मृत्यु का रहस्य और विज्ञान

आदिकाल से मनुष्य मृत्यु के बारे में जानने का प्रयास करता रहा है। आज तक विज्ञान भी उसकी सभी जिज्ञासाओं का हल नहीं दे पाया है। विज्ञान निरंतर मृत्यु से जुड़े तथ्यों की खोज में लगा हुआ है। इस लेख में हम आपको मृत्यु का रहस्य बताने वाले हैं –
मृत्यु का रहस्य

1. विघटन का प्रारम्भ

30 साल तक स्वस्थ मनुष्य को मृत्यु का आभास तक नहीं होता है। लेकिन 30 से बाद हर दस साल में हड्डियों की डेंसिटी 1% कम होने लगती है। जिससे 35 साल पार करते करते शरीर हिकअप्स लेने लगता है और हमें शारीरिक विघटन का पता चलने लगता है।

2. घटती मांसपेशियाँ

30 साल उम्र का वह पड़ाव होता है, जहाँ से शरीर की मांसपेशियाँ घटने लगती हैं। 80 साल होते होते शरीर की 40% मांसपेशियाँ समाप्त हो जाती हैं। इसके बाद मांसपेशियों की शक्ति क्षीण पड़ने लगती हैं और उनकी लचक भी जाती रहती है।

3. नई कोशिकाएँ नहीं बनती

बचपन से जवानी तक कोशिकाएँ कोंपलों की तरह फूटती हैं और बढ़ती हैं। लेकिन उम्र जब ढलने लगती है तो कोशिकाओं के विभाजन की दर घट जाती है और उनका विभाजन भी ठीक से नहीं हो पाता है। साथ ही उनमें संचित डीएनए भी क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिससे कोशिकाएँ बीमार होने लगती हैं।
आप साइंस वर्ल्ड पर मृत्यु का रहस्य पढ़ रहे हैं।

4. प्राण घातक रोगों का जन्म

जैसे जैसे कोशिकाओं का डीएनए क्षतिग्रस्त होता है, शरीर प्राण घातक बीमारियों का घर बन जाता है। हमारा इम्यून सिस्टम इसे प्राकृतिक बदलाव समझता है और इसका संकेत हमारे मस्तिष्क तक नहीं पहुंचाता है। जिससे इन बीमारियों का देर से पता चलता है।

5. सिस्टम की अस्थिरता

न केवल बढ़ती उम्र हमारे शरीर के सिस्टम को अस्थिर करती है बल्कि हमारी जीवनशैली भी इसे प्रभावित करती है। आरामदायक दिनचर्या और आलस से मांसपेशियों में अतिरिक्त वसा जमा होने लगता है। जिससे हार्मोनल बदलाव आने से बीमारियाँ घर कर लेती हैं।

6. मृत्यु का प्रारम्भ

मृत्यु से ठीक पहले सबसे क्षीण अंग एक एक करके काम करना बंद कर देते हैं। श्वसन तंत्र पर इसका अधिक प्रभाव पड़ता है। स्थिति बिगड़ने से मस्तिष्क सही निर्देश प्राप्त नहीं होते, जिससे वह कुछ भी सही प्रोसेस कर पाता है।

7. प्वाइंट ऑफ़ नो रिटर्न

श्वसन प्रणाली ध्वस्त होते ही हृदय पम्प करना बंद कर देता है। अगले लगभग 5 मिनट में मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाएँ मृत हो जाती हैं। चिकित्सा विज्ञान में इसे प्वांइट ऑफ़ नो रिटर्न कहते हैं।
प्वाइंट ऑफ़ रिटर्न मृत्यु का रहस्य खोल देता है।

8. मृत्यु के पश्चात

प्वाइंट ऑफ़ नो रिटर्न की स्थिति के बाद हर घंटे शरीर का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस कम होता रहता है। शरीर में जगह रक्त के थक्के जम जाते हैं और शरीर अकड़ने लगता है।

9. आंतरिक विघटन

त्वचा की कोशिकाएँ शरीर की मृत्यु के बाद 24 घंटों तक जीवित रहती हैं। आंतों में मौजूद बैक्टीरिया शरीर को प्राकृतिक तत्वों में तोड़ने लगता है।

10. मृत्यु का रहस्य

मृत्यु से बचना सम्भव नहीं है, परंतु पर्याप्त पानी पीकर, व्यायाम करके, अच्छे से अच्छा खाकर और स्वस्थ नींद लेकर आप इसे लम्बे समय तक टाल सकते हैं।

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