डेंगू एक तरह का बुखार है जो एक समस्या के रूप में हमारे सामने हैं। हालांकि अब यह बीमारी पुरानी हो चुकी है। इसकी दवाएं व चिकित्सक जगह-जगह उपलब्ध हैं और समय से इलाज शुरू हो जाने पर रोगी ठीक भी हो जाता है। यदि बुखार एक दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l डेंगू बुखार के बारे जितना जल्दी पता चल जाता है, उसका इलाज उतना ही आसान हो जाता है।
डेंगू बुखार में सबसे बड़ी परेशानी ब्लड प्लेटलेट का लगातार गिरना है। जब यह बुखार होता है तो ब्लड प्लेटलेट लगातार गिरते जाते हैं, यदि वे नहीं रुके तो प्लेटलेट चढ़ाने पड़ते हैं और कभी-कभी ब्लड प्लेटलेट चढ़ाने के बाद भी प्लेटलेट बढ़ते नहीं हैं और धीरे-धीरे रोगी कोमा में चला जाता है। यह बीमारी जानलेवा हो जाती है। आज हम आपको डेंगू का बहुत ही सस्ता व घरेलू उपाय बता रहे हैं जो हर कोई कर सकता है। इससे ब्लड प्लेटलेट तेजी से बढ़ने लगते हैं।

डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगी बुखार तेज़ चढ़ता है, सिर में तेज दर्द होता है, आंखों के पीछे तेज दर्द होता है। उल्टियां शुरू हो जाती हैं, त्वचा सूखने लगती है और ब्लड प्लेटलेट तेजी से गिरने लगते हैं। समय से सही इलाज नहीं हुआ तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है।
प्लेटलेट बढ़ाने के उपाय
यदि आपके घर या पड़ोस या किसी शुभचिंतक को डेंगू बुखार हो गया है और ब्लड प्लेटलेट तेजी से गिर रहे हैं तो आप नीचे दिए नुस्खों से उनकी मदद कर सकते हैं। ये नुस्खे बिल्कुल घरेलू और बहुत ही सस्ते हैं लेकिन उतने ही कारगर भी। इनका सेवन करने से ब्लड प्लेटलेट तेजी से बढ़ने लगते हैं और रोगी स्वस्थ होने लगता है।
प्लेटलेट बढ़ाने के सबसे अच्छे स्रोत हैं- अनार का जूस, गेहूं का ज्वारा (गेहूं घास का रस), पपीते के पत्तों का रस व गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व या (गिलोय घन वटी)।
अनार का जूस
शरीर में खून बनाने के और प्रतिरोधक क्षमता के विकास में अनार के जूस व गेहूं के ज्वारे की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे देने के बाद तत्काल ब्लड प्लेटलेट बढ़ने लगते हैं और रोगी की प्रतिरोधक क्षमता में भी विकास होता है, उसका शरीर रोग से लड़ने में सक्षम होने लगता है। अनार का जूस आसानी से मिल जाता है लेकिन गेहूं के ज्वारे के लिए कम से कम नौ दिन समय चाहिए। आज बोएंगे तो नौ दिन बाद वह तैयार होगा। यदि गेहूं का ज्वारा तत्काल न मिल पाए तो रोगी को सेब का जूस देना चाहिए।
पपीते के पत्ते का रस
ब्लड प्लेटलेट बढ़ाने में पपीते के पत्तों के रस का कोई जवाब नहीं है। यह हर जगह आसानी से मिल जाता है और तेजी से ब्लड प्लेटलेट बढ़ाता है। पपीते के ताजे पत्ते ले आए और उसका रस निकाल कर दिन दो-तीन बाद रोगी को दें। प्लेटलेट तेजी से बढ़ने लगता है। यह सलाह एलोपैथ के चिकित्सक भी रोगी को देते हैं।
नींबू का रस
यदि रोगी बार-बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नींबू का रस मिला कर देने से उल्टियां बंद हो जाती हैं।
गिलोय की बेल
ब्लड प्लेटलेट बढ़ाने में गिलोय की बेल का सत्व भी बहुत कारगर है। रोगी को दिन में दो-तीन बार गिलोय का सत्व देने से ब्लड प्लेटलेट की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता है। यह ऐसी दवा है जो अनेक प्रकार के रोगों का नाश करती है। यदि गिलोय की बेल न उपलब्ध हो तो बाजार में गिलोय घनवटी मिलती है। यह एक-एक गोली दिन में तीन बार रोगी को देना चाहिए।
इन चीजों से केवल फायदा होता है, नुकसान बिल्कुल नहीं। यदि डेंगू बुखार की एलोपैथिक दवाएं चल रही हैं तो भी इसे बिना किसी संकोच के रोगी को दिया जा सकता है और चिकित्सक भी इन चीजों को देने से मना नहीं करेंगे। पपीते के पत्ते का रस पिलाने की वे खुद सलाह देते हैं।
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