हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है और इसके लिए वह भोजन में अनेक प्रकार के पोषक तत्व प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन व खनिज लवण आदि को शामिल करता है। लेकिन बाजार की अधिक मुनाफा कमाने की लालच उसके मंसूबों पर पानी फेर देती है। आज शायद ही किन्हीं खाद्य पदार्थों में मिलावट न की जाती हो। हमें पोषक तत्व तभी भरपूर मात्रा में मिल पाएंगे जब खाद्य पदार्थों में मिलावट न हो।
दालें, अनाज, दूध, मिठाई, मसाले, तेल आदि सभी में मिलावट है, इसकी वजह से इनकी गुणवत्ता काफी कम हो जाती है। यहां तक कि सब्जियों में भी मिलावट है। इंजेक्शन देकर असमय ही उनकी वृद्धि की जा रही है। पुरानी व बासी सब्जियों को रंग कर बेंचा जा रहा है। रंग से ये चीजें आकर्षक तो दिखती हैं लेकिन उनके न्यूट्रीशन प्रभावित होते हैं और ये स्वास्थ्यवर्धक होने की जगह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध होती हैं। इससे अंधापन, लकवा व ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।

खाद्य पदार्थों में मिलावट व रोग
1-खाद्यान्न- दाल, गुड़ व मसाला
मिलावट- कंकड़-पत्थर, रेत, मिट्टी, लकड़ी का बुरादा।
रोग- आहार तंत्र, दांत व आंत के रोग
2- खाद्यान्न- चना व अरहर की दाल
मिलावट- खेसारी या केसरी दाल
रोग- लैथीरस रूग्णता
3- खाद्यान्न- सरसों का तेल
मिलावट- आर्जिमोन तेल, ऐपिडेमिक ड्रॉफ्सी
रोग- आहार तंत्र व अनियंत्रित ज्वर
4- खाद्यान्न- बेसन व हल्दी
मिलावट- पीला रंग (मैटानिल)
रोग- प्रजनन तंत्र, यकृत व गुर्दे
5- खाद्यान्न- लाल मिर्च
मिलावट- रोडामाइन-बी
रोग- यकृत, गुर्दे, तिल्ली
6- खाद्यान्न- दालें
मिलावट- टेलकॅम पाउडर, एस्बेस्टॉस पाउडर
रोग- पाचन तंत्र, गुर्दे में पथरी
7- खाद्यान्न- चांदी-वर्क
मिलावट- एल्युमिनियम
रोग- पेट संबंधित बीमारी
8- खाद्यान्न- काली मिर्च
मिलावट- पपीते के बीज
रोग- स्वास्थ्य संबंधी रोग
9- खाद्यान्न- नमक
मिलावट- मिट्टी या रेत
रोग- गले संबंधित बीमारी
10- उपयोगी चीजें- चाय पत्ती
मिलावट- लौह चूर्ण व रंग
रोग- आहार तंत्र व पाचन तंत्र
11- उपयोगी चीजें- दूध
मिलावट- पानी, यूरिया, रंग, वांशिग पाउडर
रोग- स्वास्थ्य संबधी बीमारी
12- उपयोगी चीजें- मक्खन व घी
मिलावट- चर्बी
रोग- स्वास्थ्य संबधी बीमारी
13- उपयोगी चीजें- मेवा
मिलावट- अरारोट, चीनी
रोग- स्वास्थ्य संबधी बीमारी

खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच का तरीका
आसानी से खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच घर पर ही की जा सकती है। एक आम अदामी भी चीजों की शुद्धता के बारे में पता लगा सकता है। जांच की घरेलू विधि नीचे बताई जा रही है।
1- मिर्च पाउडर
एक गिलास पानी लें और उसमें एक चम्मच मिर्च पाउडर डालें। पानी रंगीन हो जाए तो समझें कि मिलावट है। ईंट या बालू का चूर्ण पेंदी में बैठ जाएगा। सेलखड़ी मिली होती है तो पानी में सफेद रंग का झाग आता है।
2- मावा
मावा में स्टार्च की उपलब्धता जांचने के लिए थोड़ा मावा पानी में मिलाकर उबालें, इसके बाद इसमें आयोडीन की कुछ बूंद डालें। यदि स्टार्च होगा तो परच नीले रंग की दिखेगी।
3- हल्दी
