प्रोसेस्ड फ़ूड के बारे में आप सभी जानते हैं। यह वह फ़ूड होते हैं जिसे अधिक समय या दिन तक प्रयोग करने के लिए संरक्षित रखा जाता है। यह अधिक दिन तक ख़राब न हों, इसके लिए इसमें कई तरह के पदार्थ मिलाए जाते हैं, कई तरह के फ़्लेवर व एजेंट इनमें मिलाकर रखा जाता है। हालांकि उनकी मात्रा उतनी ही डाली जाती है जो स्वास्थ्य को क्षति न पहुंचा सकें। फिर भी जैसे किसी एक पेय या फ़ूड का आपने सेवन किया तो उसमें फ़्लेवर या एजेंट या जो भी रसायन मिलाए गए हैं वह आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करने जितना नहीं है लेकिन यदि आपने वही दो बार या तीन ले लिया तो उसकी मात्रा दो गुनी या तीन गुनी हो जाएगी और स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल देगी।
यदि इनका प्रयोग ज़्यादा किया तो निश्चित तौर पर स्वास्थ्य प्रभावित होगा। वैसे भी बहुत दिन की रखी हुई चीज़ नहीं खानी चाहिए। हमेशा ताजी चीजों पर भरोसा करना चाहिए और उसी का सेवन करना चाहिए। प्रोसेस्ड फ़ूड की जगह फ़ाइबर प्रोटीन युक्त खाना खाना चाहिए।
प्रोसेस्ड फ़ूड के नुक़सान
प्रोसेस्ड फ़ूड पाचन क्रिया को ख़राब कर देते हैं, इसका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि खाने में टेस्टी होते हैं लेकिन उतने ही नुक़सानदायक भी।
– इनका ज़्यादा सेवन हड्डियों को कमज़ोर करता है और उनमें दर्द शुरू हो जाता है।
– प्रोसेस्ड फ़ूड में फॉस्फेट मिला होता है जो हमारे स्वास्थ्य को नुक़सान पहुंचाता है। इसका ज़्यादा सेवन किडनी में समस्या उत्पन्न करता है। यहां तक कि किडनी ख़राब होने की भी आशंका रहती है।
– इनके सेवन से शरीर में सूजन हो सकता है। एक खास उम्र के बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। झुर्रियां पड़ने का भी एक कारण प्रोसेस्ड फ़ूड का सेवन है।
– प्रोसेस्ड फ़ूड में प्रोटीन, विटामिन और फ़ाइबर आदि गुण नहीं होते जिससे अल्सर, कब्ज, एसिडिटी आदि की समस्या जन्म लेती है और पाचन क्रिया बिगड़ जाती है।
– प्रोसेस्ड फ़ूड का ज़्यादा सेवन हमारी स्मरण शक्ति को भी क्षति पहुंचाता है। सोचने-समझने की क्षमता में कमी आती है। एकाग्रता बाधित होती है। शरीर में कमजोरी आती है।
– यह प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
प्रोसेस्ड फ़ूड हानिकारक
– प्रोसेस्ड फ़ूड के सेवन से कैंसर की आशंका को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें शरीर को अस्वस्थ करने योग्य कई तत्व मिले होते हैं।
– इसके ज़्यादा सेवन से शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है जिसकी वजह से मधुमेह की आशंका उत्पन्न होती है। इसका ज़्यादा सेवन करने वाले लोगों में टाइप 2 मधुमेह पाया गया है।
– इस प्रकार के फ़ूड में फ्रक्टोज कॉर्न सिरप होता है जो पेट की कई बीमारियों का कारक माना जाता है।
– प्रोसेस्ड फ़ूड को संरक्षित करने वाले पदार्थों में रंग आदि भी होते हैं जो एलर्जी को जन्म देते हैं।
– प्रोसेस्ड फ़ूड कुपोषण का भी कारण है। इसलिए यथासंभव इनके सेवन से बचना चाहिए। यदि बहुत ज़रूरी हो तो कम से कम सेवन करना चाहिए। ज़्यादा मात्रा में इनका सेवन निश्चित तौर पर नुक़सानदायक है।
– इनके सेवन से बच्चों में सेंसटिविटी हो जाती है, अक्सर बच्चे इससे प्रभावित हो जाते हैं।
– प्रोसेस्ड फ़ूड को संरक्षित करने वाले पदार्थ अस्थमा का भी कारण बनते हैं। इनके ज़्यादा सेवन से त्वचा में जलन या त्वचा के रंग में परिवर्तन देखा जाता है। त्वचा पर दानें भी पड़ सकते हैं।