स्वाइन फ़्लू से जुड़ी अफ़वाहें और सही इलाज

आज कल स्वाइन फ़्लू (Swine flu) की समस्या और उसका समाचार बहुत तेज़ी से संसार भर में फैल रहा है। बहुत से लोग इस बात को लेकर बेचैन है और उनके मन में फ़ेसमास्क और अन्य बातों को लेकर अनेक प्रश्न हैं।

स्वाइन फ़्लू कैसे फैलता है?

स्वाइन फ़्लू ए/एच1एन1 फ़्लू वायरस (H1N1 flu virus) से होता है जो खाँसने और छींकने से सबसे ज़्यादा फैलता है। यह बहुत ही संक्रामक साँस की बीमारी है। इस वजह से, आप चाहे बीमारी हों या न हों, फिर भी खाँसते या छींकते समय अपने मुँह को ढकें और अपने हाथों को नियमित रूप से बार-बार धोते रहें। अपनी नाक या मुँह को बार-बार न छुएँ और न ही अपनी आँखों को मलें। प्रयोग किये गये टीसू को इस्तेमाल के बाद उचित स्थान पर फेंक दें।
स्वाइन फ़्लू - एच1एन1 वायरस का ख़तरा

क्या सुअर का माँस / पॉर्क (Pork) खाने से स्वाइन फ़्लू फैलता है?

अच्छे से पके हुए सुअर को खाने से भी स्वाइन फ़्लू नहीं फैलता है, लेकिन यदि आप स्वाइन फ़्लू से प्रभावित सुअर के सम्पर्क में आते हैं तो यह आपको लग सकता है।

क्या किसी के गाल या होंटों पर चुम्बन लेना ठीक है?

इस बारे में सभी की राय अलग-अलग है, लेकिन अधिकांश लोग इस फ़्लू से बचने के लिए चुम्बन के साथ-साथ गले मिलने को भी मना करते हैं।

क्या हाथ मिलाना सुरक्षित है?

एक बार फिर, इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया है। नियमित रूप से हाथ धोकर आप सावधानी बरत सकते हैं।

क्या मुँह पर मास्क पहनना चाहिए?

यह आपका व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन यह पुष्टि की जा चुकी है कि ऐसे फ़ेस मास्क (Face mask) जो आपके मुँह को ठीक से ढक लेते हैं, वह फ़्लू और अन्य वायरस को फैलने से रोकने में सक्षम हैं। ध्यान रखें यह वो मास्क नहीं है जिन्हें लोग सफ़ाई या निर्माण कार्य के समय पहनते हैं। किसी फ़्लू महामारी के पीड़ित व्यक्ति को, भीड़-भाड़ में जाने पर या फ़्लू लक्षण से प्रभावित लोगों के आप-पास रहने वाले लोगों को सर्जिकल मास्क (Surgical mask) ही प्रयोग करना चाहिए। आप सर्जिकल फ़ेस मास्क को किसी भी दवाखाने या मेडिकल सप्लाई स्टोर से ख़रीद सकते हैं।

अभी तक स्वाइन फ़्लू से कितने लोगों की मौत हो चुकी है?

अभी 2 मार्च 2015 को एबीपी न्यूज़ की साइट के अनुसार में भारत में अब तक स्वाइन फ़्लू के कारण 1075 लोगों की मौत दर्ज़ की गयी है जबकि एच1एन1 वायरस से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या 20,000 के क़रीब है।
राज्य । स्वाइन फ़्लू से मौतें । प्रभावित व्यक्ति
गुजरात । 275 । 4614
राजस्थान । 261 । 5528
मध्य प्रदेश । 153 । 1010
महाराष्ट्र । 143 । 1735
तेलंगाना । 57 । 0000
कर्नाटक । 46 । 0000
पंजाब । 42 । 0000
हरियाणा । 21 । 0000
आंध्र प्रदेश । 12 । 0000
पश्चिम बंगाल । 08 । 0131
हिमाचल प्रदेश । 08 । 0000
जम्मू और कश्मीर । 07 । 0000
केरल । 07 । 0000
ओडिशा । 04 । 0000
दिल्ली । 00 ।  2891
उत्तर प्रदेश । 00 । 0614
स्रोत -एबीपी न्यूज़

स्वाइन फ़्लू या साधारण सर्दी-जुकाम की पहचान कैसे करें?

