जब भी यौन क्रीड़ा से मिलने वाले चरम आनंद की बात आती है, तो विशेषज्ञ जी स्पॉट की अनुभूति पर चर्चा अवश्य करते हैं। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि जी स्पॉट जैसा कुछ नहीं होता है, वहीं दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञ इसके होने और इसकी वजह से चरमोत्कर्ष की पुष्टि करते हैं।
जी स्पॉट सम्बंधित बातें
विशेषज्ञों का एक समूह जी स्पॉट की वास्तविक मानता है, वह इस बारे में चली आ रही रुढ़िवादी विचार धारा को नहीं स्वीकरता है। कुछ लड़कियों पर किए गए अध्ययन से जी स्पॉट की पुष्टि की गयी है। जी स्पॉट महिला योनि का वह भाग है जो यौन सम्बंधों के दौरान हमें चरमोत्कर्ष तक ले जाता है। आइए हम बात से सम्बंधित अन्य पक्षों पर बात करते हैं।
जी स्पॉट
जी स्पॉट योनि के अंदर एक सिक्के के आकार का होता है। यह योनि के अंदर 3 से 5 सेमी अंदर होता है। कुछ लड़कियों में यह एक संवेदनशील बिंदु होता है वहीं दूसरी ओर अन्य लड़कियाँ इसका आभास नहीं कर पाती हैं। इसे मैथुन के दौरान उंगली या फिर विशेष मुद्राओं द्वारा उत्तेजित करना सम्भव होता है।
जी स्टॉप का इतिहास
अगर जी स्पॉट के इतिहास के बारे में बात की जाए तो सन् 1950 में सबसे पहले स्त्रीरोग विशेषज्ञ एर्नेस्ट ग्रफ़ांबर्ग ने जाँचकर इसका नामकरण किया था।
जी स्पॉट पर पहला शोध
आस्ट्रेलियन यूरोलॉजिस्ट डॉ हेलेन ओ कोंनेल ने जी स्पॉट पर अपनी रिसर्च में लिखा है कि लड़कियों की योनि की आंतरिक दीवार वेजाइनल ओर्गास्म के लिए ज़िम्मेदार होती है। अगर यह योनि के किसी ख़ास भाग में अधिक उत्तेजना जागने लगे तो वही भाग जी स्पॉट कहलाता है।
जी स्पॉट दूसरा शोध
डॉ हेलेन की रिसर्च के विपरीत गायनाकोलॉजिस्ट ऐडम ओस्टर्जेंस्की ने अपनी रिसर्च में जी स्पॉट के होने की पुष्टि के प्रमाण दिए हैं और बताया है कि यह योनि की दीवार पर सामने के भाग में मटर के दाने जैसा होता है जो लड़कियों को मैथुन के दौरान चरमोत्कर्ष तक ले जाता है।
जी स्पॉट की स्थिति
सभी लड़कियों में होता भी या नहीं इस पर दुनिया भर में बहस होती है। लोग मानते हैं कि इसी के कारण यौन क्रीड़ा के समय लड़किया परमानंद की अनुभूति प्राप्त करती हैं। इस बहस से एक बात सामने आती है कि यह योनि की दीवार के सामने के भाग में होता है।
सेक्सोजिस्ट का मत
डॉ० पेट्रा बोयनटन का मानना है कि अक्सर लड़कियाँ जी स्पॉट की चिंता से ग्रस्त रहती हैं। अगर यौन क्रीड़ा के समय उनको जी स्पॉट का अनुभव न प्राप्त हो तो वे स्वयं को सेक्स करने में कमज़ोर मान लेती हैं, जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। उनका बताना है कि मात्र जी स्पॉट ही चर्मोत्कर्ष के लिए ज़िम्मेदार नहीं होता है।
जी स्पॉट का सच
सभी लड़कियों की योनि के सामने की दीवार में जी स्पॉट मौजूद हो यह बात ज़रूरी नहीं है। हर लड़की में जी स्पॉट की स्थिति अलग अलग हो सकती है। इसलिए इसे किसी ख़ास भाग में ढूँढ़ने की बजाय यौन क्रीड़ा समय मुद्रा पर अधिक ध्यान लगाना चाहिए।
जी स्पॉट और यौन सम्बंध
जी हाँ ये बिल्कुल सच है कि जी सेक्स करते समय जी स्पॉट के द्वारा ही परमानंद प्राप्त करने की जगह अन्य पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए। यौन सम्बंध मधुर हो इसके लिए क्रीड़ा और मुद्रा में अपने पार्टनर का सहयोग कीजिए। जी स्पॉट की चिंता आपको यौन सुख से दूर ले जाती है।
जी स्पॉट की अनुभूति
अक्सर प्रेमी युगल जी स्पॉट ढूँढ़ने में अधिक ध्यान देते हैं, जैसे कि किसी लड़की में और कुछ ध्यान देने के लिए है ही नहीं। अगर आप भी उनमें से एक हैं आप अपनी उंगलियों इस्तेमाल या सेक्स पोज़िशन चेंज करके इसे ढूँढ़ सकते हैं। लेकिन अपने पार्टनर को चरमोत्कर्ष के लिए दोषी न ठहराएँ, क्योंकि इस गेम में दोनों का बराबर योगदान होता है। इसलिए सब इसे अनुभव करें, यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है।
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