कब्ज़ का रामबाण इलाज

आजकल खानपान के चलते कब्ज़ एक आम समस्‍या है। अब मोटे अनाज विदा हो गए, गेहूं का बहुत बारीक़ पिसा आटा खाया जाने लगा। इससे कब्ज़ की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो रही है। आज हम कब्ज़ से आसानी से निजात के उपाय बता रहे हैं। नियमित प्रयोग से पुराने से पुराना कब्ज़ भी चला जाता है। आइए आज हम आपको कब्ज़ का रामबाण इलाज बताते हैं।

कब्ज़ का रामबाण इलाज

कब्ज़ का रामबाण इलाज

– त्रिफला का प्रयोग करें। एक भाग हर्र, दो भाग बड़ी बहेड़ा व चार भाग आंवला का चूर्ण मिला लें। रोज रात को एक चम्‍म्‍च गर्म पानी से सेवन करें।

– आंव, सिरदर्द, बवासीर, रक्त विकार, खुजली व त्वचा रोग की चिकित्‍सा के पूर्व पेट साफ़ कर लेना चाहिए। आधा से एक चम्मच विरेचन चूर्ण सोते समय गुनगुने गर्म पानी के साथ साथ लेने से सुबह दस्‍त खुलकर आता है।

– सुबह उठकर कुल्‍ला करके एक गिलास ठंडा पानी पीयें और उसके बाद एक गिलास गुनगुने गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीयें। इसके बाद शौच के लिए जाएं। यदि प्रेशर नहीं बन रहा है तो जोर न लगाएं, दोनों पैरों को दो फीट के फासले पर फैला ले और झुककर दोनों हथेलियों को घुटने पर रख लें, इसके बाद ज़ोर से सांस बाहर फेंककर सांस रोके और पेट को अंदर खींचे फिर छोड़ें, ऐसा जितनी बार कर सकें करें, अब सांस अंदर खींचकर खड़े हो जाएं। 3-4 बार सांस लेकर फिर झुक जाएं और वही प्रक्रिया अपनाएं। ऐसा 3-4 बार करके शौच के लिए बैठें। इसे अग्निसार क्रिया कहते है। इस क्रिया से मल जल्दी विसर्जित हो जाता है।

– शाम को शौच न जाना भी कब्ज़ का कारण है। शाम को शौच ज़रूर जाएं। यदि शौच न आए तो भी जाएं और जोर न लगाएं। सुबह वाली प्रक्रिया दोहराएं।

– रात को सोते समय ठंडे पानी या दूध के साथ ईसबगोल की भूसी का सेवन करें।

– एक-दो छोटी हरड़ कूटकर दूध में उबाल लें और उसे पी जाएं। यह कब्ज़ से निजात का सबसे आसान तरीका है।

पुरानी का कब्ज़ का इलाज

– दस-दस ग्राम सनाय, सौंफ व मुनक्का लें और उसमें बबूल का गोंद मिलाकर पीस लें। रात को सोते समय इस चूर्ण का दूध के साथ सेवन करने से पुराना कब्ज़ भी दूर हो जाता है।

– दस-दस ग्राम सौंफ, अजवायन, निशोथ, वायविडंग, काला नमक लें इसमें काला दाना 50 ग्राम और सनाय 35 ग्राम मिलाकर पीस लें। रात को सोते समय एक चम्‍मच चूर्ण गुनगुने गर्म पानी के साथ लें, इससे सुबह दस्‍त साफ़ होता है।

– खट्टी डकार आना, जी मिचलाना, गले में चरपरा पानी आना, ठीक से भूख न लगना, अरुची, मंदाग्नि, अपच व कब्ज़ के लिए अग्निमुख चूर्ण का सेवन करना चाहिए। आधा चम्‍मच चूर्ण भोजन करने के बाद जीभ पर रखकर चूस लें। इससे तुरंत गैस निकल जाती है और पेट फूलना बंद हो जाता है।

– पेट साफ़ न हो रहा हो तो सुबह-शाम 3 से 6 ग्राम पंचसम चूर्ण गुनगुने गर्म पानी के साथ लेना चाहिए। यह अफारा, गैस, पेट फूलना, वायु न निकलना, उदर शूल, आंव, आम वात, कब्ज़, आम ज्वर, पेचिश, भोजन मे अरुचि आदि में लाभप्रद है। यह भी कब्ज़ का रामबाण इलाज है।

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