तंदुरुस्त होना सिर्फ़ सौंदर्य को ही नहीं बढ़ाता है बल्कि यह शारीरिक आवश्यकता भी है। यदि शरीर तंदुरुस्त न हो तो धीरे-धीरे कमज़ोरी आने लगती है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। ज़्यादा कमज़ोर हो जाने पर व्यक्ति अक्सर बीमार होने लगता है। इसलिए स्वास्थ्य व सौंदर्य दोनों की दृष्टि से तंदुरुस्ती बहुत ज़रूरी है। विशेषकर कमज़ोर लोगों पर संक्रामक बीमारियों का तेज़ी से हमला होता है। थोड़ा भी मौसम बदला या बाज़ार गए तो छींक शुरू हो जाती है। कुछ दिन ध्यान नहींं दिए तो एलर्जी स्थायी होकर जीवन भर परेशान करती है। मौसम बदलने पर सर्दी-ज़ुकाम आम बात है। इसलिए तंदुरुस्त रहना हर व्यक्ति का दायित्व व ज़रूरत दोनों है। आज तंदुरुस्त रहने के कुछ नुस्खों पर हम चर्चा करेंगे।
कैसे रहें तंदुरुस्त
वज़न में वृद्धि
– रात को भैंस के दूध में चना भिगो दें और सुबह चबा-चबाकर खाएं, इससे वज़न बढ़ने लगेगा।
– किशमिश व खजूर का नियमित प्रयोग वज़न वृद्धि में सहायक है।
– भोजन से पूर्व एक से तीन ग्राम तक अश्वगंधा का चूर्ण दूध के साथ लेने तथा भोजन के बाद दो चम्मच घी खाने से भी वज़न बढ़ता है।
ताक़त में वृद्धि
– दो-दो ग्राम सोंठ व शिलाजीत खाने या पांच-पांच ग्राम अदरक व मधु एक साथ खाने से शरीर को ताक़त मिलती है।
– दूध में चार-पांच अंजीर उबालकर खाने से शरीर की शक्ति में वृद्धि होती है।
– आंवले के 10 से 40 मिलीलीटर रस में 1 से 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण 15 दिन नियमित लेने से शरीर को अपूर्व शक्ति प्राप्त होती है।
– रात को सोते समय एक गिलास पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर उसमें दो किसमिस भिगो दें। सुबह पानी छानकर पानी पी जायें व किशमिश चबाकर खा जाएं। यह शरीर को अद्भुत शक्ति प्रदान करता है।
– दो चुटकी हल्दी एक गिलास गर्म पानी में डालकर शाम को पी लेने से शरीर हर प्रकार के व्याधि से मुक्त व ताक़तवर रहता है।
असमय बुढ़ापे से मुक्ति
– समान मात्रा में त्रिफला व मुलहठी का चूर्ण अच्छी तरह मिला लें। इसमें से 1 तोला चूर्ण दिन में दो बार खाने से असमय वृद्धावस्था नहींं आती है।
– आंवला व काले तिल का चूर्ण मिलाकर रख लें। इसमें से एक-दो ग्राम चूर्ण घी या मधु के साथ लेने से अपूर्व शक्ति मिलती है और असमय आने वाला बुढ़ापा दूर होता है।
मोटापे से मुक्ति
– एक गिलास गुनगुने पानी में 25-30 तुलसी के पत्तों का रस व एक नींबू निचोड़कर पीने से शरीर को ताकत मिलती है और मोटापा दूर होता है।
– रात को पानी में जौ भिगो दें, सुबह उसे कूटकर छिलकारहित कर दें। उसकी दूध में खीर बनाकर खाने से शरीर हृष्ट-पुष्ट व मोटापा दूर होता है।