आपको बचपन की बातें तो याद होंगी ही। जब जाड़े में सुबह शाम घर में अलाव (कउड़ा) जलता था तो आलू भूनकर खाने में कितना मज़ा आता था। भाई-बहनों के बीच भुने इसे खाने को लेकर झगड़े भी हो जाते थे। आज आपको बता दें कि पोटैटो सिर्फ़ स्वादिष्ट ही नहीं होता है, उसमें शरीर को स्वस्थ रखने की अकूत कूबत है। यह सब्ज़ियों का राजा है। अपने मौसम के बाद भी पूरे वर्ष यह पर्याप्त मात्रा में बाज़ार में उपलब्ध होता है। कोई भी यज्ञ-भोज इसके बिना सूने हैं।
आलू के फायदे
पोषक तत्व
आलू में अनेक ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक हैं। इसमें प्रोटीन, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, विटामिन-बी व फास्फोरस प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। इसका सेवन हमारी रक्त वाहिनी नाड़ियों को लंबे समय तक लचकदार बनाए रखता है, उनमें कड़ापन नहीं आने देता। इस वजह से उम्र भी लंबी होती है।
आलू का उपयोग
– इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन होता है, इसे दूध के साथ खाना-पीना स्वास्थ्यवर्धक है।
– इसको आग या गर्म राख में भूनकर खाना अत्यंत गुणकारी है।
– घर में आग पर इसे भूनने की सुविधा न हो तो इसे पानी में उबालें और छिलका निकालकर खाएं।
– फ्रेश पोटैटो रक्तपित्त बीमारी में बहुत उपयोगी है।
– कभी चोट लगने पर वहां खून जम जाता है, वह स्थान नीला दिखाई देता है। उस स्थान पर कच्चा आलू पीसकर लगाने से लाभ होता है।
– यदि त्वचा जल गई हो अथवा तेज़ धूप में झुलस गई तो आलू का रस निकालकर लगाएं।
– त्वचा पर झुर्रियां पड़ी हों या किसी भी प्रकार के त्वचा रोग में पोटैटो जूस अत्यंत लाभकारी है।
– पुराने कब्ज़ से परेशान हैं तो भुना हुआ आलू खाएं। यह अंतड़ियों की सड़ांध को भी दूर करता है।

पोटैटो के स्वास्थ्य लाभ
– इसमें मिलने वाला पोटैशियम साल्ट अम्लपित्त को रोकने में कारगर है।
– नमक-मिर्च के साथ आलू भूनकर नियमित खाने से गठिया रोग में फ़ायदा होता है।
– इसे खाकर अधिक पानी पीने से गुर्दे की पथरी में लाभ मिलता है। पथरी आसानी से बाहर निकल जाती है।
– उच्च रक्तचाप नियंत्रित करने के लिए आलू का सेवन अत्यंत लाभकारी है।
– त्वचा पर इसका लेप लगाने से त्वचा साफ़ होती है।
– पोटैटो पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से पांच-छह वर्ष पुराना जाला और फूला तीन महीने में साफ हो जाता है।
– दुबले बच्चों को आलू का रस शहद में मिलाकर पिलाने से बच्चे मोटे हो जाते हैं। केवल इसका रस भी पिलाने से लाभ होता है।
– सूखे आलू में 8.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है, लगभग इनता ही प्रोटीन मुर्गी के चूजों में भी मिलता है। बुढ़ापे की कमज़ोरी दूर करने में यह बहुत सहायक है।