 ग्राम सूखी धनिया की मींगी मिलाकर बारीक़ पीस लें। अब इस पिसी हुई चटनी को आधा किलो दूध में पकाकर खीर बना लें, स्वाद के लिए थोड़ी मिश्री मिला दें। इस खीर को नियमित दो एक या दो सप्ताह खाने से दर्द तो चला ही जाता है, शरीर को शक्ति भी मिलती है।