जब भी मौसम बदलता है या तेज़ गर्मी से आकर तुरंत एसी रूम में जाने से जुकाम हो सकता है। ख़ासकर बरसात जाने व सर्दी का मौसम आने के संधि काल में तेज़ी से ज़ुकाम का प्रकोप चलता है। शायद ही कोई ऐसा हो जिसे इस मौसम में जुकाम न हो जाए। इसके लिए यदि एलोपैथिक दवाएं खाई जाएं तो सर्दी सूख जाती है और ज़ुक़ाम बुखार में तब्दील जाता है, फिर एक सप्ताह लगातार दवा खानी पड़ती है। यदि इसमें थोड़ी लापरवाही बरती गई तो वायरल फ़ीवर और उसके बाद टायफाइड में तब्दील हो जाता है और लंबे समय तक परेशान करता है। जब भी जुकाम हो तो एलोपैथ से दूर रहकर तत्काल कुछ घरेलू उपाय अपना लेने चाहिए। इससे जुकाम जल्दी ठीक भी हो जाता है और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।
आज हम आपको एक ऐसा ही घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जो ज़ुकाम को सिर्फ एक दिन में ठीक कर देगा।
जुकाम में आयुर्वेद ही सही
किसी भी चिकित्सा पद्धति में जुकाम का संतोषजनक इलाज नहीं है। एलोपैथ बुखार की दवा देता है, अन्य पैथियां भी जो दवा देती हैं वे ज़ुक़ाम-बुखार की होती है। जब इन दवाओं का सेवन किया जाता है तो ज़्यादातर मामलों में ज़ुक़ाम, बुखार में तब्दील हो जाता है और फिर बुखार की दवा करनी पड़ती है। इसे ठीक करने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगता है। लेकिन आयुर्वेद के पास ऐसी व्यवस्था है जिससे एक दिन में ज़ुक़ाम को ठीक किया जा सकता है। जो दवा हम बताने जा रहे हैं उससे ज़ुकाम तो एक दिन में ठीक हो जाएगा लेकिन दवा तीन दिन ज़रूर लेनी चाहिए।
कैसे करें जुकाम का इलाज
सामग्री
तुलसी के पत्ते – 7
सितोपलादि चूर्ण – 2.5 ग्राम
शहद – 5 ग्राम
काली मिर्च- 5 दाना
सेवन विधि
ज़ुकाम के जब भी थोड़े-बहुत लक्षण दिखें तो बिना विलंब किए तुलसी के सात पत्ते और काली मिर्च के पांच दानें मिलाकर चबाकर खा जाएं। इसके तुरंत बाद 5 ग्राम शहद में ढाई ग्राम सितोपलादि चूर्ण मिलाकर चाट लें। यदि सिर में जकड़न व खांसी भी हो तो पान के पत्ते व अदरक का 3-3 ग्राम रस निकाल कर मधु व सितोपलादि चूर्ण के साथ ले लें। तुरंत आराम मिलेगा।
ज़ुकाम से बचाव
– जुकाम हो जाने पर उसी दिन से सूर्यास्त के बाद भोजन न करें और दिन में बिल्कुल ही न सोएं।
– चावल, तली-भुनी चीजों, तेल, मिर्च व खटाई से परहेज करें।
– दिन में भोजन में गर्म रोटी के साथ बिना छौंक वाली सादी दाल लें।
– भोजन करने के दो-तीन घंटे बाद ही पानी पीयें।