स्वस्थ शरीर के लिए रक्त की शुद्धता आवश्यक है। यदि रक्त शुद्ध नहीं है तो फोड़ा-फुंसी, त्वचा रोग, अपच आदि की समस्या उत्पन्न होती है। इससे वज़न भी गिरता जाता है। हमारे दूषित खानपान की वजह से रक्त में अनेक प्रकार के विजातीय तत्व प्रवेश कर जाते हैं जो रक्त को दूषित कर देते हैं। दूषित रक्त शरीर की कार्यप्रणाली को दूषित करता है और अनेक प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है। रक्त शुद्धीकरण करने के लिए हर चिकित्सा पद्धति में उपाय खोजे गए हैं। इन उपायों से खून साफ़ करने के लिए कोशिश की जाती है तथा उनमें पोषक तत्वों को शामिल करने का प्रयास किया जाता है।

रक्त को शुद्ध व साफ़ करने के लिए लीवर में स्थित खून पर चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग किया जाता है। रक्त शोधक वटी पेट में पहुंचकर खून को साफ़ करती हैं, ब्लड सर्कुलेशन को सही करती है, ताकि शरीर के हर हिस्से में पर्याप्त मात्रा में रक्त पहुंच सके। नियमित औषधियों का सेवन करने से एक समय के बाद पूरे शरीर का खून साफ़ हो जाता है और शरीर पर खून की खराबी से पड़ने वाले प्रभावों से मुक्ति मिल जाती है। रक्त शुद्ध होने के बाद खून को साफ़ करने वाले आहार को खाकर पुन: रक्त को दूषित होने से बचाया जा सकता है।
रक्त की शुद्धता के लिए घरेलू उपाय
– फ़ाइबर युक्त भोजन का प्रयोग ज़्यादा करें। ब्राउन राइस, सब्ज़ियों व ताज़े फलों का सेवन लाभप्रद रहेगा। शलजम, बंदगोभी, चुकंदर, गाजर, मूली, ब्रोकली, स्पीरयूलिना, क्लोरिल्ला व समुद्री शैवाल आदि का सेवन करना चाहिए। इनमें खून साफ़ करने की अद्भुत क्षमता होती है।
– हर्ब व ग्रीन टी भी रक्त को शुद्ध करने में सक्षम है।
– विटामिन सी का सेवन ज़्यादा करने से शरीर में ग्लूथाथियोन की मात्रा बढ़ती है और लीवर के रक्त की शुद्धता में वृद्धि होती है।
– प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी ज़रूर पियें। गहरी सांस लें। गहरी सांस लेने से फेफड़ों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है जो रक्त संचार को सही रखती है।
– नकारात्मक विचारों से बचें और मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों को प्रवेश दें।
– प्रतिदिन गर्म पानी से कम से कम पांच मिनट स्नान करें। इसके बाद आधा मिनट ठंडे पानी से नहाएं। दिन में तीन बार ऐसा करें और स्नान के बाद आधा घंटा के लिए सो जाएं।
– सुबह व्यायाम करें या तेज़ी के साथ टहलें ताकि आपके शरीर से पसीना निकले।
– शरीर में मरी हुई त्वचा को न रहने दें, उन्हें निकाल दें। पैरों को पैडीक्योर और हाथों को मैनीक्योर करें। इससे छिद्र खुल जाते है और रक्त में संचार में वृद्धि होती है।
– सौंप का सेवन करें। यह रक्त को साफ़ करता है तथा चर्म रोग नाशक है।