पायरिया से बचाव और घरेलू उपचार

पायरिया दांतों का एक रोग है। यह दांतों की ठीक से सफ़ाई न होने के कारण पनप सकता है। एक बार हो गया तो यह लगातार दांतों के आसपास की मांसपेशियों को संक्रमित कर उन्‍हें क्षति पहुंचाता रहता है। यदि ठीक से इसकी दवा न की गई धीरे-धीरे सभी दांत टूट जाते हैं। पायरिया में मसूड़ों से ख़ून आने लगता है और मुंह बदबू करने लगता है। दांतों में सेंस्टिविटी की समस्‍या उत्पन्न हो जाती है, दांतों में दर्द शुरू हो जाता है और पानी लगने लगता है और पानी पीने में परेशानी होती है।

पायरिया रोग

पायरिया से बचाव

– दांतों को सुबह सोकर उठने के बाद व रात को साने से पहले ब्रश से अच्‍छी तरह साफ़ करें, साथ ही जीभ छीलना न भूलें।

– पानी व विटामिन “सी” वाले फलों- आंवला, अमरूद, अनार व संतरे का सेवन पर्याप्‍त मात्रा में करें।

– पायरिया यदि हो गया तो मसाला से परहेज करें और सूखी तथा उबली सब्जियों का प्रयोग अधिक करें।

– जंकफूड, डिब्‍बा बंद, चीज़ व दूध से बने खाद्य पदार्थों, चीनी व मिठाई से बचें।

– धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन भी पयारिया को बढ़ाने में मदद करता है।

पायरिया को कैसे भगाएं दूर

– नीम की पत्तियों का मंजन पायरिया को दूर भगा सकता है। यह मंजन आप घर पर बना सकते हैं। नीम की पत्तियां लें और उन्‍हें धुलकर घर में ही सुखा लें, धूप में नहीं सुखाना चाहिए। उन्‍हें किसी बर्तन में रखकर जला दें। पत्तियां जब राख हो जाएं तो कुछ देर के बाद उनमें सेंधा नमक मिलाकर शीशी में भर लें और दिन में तीन-चार बार इससे दांत साफ़ करें।

– एक-एक चुटकी सादा नमक व हल्‍दी, चार-पांच बूंद सरसोंं के तेल में मिला लें और दांतों पर लगाकर 15-20 मिनट तक रखें।

– अमरूद में भरपूर विटामिन सी पाया जाता है। इसे नमक के साथ खाने पर पायरिया में लाभ मिलता है।

– पायरिया में घी व कपूर मिलाकर लगाने से भी लाभ मिलता है।

– काली मिर्च का चूर्ण लें और थोड़ा नमक मिलाकर दांतों पर मलें, इससे पायरिया को ठीक होने में मदद मिलती है।

– आवंला को जलाकर राख बना लें और उसे सरसो के तेल में मिलाकर मसूढ़ों धीरे-धीरे मलें।

– पायरिया से छुटकारा पाने के लिए सूखा मशाला, जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी बराबर-बराबर मात्रा में लेकर बंद बर्तन में जला लें। इसकी राख को नियमित मंजन के रूप में प्रयोग करें।

– पायरिया से मुक्ति के लिए 200 मिली अरंडी का तेल, 5 ग्राम कपूर और 100 मिली मधु का मिश्रण तैयार करें और नीम की दातून में उसे लगाकर नियमित दांतों को साफ करें।

– पायरिया को जड़ से समाप्‍त करने के लिए कटी हुई प्‍याज को तवे पर हल्‍का गरम कर दांतों के नीचे दबाकर मुंह बंद कर लें। जब मुंह में लार इकट्ठी हो जाए तो प्‍याज निकाल दें और लार को मुंह चारों ओर घुमाएं। यह प्रयोग एक सप्‍ताह तक रोज़ 4-5 बार करने से पायरिया जड़ से चला जाता है।

– खस, इलायची और लौंग का तेल मिलाकर मसूड़ों में लगाने से भी पायरिया में आराम मिलता है।

– सेंधा नमक व फिटकरी 25-25 ग्राम तथा सादा तम्बाकू 50 ग्राम लें। तंबाकू को तवे पर काला होने तक भूने, इसके बाद उसे पीसकर सूती महीन कपड़े से छान लें। उसमें सेंधा नमक व फिटकरी पीसकर मिला लें। इसे पुन: तीन बाद छानें। इसमें से थोड़ा मंजन लें और उसमें नींबू के 4-5 बूंद रस मिलाकर मसूढ़ों पर मालिश करें। तंबाकू न खाने वाले लोग इस प्रयोग से बचें, उन्‍हें चक्‍कर आ सकता है।

– गंधक रसायन, आरोग्यवर्धिनी बटी, कसीस भस्म व फिटकरी 5-5 ग्राम, सोना गेरू 10 ग्राम व त्रिफला चूर्ण 20 ग्राम लेकर घोंट लें। इसकी कुल 21 पुडि़या बनाएं। दिन में तीन बार एक कप पानी में एक पुडि़या घोलकर मुंह में थोड़ी देर रखें, उसके बाद पी जाएं।

– मुंह की बदबू दूर करने के लिए अनार के छिलके पानी में डाल कर खूब खौला लें। ठंडा हो जाने दें। दिन में तीन-चार बार इस पानी से कुल्‍ला करें।

– फिटकरी व बादाम के छिलकों को भून लें और पीसकर चूर्ण बना लें, इसे रोज दांतों पर मले। मलेरिया से जल्‍दी मुक्ति मिलेगी।

– पान में कपूर डालकर खाएं और उसकी लार को थूकते जाएं। पायरिया में लाभ मिलेगा।

– एक गिलास गर्म पानी में 5- 6 बूंद लौंग का तेल मिलाकर कुल्‍ला करने से भी पायरिया ठीक होता है।

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