आमतौर पर भारतीय समाज में मान्यता है कि लड़के की उम्र बड़ी होनी चाहिए और लड़की की कम। जब शादी होती है तो बड़ी उम्र की लड़की और कम उम्र के लड़के से नहीं होती है। लड़के की उम्र बड़ी हो और लड़की की उम्र छोटी हो तो ही शादी की जाती है। सामान्य धारणा है यह है कि लड़की को हमेशा पति की इज़्ज़त करना सिखाया जाता है, शायद इसलिए उसकी उम्र बड़ी रखी जाती है। दंपती के बीच उम्र का अंतर का क्या प्रभाव डालता है, आज इस पोस्ट में इसी पर चर्चा करेंगे।
उम्र का अंतर क्यों?
१. परिपक्वता
लड़कियों की समझ व मेच्योरिटी पुरुषों की अपेक्षा कम उम्र में विकसित हो जाती है। लड़के भावनात्मक रूप से मेच्योर थोड़े बाद में होते हैं, लड़की और लड़के की मेच्योरिटी में लगभग तीन-चार का अंतर होता है। इसलिए लड़कियों की उम्र कम रखी जाती है ताकि दोनों की भावनात्मक परिपक्वता लगभग बराबर हो। इससे दोनों के सोच-विचार में सांमजस्य बैठ जाता है और जीवन की गाड़ी आसानी से चलने लगती है। छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद नहीं होते हैं।
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२. आमदनी
दूसरी बात शादी के बाद परिवार के ख़र्च की जिम्मेदारी पुरुषों पर होती है, हालांकि अब समय बदल गया है। लेकिन पहले के समय महिलाएं घर का काम देखती थीं और पुरुष बाहर का। पुरुष ही आय का स्रोत था। शादी में लड़के की उम्र इसलिए भी बड़ी रखी जाती थी कि लड़का आमदनी का स्रोत जल्दी विकसित कर ले ताकि परिवार का ख़र्च आसानी से चल सके। आमतौर पर वे शादियां ज़्यादा सफल देखी गई हैं जिसमें लड़के की उम्र ज़्यादा बड़ी होती है लगभग दस साल। उम्र के अंतर का वैवाहिक जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता है।
३. सहवास की समस्याएं
चूंकि लड़कियां अपनी उम्र से दो साल अधिक अनुभवी होती हैं। साथ ही बड़ी उम्र की लड़की होगी तो सेक्स समस्याएं भी होंगी और सोच-विचार का मिलना भी कठिन हो जाएगा। इसलिए शादी में लड़कियों की उम्र कम रखी जाती है।
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४. आपसी समझ
लड़कियां अपने समय से आगे होती हैं इसलिए उनमें सेक्स समस्याएं भी लड़कों की अपेक्षा जल्दी पनपने लगती हैं। यदि दोनों क उम्र की बराबर या लड़की की उम्र ज़्यादा कर दी जाए तो समस्याएं उठ खड़ी होती हैं और इसका प्रभाव संबंधों पर पड़ने लगता है। हालांकि उम्र का बहुत ज़्यादा असर संबंधों पर नहीं होता। सवाल उम्र का नहीं, एक-दूसरे को समझने का होता है। यदि दोनों एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं तो उम्र का कोई मतलब नहीं रह जाता है।
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५. सेक्स में रुचि
विभिन्न आयु के लोगों में सेक्स रुचि भी भिन्न होती है। चूंकि लड़कियों में सेक्स जल्दी विकसित होने लगता है इसलिए एक उम्र के बाद वह धीरे-धीरे समाप्त भी होने लगता है। इसलिए भी लड़कियों की उम्र कम रखी जाती है ताकि लड़के व लड़की की सेक्स रुचि समान रूप से साथ-साथ गति कर सके।