निषेचन की प्रक्रिया और गर्भधारण के पहले 3 सप्ताह

गर्भधारण इस प्रकृति का अनमोल उपहार है। दुनिया इसी आशीर्वाद से आगे बढ़ रही है। नर और मादा के सहवास से गर्भधारण की प्रक्रिया का प्रारम्भ होता है। इसके पश्चात्‌ ही किसी जीव वंशावली की अगली पीढ़ी का जन्म होता है। हम मानवों में भी निषेचन की प्रक्रिया से हमारे जीवन में नए मेहमान की ख़ुशी आती है। इसलिए हर स्त्री पुरुष को निषेचन प्रक्रिया का ज्ञान होना चाहिए। ताकि आने वाला मेहमान स्वस्थ और हृष्ट पुष्ट रहे।
निषेचन की प्रक्रिया

निषेचन की प्रक्रिया Fertilization

नर के शुक्राणु और मादा के अंडाणु के सफल मेल निषेचन कहलाता है। मनुष्यों में निषेचन की प्रक्रिया में स्त्री के अंडाणु के साथ पुरुष के शुक्राणु का मिलन होता है, जिसके बाद ही स्त्री के गर्भाशय में निषेचित अंडा बनता है। इस निषेचित अंडे को अंग्रेजी में Zygote कहते हैं। गर्भाशय में भ्रूण का विकास इसी निषेचित अंडे से होता है। जो बाद में एक शिशु का रूप ले लेता है।
सहवास के समय पुरुष द्वारा शुक्राणुओं को स्त्री के योनि मार्ग स्खलित कर देने से निषेचन प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। अंडाणु और शुक्राणु का मिलन सही समय पर अनिवार्य होता है। जिसका अर्थ है कि जब स्त्री के गर्भ में अंडाणु विसर्जित हुए हों, उसी समय पुरुष का शुक्राणु उसके अंडाणु में प्रवेश कर जाए। स्त्री के गर्भ में अंडाणु विसर्जन को हिंदी में अण्डोत्सर्ग और इंग्लिश में Ovulation कहते हैं।
जब पुरुष के शुक्राणु स्त्री के अंडाणु से मिलन करता है, तब स्त्री के गर्भाशय में एक निषेचित अंडा बनता है और गर्भाशय में शिशु का विकास प्रारभ हो जाता है।

गर्भावस्था की प्रारम्भिक अवस्था – वर्णन

# पहला सप्ताह First Week

स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रसव तिथि या डिलीवरी डेट निकालने के लिए अंतिम माहवारी की पहली तारीख से गर्भावस्था का प्रारम्भ मानते हैं। इसका अर्थ होता है कि गर्भावस्था का पहला सप्ताह अंतिम माहवारी के पहले सप्ताह से ही गिना जाता है। प्रसव तिथि कैलकुलेटर का प्रयोग करके आसानी से प्रसव तिथि का अनुमान लगाया जा सकता है।

# दूसरा सप्ताह Second Week

दूसरे सप्ताह में Estrogen नामक हार्मोन का उत्सर्जन बढ़ने लगता है। इसी हार्मोन से गर्भाशय की भीतरी सतह पर रक्त नलिकाओं से भरपूर कोशिकाओं की एक सतह बनाता है। Progesterone नामक हार्मोन का स्तर बढ़ने से गर्भाशय निषेचित अंडे को सम्भालने योग्य बन जाता है। अंडाशय यानि Ovary में पूर्ण विकसित अंडाणु यहाँ से बाहर निकलने के लिए तैयार हो जाता है।
निषेचन की प्रक्रिया

# तीसरा सप्ताह Third Week

मासिक धर्म के 14वें दिन अंडाणु अंडाशय से फ़ेलोपियन नलिका Fallopian tube में आ जाते हैं। अगले 12 से 24 घंटे में अगर स्त्री पुरुष के साथ सहवास करे और (सामान्य स्खलन में) 350 मिलियन शुक्राणुओं में से एक इस अंडाणु में प्रवेश कर जाये तो निषेचन की प्रक्रिया से गर्भधारण हो जाता है।
एक बार अगर अंडाणु निषेचित हो जाये तो वह Zygote में बदल जाता है और अपने ऊपर एक सुरक्षा परत बना लेता है ताकि कोई अन्य शुक्राणु उसके अन्दर प्रवेश न कर सके।
अब इस Zygote की एक समान कोशिकाओं में विभाजित होकर विकसित होने लगता है। फ़ेलोपियन नलिका से होता हुआ यह गर्भाशय की ओर बढ़ता है और गर्भाशय की भीतरी सतह से चिपक जाता है। अब गर्भधारण पूर्ण हुआ। इसके बाद गर्भावस्था का चौथा सप्ताह प्रारम्भ हो जाता हैं।
एक स्त्री को गर्भावस्था में खानपान का ख़ास ख़याल रखना चाहिए और सभी प्रकार के तनावों से मुक्त होकर ख़ुशनुमा महौल में आने वाले बच्चे के स्वास्थ्य और सेहत की प्लानिंग करनी चाहिए।
अगले अंक में हम चौथे सप्ताह पर चर्चा करेंगे।

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