आज हमारे पास हमारी परंपराएं जीवित हैं लेकिन उनकी चाबी खो गई है। ये परंपराएं क्यों पड़ी, सभी लोग इसे नहीं जानते हैं, चूंकि परंपरा हमारे बुजुर्गों से होती चली रही है, इसलिए हम भी इसका निर्वाह करते हैं। हर परंपरा के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण था। लेकिन आज वे कारण खो गए हैं और केवल परंपरा रूढ़ अवस्था में हमारे पास बची है। पहले शादी के बाद सुहागरात को नव दंपती को केसर और बादाम मिला दूध देते थे, आज भी यह परंपरा कहीं-कहीं जीवित है। इसका वैज्ञानिक आधार था।

केसर और बादाम मिला दूध वैज्ञानिक आधार
– दुनिया के अन्य देशों की भांति शादी भारत में केवल समझौता नहीं है। यह जन्म-जन्मांतर का बंधन माना जाता है। शादी के समय सात फेरे लेकर वर-वधू अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों तक साथ निभाने का संकल्प करते हैं। विवाह के बाद दो आत्माएं एक हो जाती है। केवल दो शरीर होते हैं, उनकी सोच एक होकर परिवार का विकास करती है और अपनी नई पीढ़ी के लिए सपने बुनती है। जब शादी के बाद पहला मिलन होता है, उस रात को हम सुहाग रात कहते हैं, इसका अर्थ हुआ सौभाग्य की रात, इस रात को दो अलग-अलग सत्ताएं एक होने जा रही हैं। आज से वे एक नई यात्रा पर निकल रहे हैं, इसलिए उन्हें शक्ति की जरूरत है। इसीलिए इस रात को दूल्हे व दुल्हन को शिलाजीत, केसर और बादाम मिला दूध पीने को दिया जाता है।
– शिलाजीत, केसर और बादाम मिला दूध पीना पुरुष प्रजनन तंत्र के लिए अच्छा माना जाता है। दूध का नियमित सेवन करने से कामेच्छा व शुक्राणुओं की वृद्धि होती है तथा उनकी गतिशीलता बढ़ती है।
– दूध वात व पित्त में संतुलन बनाता है। आयुर्वेदाचार्यों के मुताबिक दूध सात्विक व पर्याप्त पोषण देने वाला आहार है। यह प्रजनन कोशिकाओं को पोषण देने के साथ ही कामोद्दीपक का कार्य करता है। इसके लिए गाय के दूध को सबसे अच्छा माना गया है क्योंकि वह जल्दी पचता है। आमतौर सुहागरात में गाय का दूध ही दिया जाता है।
Kesar Aur Badam Milk – Scientific Facts
– गाय का दूध सेक्स पॉवर को बढ़ाता ही है, शरीर को शक्ति देता है, कामेच्छा में वृद्धि करता है तथा आने वाली संतान को भी शक्तिशाली बनाता है। दूध में प्रोटीन मिलता है जिससे टेस्टोस्टेरॉन और एस्ट्रोजन नामक दो सेक्स हॉरमोन भी बनते हैं। इसीलिए सुहागरात को दूल्हे को बादाम व दूध दिया जाता है, दोनों में प्रोटीन भरपूर होता है।
– दूध प्रजनन उतकों कों ऊर्जा प्रदान करता है। दिमाग को तेज करता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। पाचन क्रिया को ठीक रखता है। ताजे दूध में मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट से कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। कार्बोहाइड्रेट किडनी व दिमाग के कार्य को और गतिशील बना देता है। नियमित दूध पीने से सीने की जलन, गैस की समस्या समाप्त हो जाती है, चेहरे पर ओज आ जाता है और शरीर को पर्याप्त शक्ति मिलती है।
– दूध में विटामिन डी मिलता है जो दिमाग में सेरोटिन हार्मोन पैदा करने में मदद करता है। इससे मन हमेशा प्रसन्न रहता है। भूख लगती है, अच्छी नींद आती है। थकान व अवसाद दूर होता है।