हमारी पूरी शारीरिक संरचना में दिमाग़ की अहम भूमिका है और विकास में बुद्धि का। हमारे समय का लगभग केंद्र बिंदु बन चुका तनाव हमें इन दोनों से महरूम कर सकता है। इसलिए खान-पान में थोड़ा बदलाव कर और कुछ घरेलू प्रयोग कर हम बुद्धि व दिमाग़ की ताक़त बढ़ाने के साथ उसे दुरुस्त रख सकते हैं।
ऐसे बढ़ाएँ दिमाग़ की ताक़त

आयुर्वेदिक उपाय
– गाय के घी में 500 ग्राम बबूल का गोंद तल लें। फूले निकाल दें। ठंडा होने पर इसे पीसकर पाउडर बना लें। इतनी ही मात्रा में मिसरी पीसकर इसमें मिला दें, साथ ही 5 ग्राम पिसी हुई दालचीनी मिला दें। 250 ग्राम मुनक्का लेकर उसका बीज निकाल लें और 100 बादाम की गिरी लेकर उसे छील लें, अब दोनों को मिलाकर कूट-पीस लें और उसे पूर्व में बनाए बबूल के गोंद वाले मिश्रण में मिला दें। अब आपकी दिमाग़ की ताक़त बढ़ाने व बुद्धि का विकास करने वाली औषधि तैयार है। इसे सुबह नाश्ते में दो चम्मच लें और ख़ूब चबा-चबाकर खाएं। साथ ही एक गिलास मीठा दूध घूंट-घूंट कर पीते रहें। इसके बाद जब ख़ूब भूख लगे तभी भोजन करें। इससे याददाश्त अच्छी होती है, बुद्धि का विकास होता है और दिमाग़ को भरपूर ताक़त मिलती है।
– यदि आप उपरोक्त दी गई औषधि बनाने में असहजता महसूस करते हैं तो चार-पांच बादाम की गिरी लें, उसे पीसकर गाय के दूध में मिला लें और थोड़ी मिसरी डालकर पी जाएं। इससे भी मस्तिष्क शक्तिशाली होता है।
– दिमाग़ की ताक़त व स्मरण शक्ति में वृद्धि के लिए ब्राह्मी, शंखपुष्पी, वच, असगंध, जटामांसी, तुलसी बराबर-बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोज़ दूध के साथ लें।
– ब्राह्मी मे एन्टी ऑक्सीडेंट मौजूद होता है। इसलिए इसका एक चम्मच नियमित सेवन या ब्राह्मी के सात पत्ते चबाकर खाने से दिमाग़ की ताक़त में बढ़ोत्तरी होती है।
पंचगव्य का प्रयोग
– पंचगव्य यानी देशी गाय का घी, दूध, दही, गोमूत्र व गोबर का रस बराबर मात्रा में लेकर गरम करें। जब केवल घी बचे जो उसे आग से उतार लें और ठंडा होने पर छानकर किसी शीशे के बर्तन में रख लें। इसे पंचगव्य घी कहते हैं। सुबह व रात को सोते समय गाय के दूध में दो चम्मच यह घी, मिसरी, केशर, इलायची, हल्दी, जायफल, मिलाकर पिएं। इससे बुद्धि तो बढ़ती ही है, साथ ही बल, उमंग, साहस व पराक्रम में भी वृद्धि होती है।
बादाम और शहद
– रात को सोते समय नौ बादाम पानी में भिगो दें। सुबह उसके छिलके उतारकर पीस लें। एक गिलास दूध गर्म करने के लिए आग पर रखें, उसमें पिसा हुआ बादाम व तीन चम्मच मधु भी डाल कर ठीक से मिला दें। उबाल आ जाने के बाद उसे आग से उतारें, जब गुनगुना गर्म रह जाए तो पी जाएं। दो माह इसके नियमित सेवन से स्मरण शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि होती है।

मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने के उपाय
– 20 ग्राम अखरोट व 10 ग्राम किशमिश साथ लेने से भी दिमाग़ की ताक़त बढ़ती है।
– अंगूर, खारक, अंजीर व संतरा का नियमित सेवन से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है।
– दस ग्राम दालचीनी का पाउडर मधु में मिलाकर चाटने से दिमाग़ की कमज़ोरी दूर होती है।
– दो चम्मच मधु में एक चम्मच आंवला का रस मिलाकर लेने से भूलने की बीमारी में लाभ होता है।
– याददाश्त सही करने के लिए अदरक, जीरा व मिसरी पीसकर सेवन करना चाहिए।
– देशी घी में एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर लेने से याददाश्त अच्छी होती है।
– एक पाव दूध में दो चम्मच मधु मिलाकर पीने से याददाश्त में वृद्धि होती है।
– गाजर का नियमित सेवन भी लाभ पहुंचाता है।
– तुलसी का पत्ता, काली मिर्च व गुलाब की पंखुरी चबाकर खाने से दिमाग़ को शक्ति मिलती है।
– आम के जूस में दो चम्मच मधु मिलाकर पीने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।