डॉक्टरी जाँच आवश्यक है किंतु अन्य इंफ़्लुएंज़ा (इंफ्लुएंजा / Influenza) मामलों की तरह, पीड़ित को अचानक से तेज़ बुख़ार आता है, सिर में दर्द रहता है, अधिक थकान लगती है, बलगम हो जाता है, गले में खिचखिच और दर्द रहता है, नाक बहती रहती है और बदन दर्द भी होता है। इसलिए यदि ऐसे लक्षण लगें तो तुरन्त डॉक्टर से परामर्श लें।

क्या स्वस्थ व्यक्तियों को स्वाइन फ़्लू की चिंता करनी चाहिए?

जी हाँ, स्वाइन फ़्लू सभी आयु के लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। सभी को सावधानी बरतनी चाहिएचाहिए और सतर्क रहते हुए नियमित हाथ धोना चाहिए, अपनी आँखों, मुँह और नाक को बार-बार नहीं छूना चाहिए, इससे भी ज़रूरी छींकते या खाँसते समय नाक-मुँह को रूमाल से ढक लेना चाहिए।

स्वाइन फ़्लू का इलाज क्या है?

किसी अन्य सर्दी-जुकाम तरह स्वाइन फ़्लू होने पर घर पर आराम करें, तरल पदार्थ जैसे दूध, जूस और पानी का सेवन अधिक मात्रा में करें, शराब और तम्बाकू के सेवन से बचें, और दर्द से राहत के लिए दर्द निवारक दवाएँ भी लें। पूरी जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। अमेरिका ने एंटी-वायरल दवा के रूप में टैमिफ़्लू, रेलेंज़ा, सेमेट्रल और फ़्लूमाडाइन के इलाज के लिए मान्यता दी है, लेकिन स्वाइन फ़्लू के लिए टैमीफ़्लू और रेलेंज़ा बहुत प्रभावशाली साबित हुई हैं।
भारत में होम्योपैथी मेडिकल स्टोर्स पर स्वाइन फ़्लू से बचाव के लिए इंफ्लुएंज़िनम 200 (Influenzinum 200) नाम से दवा बाज़ार में उपलब्ध है जो बहुत ही लाभकारी है।

क्या स्वाइन फ़्लू के लिए कोई वैक्सीन (Swine flu vaccine) है?

जी हाँ, अब स्वाइन फ़्लू के बचने के लिए वैक्सीन भारतीय बाज़ार में उपलब्ध हैं। इसका मूल्य भी कोई अधिक नहीं है, आप इसे लगभग 500-1000 रुपये के दाम में ख़रीद सकते हैं। इस वैक्सीन को लगाने के बाद 3 सप्ताह में यह असर दिखाने लगती है।

क्या स्वाइन फ़्लू के ख़तरे को देखते हुए यात्राएँ रद्द करनी चाहिए?

यह आपका व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन यह सच है कि अधिक लोगों के सम्पर्क में आने से ख़तरे की सम्भावना भी बढ़ जाती है। लेकिन भारत सरकार या किसी राज्य सरकार ने इस सम्बंध में कोई चेतवानी नहीं लागू है।
फ़रवरी-मार्च 2015 में स्वाइन फ़्लू से मौत और प्रभावित लोगों की संख्या में इजाफ़े को देखते हुए अहमदाबाद, गुजरात में धारा 144 लगा दी गयी है। जिसका मतलब है कि किसी सार्वजनिक स्थान पर 4 या अधिक लोगों का समूह खड़ा नहीं हो सकता है। इसके चलते सार्वजनिक कार्यक्रमों को स्थागित करने की सलाह भी दी है।

क्या स्वाइन फ़्लू सार्स से भी घातक है?

2002-2003 में सार्स महामारी (SARS/Severe Acute Respiratory Syndrome) में 774 लोगों की मौत हुई थी। जिसमें से 10 प्रतिशत लोग कोरोना वायरस से प्रभावित थे। अधिकांश मामले चीन में पाये गये थे। अमेरिका में केवक 8 मामले देखे गये थे और यह कोई विपत्ति नहीं थी।

क्या स्वाइन फ़्लू बर्ड फ़्लू से भी घातक है?

बर्ड फ़्लू (एच5एन1) से लाखों बर्डस मारी गयीं थीं, और डब्ल्यू एच ओ के अनुसार, 12 देशों में 250 लोग मारे गये थे।

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