कंडोम का इस्तेमाल आजकल धड़ल्ले से किया जाता है। यह गर्भनिरोधक व सुरक्षा की दृष्टि से सस्ता व सबसे अच्छा उपाय है। लेकिन दुष्प्रभाव ख़ासकर महिलाओं की यौन इच्छा को प्रभावित करता है। सुरक्षित गर्भ निरोधक के रूप में इसका बड़े पैमाने पर प्रचार किया जा रहा है। लेकिन इसके लगातार प्रयोग से कई तरह के नुक़सान होते हैं। आज हम लैटेक्स कंडोम के नुकसान जानेंगे।
कंडोम के नुकसान
अनेक चिकित्सकीय सर्वेक्षण के बाद यह बात सामने आई है कि बहुत अधिक कंडोम का प्रयोग करने से महिलाओं की यौन कामना में कमी आती है। जो कि कंडोम का दुष्प्रभाव ही है। यह चिंता की बात है। इससे केवल महिलाएं प्रभावित नहीं होंगी, पुरुष भी प्रभावित होंगे।

1. कामोत्तेजना में कमी
यह सच है कि कंडोम का प्रयोग निरोध का सुरक्षित उपाय है और गोलियों की अपेक्षा सस्ता भी है। लेकिन दूसरी तरफ़ यह भी सच है कि यह महिलाओं का सेक्स जीवन समाप्त कर रहा है। यह कंडोम के नुकसान है। सप्ताह में यदि दो या अधिक बार कंडोम का उपयोग किया जाए तो महिलाओं की योनि में कामोत्तेजना पैदा करने वाले प्राकृतिक स्राव निकलने कम होने लगते हैं। आंतरिक परत और झिल्ली की संवेदनशीलता समाप्त होने की आशंका रहती है, इससे दिन-प्रतिदिन कामोत्तेजना में कमी आती है और नैसर्गिक रूप से जो स्राव योनि के अंदर स्खलित होता है, उसका अभाव होने लगता है। जिससे योनि के भीतर की चिकनाई कम होने लगती है और एक दिन ऐसा आता है जब चिकनाई बिल्कुल नहीं रह जाती। योनि का भीतरी सूखापन बढ़ जाता है। इसकी वजह से सेक्स के समय दर्द होने लगता है। खराश, खुजली व जलन आदि की समस्या उत्पन्न हो जाती है जो कंडोम का दुष्प्रभाव है।
2. रुचि और संवेदना में कमी
योनि की भीतरी चिकनाई समाप्त होने से पुरुष के स्पर्श से होने वाली सुखद अनुभूति कम हो जाती है। इससे सेक्स के प्रति उनकी रुचि व संवेदना कम होने लगती है। सेक्स के लिए महिलाएं जल्दी तैयार नहीं होतीं, वे बचने की कोशिश करती हैं। सेक्स उनके लिए दु:खदायी शारीरिक श्रम के अलावा कुछ और नहीं होता। इसलिए सेक्स करने के लिए उनके लिए कंडोम ज़रूरी हो जाता है। बिना कंडोम के सेक्स करना उन्हें असहनीय पीड़ा देता है।
3. संक्रामक बीमारियों का ख़तरा
कंडोम का दुष्प्रभाव गंभीर तब हो जात है जब संक्रामक बीमारियां पकड़ लेती हैं। प्राकृतिक रूप से महिलाओं के जननांगों में प्रतिरक्षा की शक्ति होती है। लगातार कंडोम का उपयोग करने से शक्ति दिन-प्रतिदिन क्षीण होने लगती है तथा योनि का अम्लीय वातावरण दूषित हो जाता है। इससे योनि- ग्रीवा में घर्षण होता है और योनि के अंदर की परत छिल या कट जाती है। सूजन आ जाता है, कभी-कभी घाव भी हो जाते हैं। बार-बार सेक्स से वह घाव हरे हो जाते हैं और पीड़ा देते हैं। रक्तस्राव होने लगता है, इससे गर्भाशय व जननांगों में संक्रमण फैल सकता है। ऐसी अवस्था में अधिक लापरवाही कैंसर को जन्म दे सकती है। इसलिए यदि कंडोम का प्रयोग करें तो मैनफोर्स कंडोम जैसे अच्छे कंडोम को माह में एक या दो बार ही प्रयोग करें, इससे अधिक बार इस्तेमाल नुक़सानदायक हो सकता है।
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