परखनली में एक चम्मच हल्दी डालकर उसमें सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की कुछ बूंद डालें। यदि उसका रंग बैगनी आता है और उसमें पानी डालने पर यह रंग गायब हो जाता है तो हल्दी असली है। अन्यथा मिलावटी है।
4- खाने का तेल
थोड़ा सा तेल लें और उसमें सांद्र नाइट्रिक एसिड मिलाकर खूब हिलाएं। थोड़ी देर बाद लाल-भूरे रंग की परत दिखाई दे तो यह आर्जीमोन तेल की मौजूदगी है।
5- चांदी के वर्क
चांदी के वर्क को जलाने से वह उतने ही भार की छोटी-सी गेंद बन जाती है, मिलावट वाली चांदी वर्क को जलाने पर गहरे ग्रे रंग का अवशेष बचता है।
6- चावल
चावल में यदि रंग की मिलावट है तो मलने पर हाथों में रंग लग जाएगा। चावल को पानी में भिगोकर उसमें सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की कुछ बूंद डालें। पानी का रंग बैंगनी हो जाए तो उसमें पीला रंग मिला हुआ है।
7- आटा
अगर आटा गूंथने में कम पानी लगे, रोटियां ठीक से फूलें नहीं और स्वाद फीका लगे तो समझें मिलावट है।
8- सरसों
आर्जीमोन सरसो के बीज चिकने होते हैं तथा उनकी सतह खुरदरी होती है तथा ये काले रंग के होते हैं। इसलिए दोनों में आसानी से फर्क किया जा सकता है।
9- चाय पत्ती
यदि चाय की पत्ती नकली है तो नींबू के रस में डालने पर इसका रंग नारंगी हो जाएगा।
10- शहद
रूई को शहद में भिगोकर उसे जलाएं। यदि शहद में चीनी और पानी का मिश्रण है तो रूई का फाहा नहीं जलेगा।
11- केसर
नकली केसर पानी में डालने के बाद रंग छोड़ने लगता है। असली केसर को पानी में घंटों रख देने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता।
12- नमक
नमक को पानी में डालें, यदि थोड़ी देर के बाद कुछ कण पेंदी में बैठे नजर आएं तो समझ लीजिए इसमें मिलावट है।
13- कॉफी
कॉफी में आमतौर पर खजूर या इमली के बीजों की मिलावट की जाती है। इसे गीले ब्लॉटिंग पेपर पर छिड़ककर उसपर पोटैशियम हाइड्रोक्साइड की कुछ बूंद डालें यदि मिलावट होगी तो कॉफी के आस-पास भूरा रंग नजर आएगा।
14- दाल
परखनली में दाल डालकर उसमें पानी डालें और हल्के हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की कुछ बूंद डाल दें, हिलाने पर यदि रंग गहरा लाल हो जाए तो दाल को मेटानिल पीले रंग से रंगा गया है। खेसारी दाल की मिलावट का पता तो देखकर ही किया जा सकता है। खेसारी दाल नुकीली एवं धंसे हुए आकार की होती है।
15- काली मिर्च
पानी में डालने के बाद काली मिर्च के कुछ दानें यदि तैरने लगें तो समझिए कि इसमें पपीते के बीज मिलाए गए हैं। काली मिर्च डूब जाती है।
16- हींग
शुद्ध हींग का पता उसे जलाकर लगाया जाता है। जलाने पर उसकी लौ चमकीली हो जाती है। हींग को यदि साफ पानी में धोया जाए तो उसका रंग दूधिया हो जाता है। शुद्ध हींग की यह पहचान है।
17- दूध
लैक्टोमीटर द्वारा सापेक्षिक घनत्व को ज्ञात करके दूध में मिले पानी की जांच हो जाती है। दूध का सापेक्षिक घनत्व 1.030 से 1.034 तक होना चाहिए।
18- मक्खन व घी
10 सीसी हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में एक चम्मच चीनी मिलाकर उसमें दस सीसी घी या मक्खन मिलाकर हिलाएं, यदि रंग लाल हो जाए तो समझें कि मिलावट है।