पौष्टिक गुणों से भरपूर है मट्ठा

मट्ठा के बारे में हम सभी जानते हैं। दही मथकर घी निकालने के बाद जो पानी बचता है उसे मट्ठा कहते हैं। यह बहुत सारे पौष्टिक तत्‍वों से भरपूर होता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है, जिन महिलाओं को मेनोपाज़ के बाद गर्मी लगती है, उनके शरीर को भी यह ठंडक पहुंचाता है। इसलिए जिसे ज़्यादा गर्मी लगती हो, उसे इसका सेवन ज़रूर करना चाहिए। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल्‍स, विटामिन बी व पोटैशियम आदि पोषक तत्‍व पाए जाते हैं। पेट के रोगों के लिए यह रामबाण औषधि है। सुबह चाय पीने के स्‍थान पर यदि इसका सेवन किया जाए बहुत लाभप्रद है। यह आसानी से पच भी जाता है।

फ़ायदेमंद मट्ठा

मट्ठा के सेवन से लाभ

भोजन के बाद एक गिलास मट्ठे का सेवन करना चाहिए, इससे पेट के रोगों की रोकथाम होती है। जिन्‍हें दही पसंद नहीं है वे लोग मट्ठे का सेवन कर सकते हैं। इसमें काला नमक, जीरा व हींग मिलाने पर इसका स्‍वाद व गुण दोनों बढ़ जाता है।

पेट की गड़बड़ी

पेट यदि गड़बड़ है, कब्‍ज़ या दस्‍त से परेशान हैं तो मट्ठा आपकी मदद कर सकता है। मट्ठा में काला नमक, सेंधा नमक व मिश्री मिलाकर एक गिलास सेवन करें। आपको तत्‍काल लाभ मिलेगा।

बालों का झड़ना

सप्‍ताह में मट्ठे से दो बार बालों को धुलने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है। आटा व मट्ठा मिलाकर चेहरे पर लगाने से झुर्रियां कम होने लगती हैं। ये दोनों समस्‍याएं जिन्‍हें हैं, उन्‍हें मट्ठे का उपयोग कर इसका लाभ देखना चाहिए।

एसीडिटी

आजकल सब्‍ज़ी में ज़्यादा मसाले का प्रयोग शुरू हो गया है, इसकी वजह से पेट में जलन, एसीडिटी, कब्‍ज़ आदि की समस्‍या सिर उठा रही है। यदि भोजन के बाद एक गिलास मट्ठे का सेवन किया जाए तो इन समस्‍याओं से मुक्ति मिल जाती है।

कैल्शियम से भरपूर

कैल्शियम के लिए लोग दूध का सेवन करते हैं लेकिन जिन्‍हें दूध अच्‍छा नहीं लगता है उन्‍हें मट्ठे का सेवन करना चाहिए, इससे भी पर्याप्‍त मात्रा में शरीर को कैल्शियम मिल जाता है। कैल्शियम के साथ ही इसमें प्रोटीन, विटामिन बी, पोटैशियम और लगभग भी प्रकार के मिनरल्‍स इसमें पाए जाते हैं।

बवासीर

मट्ठा बवासीर रोग में काफ़ी लाभप्रद है। इसका नियमित सेवन कैंसर में भी लाभ पहुंचाता है। साथ ही कोलेस्‍ट्रॉल व उच्‍च रक्‍तचाप नियंत्रित होता है। इसमें मिलने वाले बायो एक्टिव प्रोटीन से कोलेस्‍ट्रॉल व उच्‍च रक्‍तचाप नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

हिचकी

हिचकी आने पर मट्ठा आपकी मदद कर सकता है। कभी-कभी हिचकी इतनी तेज़ आती है कि संभलना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए एक गिलास मट्ठा लें और उसमें एक चम्‍मच सोंठ डालकर पी जाएं।

अन्‍य प्रयोग

– मट्ठा के साथ जायफल घिसकर चाटने से उल्‍टी बंद हो जाती है।

– मट्ठा के साथ गुलाब की जड़ पीसकर मुंह पर लगाने से मुंहासे ख़त्‍म होते हैं।

– पैर की फटी एड़ियों पर मट्ठे का ताज़ा मक्‍खन लगाने से लाभ होता है।

– मट्ठे को छौंककर सेंधा नमक डालकर पीने से मोटापा कम होता है।

– सुबह-शाम मट्ठा या पतली लस्‍सी पीने से स्‍मरण शक्ति बढ़ती है।

– मट्ठा के साथ गिलोय का चूर्ण लेने से उच्‍च रक्‍तचाप कम होता है।

– आग से जलने पर तुरंत मट्ठा या छाछ लगाने से आराम मिलता है।

विषैले जीव-जंतुओं के काटने पर मट्ठे में तंबाकू मिलाकर लगाने से लाभ होता है।

– छाछ के साथ अमलतास के पत्ते पीसकर लगाने से खुजली खत्‍म होती है, इसे लगाने के थोड़ी देर बाद नहा लेना चाहिए।

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