खसरा रोग के लक्षण और उपचार

आजकल के मौसम में लोग तेज़ी से बिमारियों के जैसे डायरिया, हैजा, खसरा रोग, चेचक और पेचिश आदि के शिकार हो रहे हैं। ख़ासतौर से बच्चे इसका मुख्य शिकार होते हैं। इसका मुख्य कारण इन रोगों की जानकारी का न होना है, जिससे बच्चे इन रोगों के शिकार हो जाते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि हम इन रोगों के लक्षणों के बारे में जानकारी रखें ताकि इन लक्षणों की जानकारी से सही समय पर रोगों का रोकथाम कर सकें और अपनी नन्ही सी जान की सुरक्षा कर सकें।
तो आइये आज हम खसरा रोग के लक्षण और उपचार के बारे में जानें ताकि सही समय पर इसकी रोकथाम कर सकें…

खसरा रोग

खसरा रोग एक संक्रामक रोग है। यह पैरामाइक्सोवाइरस परिवार के एक वायरस के कारण होने वाली घातक बीमारी है।
खसरा को अंग्रेजी में Measles/ मीज़ल्स कहते हैं। कुछ देशों में इसका एक वैकल्पिक नाम रुबेओला है, जिसे अक्सर लोग रुबेला (जर्मन खसरा) कहते हैं।
यह एक छूत का रोग है इसलिए जब किसी बच्चे को यह खसरा रोग हो जाएं तो उसके पास अन्य बच्चों को नहीं आने देना चाहिए क्योंकि यह रोग छूने से उसे भी हो सकता है। खसरे का संक्रमण सबसे ज़्यादा छोटे बच्चों में फैलता है और इस रोग के कारण शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और यह रोग कई लोगों को अपना शिकार बना लेता है।
खसरा रोग Khasra Measles

खसरा की सामान्य जानकारी

खसरे के सबसे पहले प्रमाण 165-180 ईसा पूर्व प्लेग ऑफ गॉलेन के रूप में मिला। खसरे की बीमारी को वैज्ञानिक तरीके से पहचानने का श्रेय फ़ारसी चिकित्सक मोहम्मद इब्न जकारिया अर रजी को जाता है। उन्होंने इस पर एक किताब द बुक ऑफ़ स्मॉल पॉक्स एंड मीजल्स भी लिखी थी।
खसरे का टीका सबसे पहले मर्क में मोरिस हिलमैन ने विकसित किया था। 1963 में इस टीके को लाइसेंस प्राप्त हुआ। खसरे के टीकाकरण अभियान की शुरूआत सर्वप्रथम दक्षिण अफ्रीका से हुई थी।

खसरे का लक्षण

खसरे में पहले चार दिन तक तेज़ बुखार बना रहता है। इसमें बुखार 104 डिग्री तक पहुंच जाता है। इसके तीन लक्षणों को कफ, काराईजा (बहती हुई नाक) और कन्जक्टिवाइटिस (लाल आँख ) को तीन सी के रूप में जाना जाता है। खसरे के बुखार में तीन-चार दिन के बाद सारे शरीर पर लाल दाने हो जाते और इसके बाद में त्वचा पर गहरे रंग के दाग भी छोड़ जाते हैं। इनकी शुरूआत पहले सिर से होती है। इन लाल दानों में पानी भी भरा होता है और इनमें खुजली भी होती है। इसका असर औसतन 14 दिनों तक दिखाई देता है।
इस रोग से बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति वर्ष खसरे के कारण एक लाख बच्चों की मत्यु हो जाती है। विश्व में खसरे से होने वाली मत्यु का 67 प्रतिशत भाग भारत में है। यानि खसरे के कारण सबसे ज़्यादा मौत भारत में होती है। खसरे से होने वाली मृत्यु दर को समाप्त करने के लिए भारत सरकार द्वारा समय समय पर विभिन्न चरणों में अभियान चलाकर बच्चों को खसरे का टीका लगाया जाता है। ताकि बच्चों को इस भयावह बीमारी से बचाया जा सकें।
Measles Vaccine खसरे का टीका

खसरे का उपचार

1. रसदार फलों का सेवन करें

खसरा रोग को ठीक करने के लिए रोगी को रस से युक्त चीज़ों का जैसे संतरे का रस, नींबू का रस तथा कई प्रकार के फलों के रस आदि का सेवन करना चाहिए।

2. गरिष्ठ पदार्थों के सेवन से बचें

खसरा रोग को ठीक करने के लिए रोगी को तली-भुनी, मिर्च-मसालेदार भोजन, दूषित भोजन तथा नमक का सेवन करने से बचना चाहिए।

3. नीम के पत्तों के गरम पानी से स्नान करे

खसरा रोग को ठीक करने के लिए नीम के पत्तों को पानी में उबाल लें और फिर हल्के गुनगुने पानी से रोगी को स्नान करना चाहिए ताकि रोगी को आराम मिलें।

4. अन्य घरेलू उपचार

अगर खसरा पीड़ित व्यक्ति लौंग को पीसकर शहद के साथ सेवन करे तो खसरे का रोग ठीक हो जाता है। इसके अलावा अगर यह एक चुटकी पिसी हुई हल्दी शहद के साथ सेवन करे तो भी रोगी को बहुत आराम मिलता है।
ध्यान रहें यदि पीड़ित व्यक्ति का बुखार उतर जाए तो भी रोगी को लगभग एक दिन आराम अवश्य करना चाहिए। ताकि वो इस रोग से पूरी तरह से मुक्त हो सकें ।
एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि खसरे के लक्षण की जानकारी होने पर बच्चे को तुरन्त डॉक्टर के पास लेकर जाएं और डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। इसके अलावा बच्चे को समय समय पर खसरे के टीके भी अवश्य लगवायें ताकि आपका बच्चा हमेशा स्वास्थ्य जीवन को प्राप्त करें।

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