दिमाग तेज करने के उपाय: आज समय बदल चुका है, जिस वजह से हम सबकी लाइफस्टाइल, खाना पीना और रहन सहन के साथ साथ सोचने का तरीका भी बदल चुका है। चाहे नर्सरी की क्लास हो या फिर ऑफिस का कामकाज, सभी जगह आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा है। आज सभी सबसे आगे रहने की होड़ में हैं। सभी एक दूसरे को पीछे कर देना चाहते हैं। आप कितनी भी कोशिश करें और आगे निकलने की सोचते रहें। लेकिन मेहनत करना ही काफ़ी नहीं है, सफलता के लिए पूरी तरह से तैयारी करनी होती है। तन-मन और दिमाग को दुरुस्त रखना होता है।
क्लासरूम में बच्चों को और ऑफ़िस में नौकरों को एक सा माहौल दिया जाता है। लेकिन सभी की परफ़ार्मेंस एक जैसी नहीं होती है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि एक सा माहौल दिए जाने के बाद भी कुछ लोग अच्छा रिज़ल्ट देते हैं जबकि कुछ लोग औसत से आगे नहीं जा पाते हैं। इसमें सारा खेल उनके दिमाग और दिमागी ताकत का होता है। जिन लोगों का दिमाग़ तेज़ होता है, उनकी याददाश्त भी अच्छी होती है। साथ ही उनका अपनी सोच और तर्क क्षमता पर अच्छा कंट्रोल होता है। जो लोग भी लगातार अच्छे रिज़ल्ट देते हैं, उनका दिमाग़ बहुत तेज़ होता है, और उनकी सोच सकारात्मक होती है।
तन-मन और मस्तिष्क तेज़ होने पर कोई भी व्यक्ति अधिक कॉन्फ़िडेंट और कई तरह के काम आसानी से कर लेता है। चाहे बात पढ़ाई की हो या फिर एक्सट्राकैरिकुलर एक्टिविटी की। आज इस आलेख में हम आपको दिमाग तेज करने के घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे जानेंगे। इनकी हेल्प से आप भी औसत से बेहतर बन सकते हैं।
दिमाग तेज करने के देसी नुस्खे
ज़्यादातर लोग ब्रेन पॉवर बढ़ाने के लिए दवा खाने के बारे में सबसे पहले सोचने लगते हैं। लेकिन कुछ घरेलू उपाय ऐसे हैं जिनकी हेल्प से बिना दवा खाए आपका दिमाग तेज और एक्टिव बन सकता है। ये उपाय बच्चों और बड़े सभी लोगों के लिए हैं।
हल्दी पाउडर
हल्दी को हम खाना बनाने में प्रयोग करते हैं। हल्दी में करक्यूमिन (C21H20O6) नाम का तत्त्व होता है। यह कैंसर जैसी बीमारी के उपचार के साथ -साथ आपका दिमाग तेज बना सकता है। यह आपके दिमाग़ की नष्ट हो रही कोशिकाओं को नई लाइफ़ देता है।
ब्राह्मी और केसर
आयुर्वेद में दिमाग़ तेज़ करने के लिए ब्राह्मी का उपयोग हज़ारों सालों के किया जा रहा है। आधा चम्मच ब्राह्मी को 1 चम्मच गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है और ज़्यादा एक्टिव हो जाता है। बचपन से इस उपाय को करने से बहुत लाभ मिलता है।
केसर का प्रयोग डिप्रेशन, तनाव, गुस्सा और अनिद्रा जैसी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। इस सब बीमारियों से दिमाग़ कमज़ोर होता है। इन सब विकारों से दूर रहकर आप मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं, जिससे याददाश्त बढ़ती है।
दालचीनी पाउडर और तुलसी
दालचीनी को खाना बनाने के मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इसके बहुत से औषधीय गुण बताए गए हैं। रात को सोने के कुछ देर पहले 1 चुटकी दालाचीनी पाउडर को शहद में मिलाकर खाने से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और दिमाग तेज होता है।
तुलसी में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बॉयोटिक गुण होते हैं, जो शरीर में रक्त संचार को स्वस्थ रखते हैं। जिससे आपकी मेमोरी बढ़ती है।
शंखपुष्पी
दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी एक अच्छी जड़ी बूटी है। रोज़ 1 कप गुनगुने पानी में आधा चम्मच शंखपुष्पी मिलाकर लेने से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन सुचारू बना रहता है। जिससे दिमाग़ी ताक़त बढ़ती है।
जटामांसी
आयुर्वेद में अनेक बीमारियों को दूर करने के लिए जटामांसी का प्रयोग सहस्रों वर्षों से किया जा रहा है। यह औषधि दिमाग तेज करने और ब्रेन पॉवर बढ़ाने का रामबाण उपाय है। इसके प्रयोग से याद रखने की क्षमता बढ़ती है। एक कप गुनगुने दूध में 1 चम्मच जटामंसी को अच्छे से घोलकर पीना चाहिए। दिन में 2 बार इसका सेवन करने से दिमाग तेज होने के साथ याददाश्त भी बढ़ेगी।
ऊपर बताई गई औषधियां आपकी रसोई में मिल जाएंगी और बाक़ी आप बाबा रामदेव की पतांजलि शॉप से खरीद सकते हैं।
सभी पैरेंट चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई में और खेलकूद में आगे बढ़ते रहें। अगर आप स्कूल, कॉलेज में पढ़ते हैं या फिर किसी जॉब के लिए तैयारी कर रहे हैं और आपको जवाब याद रखना कठिन लगता है तो मेमोरी बूस्ट करने के टिप्स आपको पूरा पाठ याद रखने में मद कर सकते हैं। इसके अलावा योग, कसरत और संतुलित आहार आपको एक्टिव और फ़िट रखने में हेल्प करेगा।